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राजनाथ ने रोकी हरिन पाठक की बगावत

पार्टी के अंदर मचे घमासान को शांत करने के लिए खुद भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कवायद शुरू कर दी। जसवंत सिंह की राह पर ही चलने की तैयारी कर रहे हरिन पाठक को बुलाकर उन्होंने राजनीतिक स्थिति समझा दी। माना जा रहा है कि पाठक अब सार्वजनिक रूप से बगावत नहीं करेंगे। निर्दलीय चुनावी मैदान में भी नहीं उतरेंगे। वह अह

By Edited By: Published: Tue, 25 Mar 2014 11:53 PM (IST)Updated: Wed, 26 Mar 2014 07:02 AM (IST)
राजनाथ ने रोकी हरिन पाठक की बगावत

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। पार्टी के अंदर मचे घमासान को शांत करने के लिए खुद भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कवायद शुरू कर दी। जसवंत सिंह की राह पर ही चलने की तैयारी कर रहे हरिन पाठक को बुलाकर उन्होंने राजनीतिक स्थिति समझा दी। माना जा रहा है कि पाठक अब सार्वजनिक रूप से बगावत नहीं करेंगे। निर्दलीय चुनावी मैदान में भी नहीं उतरेंगे। वह अहमदाबाद पूर्व से टिकट कटने से नाराज थे। वहीं जसवंत पर कार्रवाई अब लगभग तय मानी जा रही है।

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गौरतलब है कि अहमदाबाद पूर्व से टिकट कटने के बाद हरिन पाठक ने कुछ दिनों के अंदर रणनीति तय करने की घोषणा की थी। बताते हैं कि वह दिल्ली में पत्रकारों को संबोधित करना चाहते थे। लेकिन उससे पहले ही राजनाथ ने उन्हें बुलाकर स्थिति संभाल ली। सूत्रों के अनुसार उन्हें बताया गया कि राजनीति में धैर्य जरूरी है। हरिन ने दिल्ली में दूसरे वरिष्ठ नेताओं से भी मुलाकात की।

दूसरी तरफ जसवंत पर कार्रवाई तय है। दरअसल जैसे-जैसे उनका बयान तीखा होता जा रहा है, वैसे-वैसे पार्टी में उनकी भूमिका पर सवाल उठाने शुरू हो गए हैं। मंगलवार को गूगल हैंगआउट पर रूबरू अरुण जेटली ने जसवंत के बयानों पर सवाल उठाते हुए कहा- 'टिकट कटने से पहले अगर उन्होंने भाजपा नेतृत्व या मोदी की शैली पर सवाल उठाया होता तो मैं मान लेता।' भाजपा नेताओं की ओर से यह भी बताया जाने लगा है कि पिछले 34 वर्षो से लगातार किसी न किसी पद पर रहे जसवंत की बगावत सिर्फ स्वार्थ के लिए है। हालांकि इस पूरे क्रम में पार्टी उनके पुत्र मानवेंद्र सिंह से सहानुभूति रखती है। मानवेंद्र ने एक महीने की छुंट्टी ले ली है। जेटली ने कहा कि उन्होंने खुद मानवेंद्र से बात की है और यह मानते हैं कि उन्होंने ऐसा कोई काम नहीं किया, जिससे उनके खिलाफ कोई बयान भी दिया जाए। हां, जसवंत ने नामांकन वापस नहीं लिया तो उनकी सदस्यता जानी तय है।

मजबूरीवश नहीं दे सके जसवंत को टिकट : राजनाथ

नई दिल्ली। बाड़मेर से जसवंत सिंह के टिकट कटने पर सुषमा स्वराज के दावे से इतर भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा कि इस मुद्दे पर केंद्रीय चुनाव समिति में चर्चा हुई थी। उन्होंने कहा कि राजनीतिक मजबूरियों के कारण यह कदम उठाया गया।

एक चैनल को दिए साक्षात्कार में राजनाथ ने कहा कि सभी लोगों के चाहने के बावजूद जसवंत सिंह को टिकट नहीं दिया गया। इस फैसले से वह खुद तथा पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता भी दुखी थे। उन्होंने कहा कि असामान्य परिस्थितियों में असामान्य निर्णय किए जाते हैं। उन्होंने माना कि जसवंत ने उन्हें बाड़मेर से चुनाव लड़ने की अपनी इच्छा के बारे में बताया था। राजनाथ ने उन्हें बताया कि वह राजस्थान की भाजपा इकाई से इस पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा, 'मैंने सभी से बात की। हर कोई उनका सम्मान करता है। लेकिन कुछ राजनीतिक मजबूरियों के कारण उन्हें टिकट नहीं दिया जा सका।' बता दें कि सुषमा स्वराज ने कहा था कि जसवंत पर फैसला चुनाव समिति में नहीं हुआ था।

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