फिसली जुबान, मचा तूफान -शाह को जवाब देने में अफजल जी कह कराई सुरजेवाला ने फजीहत
जिस समय भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने अफजल गुरू-जेएनयू विवाद में कांग्रेस पर सबसे तीखा हमला बोला, उसी समय पार्टी के मीडिया विभाग के प्रभारी की जुबान फिसल गई।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली । जिस समय भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने अफजल गुरू-जेएनयू विवाद में कांग्रेस पर सबसे तीखा हमला बोला, उसी समय पार्टी के मीडिया विभाग के प्रभारी की जुबान फिसल गई। पार्टी के सबसे संजीदा प्रवक्ता के तौर पर उभरे कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला संसद हमले में फांसी पर लटकाए जा चुके अफजल गुरू को 'जी' कहकर सम्मान देने पर फंस गए।
राजनीतिक गलियारों से लेकर सोशल मीडिया तक उनकी खूब फजीहत हुई तो बाद में सुरजेवाला को सफाई भी देनी पड़ी। इससे पहले कांग्रेस महासचिव दिग्विजिय अलकायदा के खूंखार आतंकी बिन लादेन को भी 'जी' कहकर विवादों को जन्म दे चुके हैं। सुरजेवाला आए तो थे जेएनयू प्रकरण पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के तीखे ब्लॉग का जवाब देने, लेकिन अफजल को सम्मान देकर उन्होंने उल्टी मुसीबत मोल ले ली। राहुल गांधी पर शाह के हमले का जवाब देते वक्त सुरजेवाला संविधान और प्रजातंत्र व मौलिक अधिकारों में कांग्रेस के विश्वास का गुणगान कर रहे थे। इसी क्रम में उन्होंने कहा कि 'संविधान और प्रजातंत्र के अनुरूप दुश्मन को भी संपूर्ण न्याय देने का हमारा विश्वास अटूट न होता तो फिर अफजल गुरू जी को हम पूरी न्याय प्रणाली के अनुरूप हम फांसी न देते।'
इतना ही नहीं, इस दौरान सुरजेवाला ने एक और चूक की। उन्होंने संसद हमले के दोषी रहे अफजल को सुप्रीम कोर्ट पर हमले का दोषी बता दिया। अफजल को जी कहने पर जब चौतरफा कांग्रेस की फजीहत शुरू हुई तो सुरजेवाला ने सफाई भी दी। उन्होंने कहा कि करीब 20 बार अफजल गुरू का नाम उन्होंने बिना जी संबोधन के लिया। कई बार धाराप्रवाह बोलते समय इस तरह की चूक हो जाती है, उसे उसी भावना से लेना चाहिए।
वैसे संसद हमले के लिए फांसी पर लटकाया गया आतंकी अफजल गुरू सियासी रूप से कांग्रेस की फजीहत का सबब बार-बार बना है। पहले जिस समय अफजल को फांसी पर लटकाया गया था, उस समय उसके परिजनों को सूचना न देने पर तत्कालीन संप्रग सरकार की फजीहत हुई थी। इसके बाद कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की तरफ से खेद जताया गया था।
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