Move to Jagran APP

चीन को NSG-NPT से मतलब नहीं, पाक को कर रहा गैरकानूनी मदद: रिपोर्ट

चीन को एनएसजी-एनपीटी पर बने अंतरराष्ट्रीय कानूनों की परवाह नहीं है। एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन अपनी जरूरत के हिसाब से कानूनों की व्याख्या करता है।

By Lalit RaiEdited By: Published: Mon, 01 Aug 2016 02:50 AM (IST)Updated: Mon, 01 Aug 2016 10:07 AM (IST)

नई दिल्ली। चीन की चाल से पूरी दुनिया वाकिफ है। चीन अपने फायदे के हिसाब से कानून की व्याख्या करता है। ताजा मामला गैर एनपीटी पाकिस्तान को परमाणु ऊर्जा के संबंध में तकनीक हस्तांतरण का है। सियोल में एनएसजी की बैठक में चीन ने भारत की सदस्यता पर ये कहकर रोड़ा अटकाया था कि भारत नियमों के दायरों में नहीं आता है। लिहाजा उसे एनएसजी की सदस्यता नहीं मिलनी चाहिए। लेकिन एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन 2010 में एनपीटी रिव्यू कॉन्फ्रेंस के नियमों की अनदेखी कर रहा है। पाकिस्तान के परमाणु संयत्रों के निर्माण में चीन तकनीकि रूप से मदद कर रहा है।

loksabha election banner

IAEA के नियमों का उल्लंघन

परमाणु अप्रसार और निरस्त्रीकरण से जुड़े आर्म्स कंट्रोल एसोसिएशन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तान के परमाणु संयत्र आईएइए के तरफ से सुरक्षित घोषित नहीं किए गए हैं। ऐसे में चीन द्वारा गैर एनपीटी पाकिस्तान को मदद करना अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है। चीन नियमों की मनमाने तरीके के व्याख्या कर पाकिस्तान को मदद कर रहा है। जिसे किसी तरह कानूनी सहमति नहीं मिली है।

'एनएसजी सदस्यता पर चीन से बातचीत जारी, NPT पर नहीं करेंगे दस्तखत'

चास्मा-3 के लिए डील

रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने पाकिस्तान से चास्मा-3 रिेएक्टर की स्थापना के लिए डील किया था। लेकिन 2010 में एनपीटी रिव्यू कान्फ्रेंस में चीन की तरफ से ये सहमति आयी थी कि किसी भी गैर एनपीटी सदस्य को परमाणु संयंत्र से जुड़ी तकनीक को हस्तांतरित नहीं किया जा सकता है। गैर एनपीटी भारत ने इस मुद्दे पर चीन के इस रुख पर नाराजगी जताई लेकिन चीन के साथ इस मुद्दे पर वो बातचीत भी करता रहा ताकि चीन के रुख में किसी तरह का परिवर्तन आ सके। लेकिन एनएसजी पर वियना और सियोल मीटिंग के समय चीन ने एनएसजी की अगुवाई कर रहे राफेल मारियानो ग्रासी से अपील की वो एनएसजी में सदस्यता हासिल करने के लिए पूर्व शर्त एनपीटी पर हस्ताक्षर सुनिश्चित करें। यदि किसी गैर एनपीटी सदस्य को एनएसजी में लाने की बात है तो इस मुद्दे पर गहन वार्ता होनी चाहिए।

बराक अोबामा से चीन में मिलेंगे पीएम मोदी, एनएसजी पर हो सकती है चर्चा

पाक को गैरकानूूनी मदद

पाकिस्तान के परमाणु संयंत्रों को तकनीक के हस्तांतरण पर चीन का कहना है कि पाकिस्तान के साथ उसने 2003 में समझौता किया था , जबकि वो 2004 में एनएसजी का सदस्य बना लिहाजा वो किसी भी तरह एनपीटी या एनएसजी के नियमों का उल्लंघन नहीं करता है। हालांकि चीन के इस बयान पर रिपोर्ट में ये कहा गया है कि पाकिस्तान के 6 परमाणु संयंत्रों को तकनीक हस्तांतरण की पहले दो चास्मा रिएक्टरों को कर सकता है। शेष 4 रिएक्टरों को वो कानूनन मदद नहीं कर सकता है। अंतरराष्ट्रीय जगत भी इस बात को मानता है कि चीन अपने हिसाब से नियमों की व्याख्या करता है। जबकि उसे ये अधिकार नहीं हासिल है।

अक्टूबर में मिल सकती है भारत को एनएसजी की सदस्यता

गैर एनपीटी-गैर एनएसजी पाक पर चीन मेहरबान

रिपोर्ट के मुताबिक चीन के न्यूक्लियर एक्सपोर्ट पर नियंत्रण के बाद भी पाकिस्तान को लगातार चीन तकनीक हस्तांतरित कर रहा है। पाकिस्तान न तो एनपीटी का सदस्य है न ही आईएईए की तरफ से उसके परमाणु संयंत्रों को एनओसी मिली है। चीन द्वारा पाकिस्तान को परमाणु ऊर्जा में मदद करना एनएसजी के नियमों की पूर्ण रूप से अनदेखी है। रिपोर्ट के मुताबिक चीन 2000 में दिए गए अपने उस वादे से मुकर रहा है जब उसने चार साल बाद एमटीसीआर में शामिल होने के लिए आवेदन किया था। अब जबकि भारत एमटीसीआर का सदस्य बन चुका है, अभी भी चीन के आवेदन पर रोक लगी है।

भारत की एनएसजी में दावेदारी का हंगरी ने किया समर्थन


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.