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    राजद की रैली में राहुल के शामिल होने पर कशमकश

    By Manish NegiEdited By:
    Updated: Sat, 19 Aug 2017 10:13 PM (IST)

    लालू और उनके परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर की जा रही कार्रवाईयों को देखते हुए राहुल के लिए राजद की रैली में शरीक होने का फैसला लेना आसा ...और पढ़ें

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    राजद की रैली में राहुल के शामिल होने पर कशमकश

    नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी गठबंधन के स्वरुप को आकार देने की कोशिश में जुटी कांग्रेस पटना में लालू प्रसाद की रैली में शरीक तो होगी। मगर रैली में पार्टी की नुमाइंदगी राहुल गांधी करेंगे इसको लेकर कांग्रेस में कशमकश चल रही है। इस कशमकश की वजह से ही सेहत ठीक रहने की स्थिति में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के रैली में शरीक होने का विकल्प खुला है।

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    नीतीश कुमार के खिलाफ बगावत का झंडा उठा चुके शरद यादव की साझी विरासत बचाओ सम्मेलन में राहुल गांधी के पूरी शिद्दत से शामिल होने के बाद उन पर राजद की पटना में 27 अगस्त को प्रस्तावित रैली में शामिल होने का दबाव है। लालू और उनके परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर की जा रही कार्रवाईयों को देखते हुए राहुल के लिए राजद की रैली में शरीक होने का फैसला लेना आसान नहीं है। खासतौर पर यह देखते हुए कि राहुल भ्रष्टाचार के मामलों में कठोरता दिखाते सार्वजनिक रुप से इस पर कोई समझौता नहीं करने का रुख दिखा चुके हैं। यूपीए दो सरकार के समय लालू सरीखे राजनीतिज्ञों को राहत देने के मकसद से लाए जा रहे बिल को फाड़ कर उन्होंने इसकी राह रोक दी थी।

    पार्टी सूत्रों का कहना है कि इन्हीं वजहों से राहुल की रैली में शामिल होने के कार्यक्रम पर मंथन चल रहा है। मगर कांग्रेस इस हकीकत को भी भली-भांति महसूस कर रही है कि भाजपा-एनडीए की मजबूत राजनीतिक पेशबंदी को फिलहाल अकेले चुनौती देने की स्थिति में पार्टी नहीं है। इसलिए उन सभी राज्यों में कांग्रेस को मजबूत गठबंधन साथी की जरूरत है जहां पार्टी तीसरे या चौथे नंबर पर है। ऐसे में पार्टी लालू की रैली में अपने शिखर नेतृत्व की गैरमौजूदगी का जोखिम नहीं उठा सकती। वह भी तब जब दो दिन पहले राहुल जदयू के असंतुष्ट गुट के नेता शरद यादव के सम्मेलन में शामिल होकर विपक्षी एकजुटता की आवाज बुलंद कर चुके हैं।

    नीतीश से मिले बड़े राजनीतिक झटके और भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर एजेंसियों की कार्रवाई के दोहरे चक्रव्यूह में घिरे लालू के लिए कांग्रेस नेतृत्व समेत विपक्षी दिग्गजों का रैली में जुटना सियासी जरूरत है। शायद इसीलिए सोनिया गांधी की विपक्षी नेताओं की पिछले हफ्ते बुलाई गई बैठक के बाद कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने लालू की रैली में शिरकत करने की बात कही। राहुल के शरीक होने के सवाल को आजाद तब भी टाल गए थे। हालांकि पार्टी सूत्रों का कहना है कि बदले राजनीतिक हालातों और हकीकत के मद्देनजर पटना में राजद की रैली में शरीक हों तो अचरज नहीं होना चाहिए।

    राष्ट्रीय स्तर पर 2019 के लिए विपक्षी गठबंधन के स्वरुप को आकार देने के लिए बिहार में कांग्रेस के लिए राजद सबसे अहम साथी है। कांग्रेस और सोनिया गांधी को हर अहम सियासी मौकों पर लगातार लालू प्रसाद मुखर समर्थन करते आए हैं। इसीलिए सोनिया राजद प्रमुख का सम्मान करती हैं। इसी वजह से पार्टी में उनके रैली में शामिल होने का विकल्प खुला होने की चर्चा है। वैसे स्वास्थ्य वजहों से सोनिया पिछले एक साल से राजनीतिक रैलियों से दूर ही रही हैं।

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