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धर्मांतरण व सुशासन दिवस जैसे मुद्दों को बेवजह तूल : रविशंकर

धर्मांतरण मुद्दे पर कुछ समय से लगातार विपक्ष के निशाने पर रही राजग सरकार का कहना है कि उसका पूरा ध्यान सभी क्षेत्रों में विकास पर है। केंद्र का जोरदार तरीके से बचाव करते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि धर्मांतरण व 25 दिसंबर को सुशासन दिवस मनाने

By Sachin kEdited By: Published: Sat, 20 Dec 2014 07:37 PM (IST)Updated: Sat, 20 Dec 2014 08:06 PM (IST)
धर्मांतरण व सुशासन दिवस जैसे मुद्दों को बेवजह तूल : रविशंकर

नई दिल्ली। धर्मांतरण मुद्दे पर कुछ समय से लगातार विपक्ष के निशाने पर रही राजग सरकार का कहना है कि उसका पूरा ध्यान सभी क्षेत्रों में विकास पर है। केंद्र का जोरदार तरीके से बचाव करते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि धर्मांतरण व 25 दिसंबर को सुशासन दिवस मनाने जैसे मुद्दों को बेवजह तूल दिया जा रहा है।

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रविशंकर ने कहा कि ये कहना गलत है कि सरकार के कामकाज पर विवादों का साया है। उन्होंने राजनीतिक लाभ के लिए राज्यसभा में कामकाज न होने देने का कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया। भारतीय मुसलमानों पर धर्म जागरण मंच के प्रमुख राजेश्वर सिंह के विवादास्पद बयान पर प्रसाद ने कहा कि वह और उनकी सरकार ऐसे बयानों को पसंद नहीं करते।

बतौर सरकार हम यहां सुशासन व विकास के लिए हैं। हमारा ध्यान इसी पर है। और यही हमारा हमेशा एजेंडा रहेगा। उन्होंने कहा कि जब मोदी कहते हैं 'सबका साथ, सबका विकास' इसमें हिंदू, मुस्लिम, आदिवासी, ईसाई, सिख सभी शामिल हैं।

एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में उत्तर प्रदेश में संघ से जुड़े धर्मांतरण कार्यक्रम पर कहा कि सरकार किसी से जबरन या लालच देकर धर्म परिवर्तन कराने के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार को इसे रोकने के प्रयास करने चाहिए। लालच देकर कराए गए किसी भी धर्मांतरण का केंद्र समर्थन नहीं करता है। अब प्रदेश सरकार चाहे तो इस विषय में कार्रवाई कर सकती है।

अटल ने अपना जन्मदिन नहीं चुना :

जब प्रसाद से पूछा गया कि क्रिसमस डे को बतौर सुशासन दिवस क्यों मनाया जा रहा है तो केंद्रीय मंत्री ने पलटकर पूछा 25 दिसंबर को अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म हुआ था। उन्होंने अपना जन्मदिन नहीं चुना। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के गीता को राष्ट्रीय पुस्तक घोषित करने के बयान पर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि बेशक संविधान इस देश का सर्वोच्च दस्तावेज है।

लेकिन जब गीता के विषय में बात करते हैं तो हम महान सभ्यता की विरासत, सांस्कृतिक विरासत की बात करते हैं। देश के लोगों में गीता के प्रति आदर है। भारतीय जनता नरेंद्र मोदी के इन विषयों पर रुख को जानती है।

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