राष्ट्रपति उम्मीदवारी पर तेज हुई सियासी कसरत, बैठकों का दौर जारी
राष्ट्रपति के नाम पर चर्चा के लिए शुक्रवार को राजनाथ सिंह और वेंकैया नायडू कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी औऱ सीताराम येचुरी से मिलेंगे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली । राष्ट्रपति चुनाव की उम्मीदवारी के सवाल पर सरकार और विपक्षी दलों के बीच वार्ता का सिलसिला शुरू हो गया है। सत्ता पक्ष की ओर से उम्मीदवारी पर आम सहमति की संभावना तलाशने के लिए की गई पहल को देखते हुए विपक्ष ने सरकार का मूड भांपने के बाद ही अपनी आगे की रणनीति तय करने का फैसला किया है। सरकार की ओर से राजनाथ सिंह की अगुआई में गठित मंत्रियों की तीन सदस्यीय समिति शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और माकपा नेता सीताराम येचुरी से मुलाकात करेगी।
राष्ट्रपति चुनाव की अधिसूचना बुधवार को जारी होने के साथ ही उम्मीदवारी पर सत्ता और विपक्ष दोनों खेमों की राजनीतिक सक्रियता अचानक तेज हो गई। विपक्षी दलों की राष्ट्रपति चुनाव पर गठित समिति की एक ओर जहां बैठक हुई तो दूसरी तरफ वैंकैया नायडू ने विपक्षी नेताओं को फोन कर वार्ता का न्यौता देना शुरू कर दिया। सूचना प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को फोन कर राष्ट्रपति चुनाव पर चर्चा के लिए मिलने का वक्त मांगा। सोनिया ने शुक्रवार को मिलने का वक्त दिया है और गृहमंत्री राजनाथ सिंह व वेंकैया उनसे चर्चा के लिए जाएंगे।
सरकार की ओर से गठित मंत्रियों की समिति के तीसरे सदस्य वित्त मंत्री अरुण जेटली विदेश दौरे पर हैं और शुक्रवार तक उनके लौटने की गुंजाइश कम है। भाजपा कोर ग्रुप की बैठक के बाद वेंकैया ने सोनिया और येचुरी के अलावा बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्र को भी मायावती से चर्चा का समय तय करने के लिए फोन किया। सपा प्रमुख अखिलेश यादव से भी सरकार की समिति संवाद करेगी। वैंकेया जहां पीएमके और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू समेत दक्षिण की पार्टियों के नेताओं से चर्चा करेंगे। वहीं जेटली संभवत: समाजवादी विचारधारा वाले दलों से वार्ता करेंगे। राजनाथ तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी से बात कर सकते हैं।
एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने वेंकैया के फोन करने की पुष्टि करते हुए कहा कि शरद पवार से उनकी जल्द चर्चा होगी। सरकार की ओर से संपर्क साधे जाने के बाद बुधवार को पहले से तय विपक्षी दलों की 10 सदस्यीय समिति की पहली बैठक संसद भवन में हुई। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने इस बैठक के बाद कहा कि सरकार के विपक्षी नेताओं से चर्चा करने की पेशकश से घटनाक्रम में नया मोड़ आया है। इसे देखते हुए विपक्षी समिति ने यह तय किया है कि उम्मीदवारी पर सरकार का रूख देखने के बाद ही आगे की रणनीति तय की जाएगी। आजाद ने कहा कि आज की बैठक में विपक्ष ने उम्मीदवार के नाम पर कोई चर्चा नहीं की।
उन्होंने कहा कि 26 मई को सोनिया गांधी की लंच बैठक में 17 दलों के नेताओं की बैठक में इस समिति के गठन का फैसला हुआ था और इसमें 9 दलों के नेता शामिल हैं। लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि विपक्षी दल राष्ट्रपति चुनाव पर एकजुट हैं और उम्मीदवारी पर सरकार की पसंद देखने के बाद विपक्ष अपना प्रत्याशी उतारने पर फैसला करेगा। विपक्षी दलों की समिति के सदस्य के तौर पर कांग्रेस के आजाद और मल्लिकार्जुन खड़गे,माकपा के सीताराम येचुरी, राजद के लालू प्रसाद, जदयू के शरद यादव, सपा के रामगोपाल यादव, बसपा के सतीश चंद्र मिश्र, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्रायन, एनसीपी के प्रफुल्ल पटेल और द्रमुक के एमएस भारती आज की बैठक में मौजूद थे।
राष्ट्रपति चुनाव पर सरकार की ओर से विपक्षी नेताओं से संपर्क साधने के साथ ही यह माना जा रहा कि 23 जून से पहले एनडीए अपने राष्ट्रपति उम्मीदवार का ऐलान कर देगा। इस बात के भी पुख्ता संकेत हैं कि एनडीए राष्ट्रपति उम्मीदवार के नामांकन का पर्चा भी 23-24 जून को ही भरा जा सकता है। दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 25 जून को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ शिखर बैठक के लिए वाशिंगटन रवाना होना है। इसीलिए माना जा रहा कि प्रधानमंत्री के विदेश रवाना होने से पहले ही एनडीए राष्ट्रपति प्रत्याशी के नामांकन की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। राष्ट्रपति चुनाव के लिए आज से नामांकन शुरू हो गया है और 28 जून पर्चा दाखिल करने की अंतिम तिथि है।
यह भी पढ़ें: राष्ट्रपति चुनावः कांग्रेस की चाल से विपक्षी गठबंधन में अलग-थलग पड़े केजरीवाल