कांग्रेस के गले फंसा पांच रुपये का खाना
मुंबई में सिर्फ 12 रुपये में भरपेट भोजन मिलता है। दिल्ली में तो और भी कम महज पांच रुपये में खाना खाया जा सकता है। बढ़ती महंगाई के इस दौर में कांग्रेस की तरफ से इतने सस्ते खाने की बातें अब पार्टी के अपने ही हलक में अटक गई हैं। सिर्फ दो दिन में कांग्रेस को भी समझ आ गया कि वाकई एक वक्त का खाना इतना सस्ता भी नहीं है। लिहाजा, उसने अपने ही नेताओं की बयानबाजी से पल्ला झाड़ लिया है। इतना ही नहीं, बयानबाज प्रवक्ता राजबब्बर भी 4
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। मुंबई में सिर्फ 12 रुपये में भरपेट भोजन मिलता है। दिल्ली में तो और भी कम महज पांच रुपये में खाना खाया जा सकता है। बढ़ती महंगाई के इस दौर में कांग्रेस की तरफ से इतने सस्ते खाने की बातें अब पार्टी के अपने ही हलक में अटक गई हैं। सिर्फ दो दिन में कांग्रेस को भी समझ आ गया कि वाकई एक वक्त का खाना इतना सस्ता भी नहीं है। लिहाजा, उसने अपने ही नेताओं की बयानबाजी से पल्ला झाड़ लिया है। इतना ही नहीं, बयानबाज प्रवक्ता राजबब्बर भी 48 घंटे में अपने बयान से पलटी मार गए।
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कांग्रेस को भी शायद उम्मीद नहीं थी कि राजबब्बर की तरफ से मुंबई में 12 रुपये में पेटभर चावल, दाल, सांभर मिलने और पार्टी के राज्यसभा सदस्य रशीद मसूद की तरफ से दिल्ली में जामा मस्जिद के पास सिर्फ पांच रुपये में एक वक्त का खाना मिलने के बयान पर उसकी इतनी फजीहत होगी। सूत्रों की मानें तो 12 रुपये व पांच रुपये में एक वक्त का खाना मिलने संबंधी कांग्रेस नेताओं के बयानों पर पार्टी के उच्चपदस्थों ने कड़ी नाराजगी जताई है।
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बताते हैं कि बयानबाज नेताओं को आगे से इस तरह की बयानबाजी न करने की हिदायत भी दी गई है। इस मसले को लेकर बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार तक कांग्रेस पर चौतरफा इतने हमले हुए कि उसकी भी समझ में आ गया कि एक वक्त का खाना सही में उतना सस्ता नहीं है, जितना उसकी पार्टी के नेता बता रहे हैं। लिहाजा, पार्टी को अपने ही प्रवक्ता के बयान से पल्ला झाड़ना पड़ गया।
स्थिति की नजाकत को भांपते हुए कांग्रेस महासचिव व मीडिया विभाग के अध्यक्ष अजय माकन ने शुक्रवार दोपहर में ही ट्वीट किया। बाद में बयान जारी कर कहा, 'कुछ नेताओं की तरफ से 12 रुपये और पांच रुपये में खाना मिलने के बयान से मैं सहमत नहीं हूं।'
कांग्रेस की नियमित ब्रीफिंग में भी पार्टी प्रवक्ता रेणुका चौधरी ने कहा, 'राजबब्बर ने इस बारे में खेद जता दिया है। मुनासिब होगा कि इस बात को अब यहीं छोड़ दिया जाना चाहिए। माकनजी ने भी ट्वीट कर स्थिति स्पष्ट कर दी है।' क्या कांग्रेस अपने नेताओं के इस तरह के बयान को अब हल्का करने में जुट गई है?
रेणुका ने कहा कि वह नहीं जानतीं कि राजबब्बर ने किस संदर्भ में यह बात कही थी। राजबब्बर ने शुक्रवार को खुद भी अपने बयान से पलटी मारते हुए कहा कि उन्होंने तो अपनी बात गरीबों को मिलने वाली सब्सिडी के संदर्भ में कही थी। फिर भी उनके बयान से किसी को ठेंस पहुंची हो तो उन्हें खेद है।
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