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    बुलेट से पहले दौड़ेगी सेमी बुलेट ट्रेन, रेल बजट में मिलेगी हरी झंडी!

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    Updated: Tue, 08 Jul 2014 08:44 AM (IST)

    2014-15 के रेल बजट में बुलेट ट्रेन को हरी झंडी मिल जाएगी। हालांकि इस सपने को पूरा होने में समय लगेगा लेकिन इससे पहले मोदी सरकार सेमी बुलेट ट्रेन चलवा देगी। इसके लिए दिल्ली-आगरा-लखनऊ-वाराणसी होते हुए पटना और पुणे-मुंबई-अहमदाबाद रेलखंड पर सेमी बुलेट ट्रेन संचालन के लिए आगामी चंद महीनों में ट्रैक के उच्चीकृत हो जाने की उम्मीद है।

    लखनऊ [अंशू दीक्षित]। 2014-15 के रेल बजट में बुलेट ट्रेन को हरी झंडी मिल जाएगी। हालांकि इस सपने को पूरा होने में समय लगेगा लेकिन इससे पहले मोदी सरकार सेमी बुलेट ट्रेन चलवा देगी। इसके लिए दिल्ली-आगरा-लखनऊ-वाराणसी होते हुए पटना और पुणे-मुंबई-अहमदाबाद रेलखंड पर सेमी बुलेट ट्रेन संचालन के लिए आगामी चंद महीनों में ट्रैक के उच्चीकृत हो जाने की उम्मीद है।

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    बुलेट ट्रेन चलाने के लिए स्टेनलेस स्टील व टक्कर रोधी की तर्ज पर डिजाइन कोचों की जरूरत होगी। साथ ही पहिए ऐसे हों जो तीन सौ व उससे अधिक गति से चलने के बाद भी गर्म न हों। रेलवे को दिल्ली से लखनऊ, वाराणसी व पटना तक ऐसा ट्रैक विकसित करना होगा जिस पर बुलेट ट्रेन चल सके। रेलवे के मुताबिक निजी एवं सार्वजनिक भागीदारी [पीपीपी] पर अगर बुलेट ट्रैक पर काम तेजी से शुरू हुआ और कोई अड़ंगा न लगा तो ढाई से तीन साल का समय लग सकता है। रेलवे को ट्रैक के दोनों ओर पड़ने वाली लेवल क्रासिंग बंद करनी होगी वहीं बैरीकेडिंग के लिए भी ठोस योजना बनानी होगी।

    इससे पहले रेल मंत्रालय हाई स्पीड रेल अथारिटी [एचएसआरए] बना चुका है जो हाई स्पीड रेल खंडों का फिजिबिलटी टेस्ट करा रिपोर्ट कई साल पहले रेल मंत्रालय को सौंप चुका है। अब फिर कवायद में तेजी लायी गई है।

    रेलवे बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि कई साल पहले निकाले गए आंकड़ों के मुताबिक बुलेट ट्रेन जिस ट्रैक पर दौड़ेगी उसे बनाने के लिए प्रति किलोमीटर पांच करोड़ रुपए खर्च करने थे। हर साल इसकी लागत में करीब दस फीसद की बढ़ोतरी की बात कही गई थी। अमल न होने पर खर्चा काफी बढ़ चुका है। ऐसे में जो रेलवे आर्थिक तंगी से जूझ रहा है वह यात्रियों को बेहतर सुविधा और जल्द से जल्द उनके गंतव्य पर पहुंचाने के लिए सेमी बुलेट ट्रेन पर ज्यादा जोर देगा।

    दरअसल, बुलेट ट्रेन में लगने वाले इंजन की क्षमता भी 9 से 12 हजार हार्स पावर की चाहिए होगी तभी यह इंजन 24 से 26 कोच की ट्रेन को खीच सकेंगे।

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