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    अब सरकार पर कोयले की कालिख

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    Updated: Fri, 23 Mar 2012 03:59 PM (IST)

    2जी, राष्ट्रमंडल और आदर्श सोसाइटी जैसे घोटालों के बाद अब संप्रग सरकार के चेहरे पर कोयले की कालिख भी पुत गई। पिछले मामलों की तरह इस दफा भी सरकार के लिए मुसीबत का सबब नियंत्रक एवं महालेखा नियंत्रक [कैग] की रिपोर्ट ही बनी है। कैग की अंतरिम रिपोर्ट के मुताबिक बगैर नीलामी के 2004 से 2009 के बीच एक सौ निजी और सरकारी कंपनियों को कोयला ब्लाक आवंटित किए गए। इससे सरकारी खजाने को 10.67 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

    नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। 2जी, राष्ट्रमंडल और आदर्श सोसाइटी जैसे घोटालों के बाद अब संप्रग सरकार के चेहरे पर कोयले की कालिख भी पुत गई। पिछले मामलों की तरह इस दफा भी सरकार के लिए मुसीबत का सबब नियंत्रक एवं महालेखा नियंत्रक [कैग] की रिपोर्ट ही बनी है। कैग की अंतरिम रिपोर्ट के मुताबिक बगैर नीलामी के 2004 से 2009 के बीच एक सौ निजी और सरकारी कंपनियों को कोयला ब्लाक आवंटित किए गए। इससे सरकारी खजाने को 10.67 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

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    पहले ही विश्वसनीयता और साख के संकट से जूझ रही संप्रग सरकार के खिलाफ इस नए रहस्योद्घाटन से गुरुवार को विपक्ष ने संसद में खूब हंगामा किया। इसकी वजह से दोनों सदनों की कार्यवाही भी स्थगित करनी पड़ी। प्रधानमंत्री कार्यालय [पीएमओ] ने हालांकि तत्काल कैग से इस बाबत खंडन जारी करा दिया। इसके बाद फिलहाल विपक्ष शांत हो गया, लेकिन आने वाले दिनों में सरकार के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है क्योंकि रिपोर्ट में जिस समय का जिक्र है, उस दौरान लंबे समय तक कोयला मंत्रालय प्रधानमंत्री के पास रहा।

    प्रधानमंत्री ने गुरुवार शाम एक कार्यक्रम में कहा कि कैग पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि कोयला खदान आवंटन पर उसकी कोई रिपोर्ट नहीं है। कैग ने भी नुकसान के आंकड़ों को शुरुआती करार दिया, लेकिन उसने उन्हें खारिज नहीं किया। कैग ने आंकड़े लीक होने पर दुख भी जताया। लगातार कैग के रहस्योद्घाटनों से सरकार की परेशानी बढ़ी है, ऐसे में कांग्रेस की तरफ से रिपोर्ट लीक करने पर तमाम सवाल उठाए जा चुके हैं। इसीलिए पीएमओ के सक्रिय होने के तुरंत बाद कैग ने इस मसले पर लंबी-चौड़ी सफाई पेश की। लेकिन, उसमें कहीं भी 10.67 लाख करोड़ के नुकसान के आंकड़े को गलत नहीं बताया गया।

    2जी स्पेक्ट्रम आवंटन से करीब छह गुना ज्यादा बड़े नुकसान की खबर आने के तुरंत बाद पीएमओ ने एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति जारी की, जिसमें कैग के स्पष्टीकरण का हवाला दिया गया। कैग ने पीएमओ को भेजी चिट्ठी में कहा है, 'मीडिया में आया ब्योरा कुछ टिप्पणियां भर हैं जिन पर अभी बेहद शुरुआती दौर की चर्चा हो रही है। यह रिपोर्ट हमारी अंतरिम रिपोर्ट का मसौदा भी नहीं है। यह सब भ्रामक है।' कैग ने पत्र में यह भी कहा है कि रिपोर्ट तैयार करने के सिलसिले में कोयला मंत्रालय के साथ 9 फरवरी, 2012 और 3 मार्च, 2012 को हुई बैठकों के बाद हमने अपनी सोच बदली है। कैग ने अनुमानित नुकसान पर भी सफाई पेश की और कहा, 'दरअसल हमारा यह मानना भी नहीं है कि आवंटियों को अनायास जो फायदा हुआ वह सरकारी खजाने का नुकसान है।'

    कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने पहले तो कहा कि यह सब मामला उनके कार्यकाल का नहीं है। लेकिन, बाद में उन्होंने कहा, 'कोयला ब्लाक आवंटन कोयला सचिव की अध्यक्षता वाली जांच समिति के जरिये किया जाता है। अभी कैग की कोई रिपोर्ट मुझे नहीं मिली है।'

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