आंकड़े तो प्रधानमंत्री के दावों के साथ
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह को इस बात की पीड़ा है कि प्रधानमंत्री के रूप में उनके दो कार्यकालों का आकलन ठोस प्रदर्शन के आधार पर न कर विपक्ष और मीडिया की धारणाओं के आधार पर किया जा रहा है। शायद यही वजह है कि उन्होंने बार-बार कहा कि उनका सही आकलन इतिहास करेगा। शुक्रवार को अपन

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह को इस बात की पीड़ा है कि प्रधानमंत्री के रूप में उनके दो कार्यकालों का आकलन ठोस प्रदर्शन के आधार पर न कर विपक्ष और मीडिया की धारणाओं के आधार पर किया जा रहा है। शायद यही वजह है कि उन्होंने बार-बार कहा कि उनका सही आकलन इतिहास करेगा।
शुक्रवार को अपनी प्रेस कांफ्रेंस में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने नौ वर्ष के कार्यकाल की आर्थिक उपलब्धियों के आंकड़े जारी कर यही साबित करने की कोशिश की। उन्होंने बताया कि किस तरह संप्रग-1 और संप्रग-2 की सरकारों ने राजग सरकार के मुकाबले हर अहम आर्थिक मोर्चे पर बेहतर प्रदर्शन किया है। फिर चाहे बात सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की हो या कृषि विकास की, औद्योगिक उत्पादन की हो अथवा बिजली उत्पादन की। यहां तक कि उद्योग जगत में आम धारणा है कि संप्रग के दौर में निवेश में ठहराव आ गया। मगर हकीकत में इस मोर्चे पर भी संप्रग सरकार का प्रदर्शन राजग से बेहतर रहा है।
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राजग के 2098-99 से 2003-04 के कार्यकाल के बाद 2004-05 में संप्रग सरकार ने सत्ता संभाली। इसके बाद से 2012-13 तक देश में प्रति व्यक्ति आय तीन गुना बढ़ गई। जबकि दो-दो ग्लोबल मंदियों के बावजूद जीडीपी की विकास दर छह के मुकाबले बढ़कर 7.8 फीसद पर पहुंच गई। कमोबेश यही हाल कृषि मोर्चे भी रहा, जहां विकास दर 2.9 से बढ़कर 3.3 फीसद हो गई है। इतना ही नहीं, राजग शासन में सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर 7.8 फीसद थी। मगर संप्रग ने इसे बढ़ाकर 9.5 फीसद पर ला दिया है। औसत निवेश दर भी राजग के समय में 25.2 फीसद थी। संप्रग के कार्यकाल में यह 35 फीसद पर पहुंच चुकी है। दूसरी ओर बचत दर 25.4 से बढ़कर 33.5 फीसद हो गई है।
लगता भले न हो, मगर खाद्यान्न, कोयला, सीमेंट, बिजली सभी का उत्पादन संप्रग कार्यकाल में अच्छा-खासा बढ़ा है। वहीं, राजकोषीय घाटा जीडीपी के 5.35 से घटकर 4.72 फीसद पर आ गया है।
संकेतक , राजग , संप्रग
(1999-2004) ,(2005-2013)
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जीडीपी------6.0-------7.8
कृषि ------2.9 ------3.3
औद्योगिक उत्पादन--5.5------7.7
सेवा --------7.8------9.5
बचत दर-----25.4-----33.5
राजकोषीय घाटा--5.35----4.72
राजस्व घाटा----3.82---3.23
बिजली उत्पादन-1,18,419 मेगा., 2,23,343 मेगा.
वास्त. क्षमता वृद्धि , 3805 मेगा. - 9984 मेगा
खाद्यान्न उत्पादन 19.83 करोड़ टन - 25.74 करोड़ टन
सीमेंट उत्पादन-11.8 करोड़ टन-18करोड़ टन
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