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    'JNU-कन्हैया विवाद का फायदा उठाकर देश में हिंसा भड़काना चाहता था IS'

    By kishor joshiEdited By:
    Updated: Sat, 14 May 2016 08:06 AM (IST)

    जेएनयू विवाद और कन्हैया की गिरफ्तारी के दौरान देश भर में हुए प्रदर्शनों के दौरान आईएस भारत में हिंसक प्रर्दशनों को भड़काना चाहता था।

    नई दिल्ली। भारत में इस्लामिक स्टेट (ISIS) के लिए नई भर्ती प्रक्रियाओं को संचालित करने वाले संदिग्धों की गिरफ्तारी के बाद एक यह खुलासा हुआ है कि बर्बर आतंकी संगठन आईएसआईएस, जेएनयू विवाद और कन्हैया की गिरफ्तारी के दौरान देश भर में हुए विरोध प्रदर्शनों का फायदा उठाकर देशभर में हिंसा भड़काना चाहता था।

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    टीओआई की खबर के अनुसार, 19 फरवरी को जब देशद्रोह के आरोप में कन्हैया को गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल भेजा गया तो देश के कई विश्वविद्यालयों में कन्हैया की गिरफ्तारी के लिए विरोध में धरना प्रर्दशन हुए। इसी दौरान आतंकी संगठन आईएस के अहमद अली ने पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के 19 वर्षीय आशिक अहमद उर्फ राजा से संपर्क साधा और कहा कि इन प्रदर्शनों में शामिल होकर वाहनों में आग लगा दे और तेल के टैंकरों का पेट्रोल बम के तौर पर उपयोग करे।

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    यह खुलासा किया है भारत में आईएसएस से जुड़े तीन लोगों ने किया है जो आईएसआईएस के लिए भारत में भर्ती का काम देखने वाले संगठन- जुनैद अल खलीफा-इ-हिंद (जेकेएच) से जुड़े थे इनका नाम है- आशिक अहमद उर्फ राजा, मोहम्मद अब्दुल अहद और मोहम्मद अफजल।

    इन तीनों के बयान को एनआईए ने भारतीय दंड संहिता (सीआरपीसी) की धारी 164 के तहत दर्ज किया है। ऐसा पहली बार हो रहा है कि जब आईएस से जुड़े किसी आतंकी का कोई एजेंसी दर्ज कर रही हो। अपने बयान में इन्होंने स्वीकार किया है ये लोग तुमकुर, बैंगलोर, पश्चिम बंगाल तथा पंजाब में इनकी बैठकें हुई थी और ये उसमें शामिल हुए थे।

    यासिन भटकल को भी जेल से छुड़ाना चाहता था IS

    अपने बयान में आशिक ने कहा कि स्वयं को अंसार-उद तौहिद फि बिलाद अल-हिंद (एयूटी) का मुखिया बताने वाले अहमद अली ने उससे ट्रिलियन एप के जरिए संपर्क साधा था और इसी दौरान एनआईए ने आईएस के 14 सदस्यों को धर दबोचा। आशिक ने बताया, "उसने बताया कि एजेंसियां हम पर नजर बनाए हुए हैं, उसने मुझसे कहा कि देश में एक छात्र प्रर्दशन चल रहा है और हमें इन प्रदर्शनों में शामिल होकर वाहनों और तेल टैंकरों को जला देना चाहिए।"

    आशिक ने कहा, "उसने मुझसे जासूसी, तैराकी सीखने और नक्शे तैयार करने को कहा था और उसका पहला निशाना 'शिया' मुसलवान थे उसके बाद वह आईएम के पुर्व मुखिया यासिन भटकल को जेल से छुड़ाना चाहता था। "