वोट से हारा आतंक, जम्मू-कश्मीर में रिकॉर्ड 71 व झारखंड में 62 फीसद मतदान
आतंक के धुंधले पड़ते साये और सूरज की किरणों से जूझते सर्द हवा के झोकों के बीच जम्मू-कश्मीर के मतदाताओं ने मंगलवार को रियासत की तकदीर बदलने की गर्ज से भरपूर मतदान किया। आतंक व बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित रहे और अब जमाव बिंदु से नीचे तापमान वाले इलाकों
श्रीनगर/रांची, जागरण न्यूज नेटवर्क। आतंक के धुंधले पड़ते साये और सूरज की किरणों से जूझते सर्द हवा के झोकों के बीच जम्मू-कश्मीर के मतदाताओं ने मंगलवार को रियासत की तकदीर बदलने की गर्ज से भरपूर मतदान किया। आतंक व बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित रहे और अब जमाव बिंदु से नीचे तापमान वाले इलाकों में रिकॉर्ड तोड़ 71.28 फीसद मतदान हुआ। विधानसभा चुनाव के इस प्रथम चरण में 15 सीटों पर पूरी शांति से वोट पड़े। वहीं नक्सली चुनौती से दो-चार झारखंड में भी बदलाव की बयार का झोंका महसूस किया गया, वहां प्रथम चरण में 13 विधानसभा सीटों पर करीब 62 फीसद वोट पड़े।
जम्मू-कश्मीर में मतदान की यह फिजां अलगाववादियों के चुनाव बहिष्कार के फरमान के बावजूद बनी। जिन 15 सीटों पर 71 फीसद से ज्यादा मतदान की खबर है, उन सीटों पर सन् 2008 के विधानसभा चुनाव में 61 फीसद वोट पड़े थे। मंगलवार यह रिकॉर्ड तोड़ मतदान सुबह आठ बजे से शाम चार बजे तक महज आठ घंटों में हुआ। कुछ सीटों पर ठंडक के प्रभाव के चलते आठ घंटे ही मतदान कराया गया। मंगलवार को जिन सीटों पर मतदान हुआ उनमें से छह जम्मू संभाग, पांच कश्मीर घाटी और चार लद्दाख की हैं। मतदान का गौरतलब पहलू यह रहा कि प्रथम चरण के मतदान में हिंसा की मामूली घटना भी नहीं हुई। नई दिल्ली में उप निर्वाचन आयुक्त विनोद जुत्शी ने कहा, यह शत प्रतिशत हिंसा रहित मतदान हुआ।
आतंकियों के गढ़ में लंबी लाइन
कश्मीर घाटी की पांच सीटों में से गांदेरबल जिले की दो सीटों पर 68 फीसद (पिछले चुनाव से 13 फीसद ज्यादा), बांडीपोरा जिले की तीन सीटों पर 70.30 फीसद (पिछले चुनाव से 11 फीसद ज्यादा) वोट पड़े हैं। यह इलाका भीषण आतंकवाद ग्रस्त माना जाता है। देसी-विदेशी आतंकियों की पनाहगाह के रूप में बदनाम रहे गांदेरबल के सलूरा गांव में सुबह से ही मतदान के लिए लंबी लाइन देखी गई। जम्मू संभाग के डोडा जिले की दो सीटों पर सर्वाधिक 76 प्रतिशत मतदान हुआ।
हाड़कंपाऊ ठंड में भी पड़े वोट
जम्मू-कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र की जिन चार सीटों पर मंगलवार को वोट पड़े, वे हाड़कंपाती ठंड की चपेट में हैं। बीती रात कारगिल सबसे ठंडा रहा जहां का तापमान शून्य से 9.2 डिग्री सेल्सियस नीचे था। जबकि उससे पहले की रात में लेह शून्य से 12 डिग्री नीचे था। लेह में 67 फीसद तो कारगिल में 60 फीसद मतदान हुआ है। लेह के नोबरा इलाके में तो 76 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने अधिकार का प्रयोग किया। श्रीनगर में भी सोमवार रात का तापमान शून्य से 1.4 डिग्री सेल्सियस नीचे रहा। बाकी की घाटी में रात जमाव बिंदु के हद तक जाकर ठंडी रही।
'कश्मीर में यह मतदान उत्साह बढ़ाने वाला है। बाढ़ प्रभावित चेनाब घाटी में वोटिंग का उत्साह देखकर खुशी हुई है।' -उमर अब्दुल्ला, मुख्यमंत्री, जम्मू-कश्मीर
नक्सलियों की मांद में 62 फीसद मतदान
रांची, जागरण ब्यूरो। झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण में नक्सल प्रभावित 13 सीटों पर मंगलवार को करीब 62 फीसद वोट पड़े। भारी सुरक्षा के बीच घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में इस बार मतदान प्रतिशत पिछली बार की अपेक्षा छह फीसद ज्यादा रहा। पलामू में मतदान कराकर वापस लौट रहे कर्मियों को नक्सलियों ने घेरकर फायरिंग की लेकिन जैसे ही साथ चल सुरक्षाकर्मियों ने मोर्चा संभाला-नक्सली भाग खड़े हुए।
जिन छह नक्सल प्रभावित जिलों की 13 सीटों पर मतदान हुआ, वे हैं- पलामू, चतरा, गढ़वा, लोहरदगा, लातेहार और गुमला। सबसे अधिक भवनाथपुर विधानसभा क्षेत्र में करीब 70 फीसद लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जबकि सबसे कम चतरा में करीब 54 प्रतिशत वोट पड़े। इस दौरान छिटपुट घटनाओं को छोड़ अमूमन शांति रही। इस दौरान पलामू के हरिहरगंज थाना क्षेत्र में 12 किलो का विस्फोट डिवाइस पाए जाने पर सनसनी फैल गई लेकिन पुलिस ने उसे बरामद कर निष्क्रिय कर दिया। चतरा विधानसभा सीट के तीन मतदान केंद्रों पर लोगों के बहिष्कार के चलते एक भी वोट नहीं पड़ा। मतदान संपन्न होने के बाद पोलिंग पार्टियों की भारी सुरक्षा के बीच वापसी कराई गई। मतदान की प्रक्रिया बाधित होने के कारण दो केंद्रों पर पुनर्मतदान की घोषणा की गई है। इससे पहले सुबह मतदान की गति काफी धीमी रही लेकिन दिन चढऩे के साथ लोग पोलिंग बूथ पर जमा होने लगे और देर शाम मतदान खत्म होने तक लाइन लगी रही।
पलामू में नक्सलियों से मुठभेड़
शांतिपूर्ण मतदान कराकर लौट रहे मतदानकर्मियों पर पलामू जिले में नक्सलियों ने फायरिंग की। दल के साथ मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने मोर्चा संभालते हुए जवाबी फायरिंग की, जो देर शाम तक जारी रही। घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। झारखंड-बिहार सीमा पर स्थित दो तरफ से पहाड़ से घिरा यह क्षेत्र नक्सलियों का गढ़ माना जाता है।
जम्मू-कश्मीर में मतदान - देखें तस्वीरें
झारखंड में मतदान - देखें तस्वीरें
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