टैगोर पर जारी सिक्के की लागत बताए आरबीआइ
नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। केंद्रीय सूचना आयोग ने महान कवि रवींद्र नाथ टैगोर की 150वीं वर्षगांठ पर उनकी स्मृति में जारी 150 रुपये के चांदी के सिक्कों के बारे में जानकारी देने में टालमटोल करने के लिए रिजर्व बैंक को फटकार लगाई है। आयोग ने रिजर्व बैंक की कोलकाता स्थित टकसाल को सिक्के की लागत समेत तमाम जानकारी आवेदनकर्ता
नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। केंद्रीय सूचना आयोग ने महान कवि रवींद्र नाथ टैगोर की 150वीं वर्षगांठ पर उनकी स्मृति में जारी 150 रुपये के चांदी के सिक्कों के बारे में जानकारी देने में टालमटोल करने के लिए रिजर्व बैंक को फटकार लगाई है। आयोग ने रिजर्व बैंक की कोलकाता स्थित टकसाल को सिक्के की लागत समेत तमाम जानकारी आवेदनकर्ता को दस दिन के भीतर उपलब्ध कराने का आदेश दिया है। आरटीआइ कार्यकर्ता सुभाष चंद्र अग्रवाल की अपील पर सुनवाई के दौरान मुख्य सूचना आयुक्त [सीईसी] सत्यानंद मिश्रा ने गत सात सितंबर को यह आदेश जारी किया।
कहा जा रहा है कि चांदी के इन सिक्कों की लागत करीब 500 से 600 के रुपये के बीच है और उन्हें लागत से कई गुना ज्यादा दाम पर बेचा जा रहा है। अग्रवाल ने अपने आरटीआइ आवेदन में टकसाल से सिक्के में इस्तेमाल धातुओं, सिक्के के आकार और लागत मूल्य की जानकारी भी मांगी थी। उन्होंने यह भी पूछा था कि क्या यह सच है कि सिक्के के निर्माण में प्रयुक्त धातुओं की लागत उसके अंकित मूल्य [150 रुपये] से ज्यादा है? अगर हां तो सिक्के का अंकित मूल्य [फेस वैल्यू] उसकी लागत से कम क्यों रखा गया? उन्होंने यह भी जानना चाहा था कि ये सिक्के आम जनता को कब से उपलब्ध होंगे? कितने और किन-किन लोगों को सम्मान के तौर पर ये सिक्के दिए गए हैं? रिजर्व बैंक टकसाल ने व्यावसायिक हितों और प्रतिस्पद्र्धात्मक स्थिति का हवाला देते हुए सिक्के की लागत समेत ज्यादातर जानकारी देने से इन्कार कर दिया था।
सुनवाई के दौरान टकसाल के आरटीआइ अपीली अधिकारी की दलीलें खारिज करते हुए मिश्रा ने कहा, हमें नहीं लगता कि स्मृति में जारी सिक्कों को लेकर रिजर्व बैंक की किसी से प्रतिस्पद्र्धा है। इस पर भी यकीन करना मुश्किल है कि इससे भारत सरकार की टकसाल के व्यावसायिक हितों को नुकसान पहुंचेगा।
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