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'कांग्रेस के भाग्योदय के लिए करवा दो राहुल बाबा की शादी'

कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को भी लगने लगा है कि जब तक उनके राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी की शादी नहीं हो जाती तब तक पार्टी का भाग्योदय नहीं होगा। दिल्ली के एक कांग्रेस कार्यकर्ता ने इस बारे में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा है। प्रदेश युवा कांग्रेस के सचिव रह

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Thu, 26 Mar 2015 06:37 AM (IST)Updated: Thu, 26 Mar 2015 06:42 AM (IST)

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को भी लगने लगा है कि जब तक उनके राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी की शादी नहीं हो जाती तब तक पार्टी का भाग्योदय नहीं होगा। दिल्ली के एक कांग्रेस कार्यकर्ता ने इस बारे में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा है।

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प्रदेश युवा कांग्रेस के सचिव रह चुके सुरेंद्र भोला ने पत्र में लिखा है कि राहुल गांधी को अपना राजनीतिक भाग्य बदलने के लिए किसी भारतीय लड़की से शादी करनी चाहिए, क्योंकि स्त्री व पुरुष का भाग्य मिलने से भाग्योदय होता है। भोला का कहना है कि सिर्फ मैं ही नहीं बल्कि हजारों कार्यकर्ता यही चाहते हैं कि राहुल गांधी की शादी शीघ्र हो और किसी भारतीय लड़की से हो। उन्होंने विश्वास जताया कि अगर ऐसा होता है तो देश में कांग्रेस फिर से स्थापित होगी और पार्टी का परचम पूरे देश में लहराएगा।

चिपका पोस्टर... बदली राहुल की छुट्टी की वजह

नई दिल्ली, [सीतेश द्विवेदी]। उत्तर प्रदेश में कई जिलों में राहुल गांधी के लापता होने के पोस्टर चिपकने के एक दिन बाद ही कांग्रेस का कहना है कि पार्टी उपाध्यक्ष आत्म चिंतन के लिए नहीं बल्कि रणनीतिक कारणों से अवकाश पर हैं। राहुल पार्टी में बदलाव की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही वापस लौटेंगे।

पार्टी सूत्रों का कहना है कि बदलाव में राहुल की भूमिका और उस पर उठने वाले सवालों के मद्देनजर रणनीतिक छुट्टियों पर गए राहुल अब पार्टी की कमान संभालने के लिए वापसी करेंगे। उल्लेखनीय है कि पहले कहा जा रहा था कि वह आत्म चिंतन के लिए अवकाश पर हैं।

राहुल की अगवानी के लिए कांग्रेस में बदलाव तेज हो गए हैं। संचार विभाग में फेरबदल के साथ बदलाव का पहला चरण पूरा हो गया है। नई टीम पर राहुल की छाप साफ पढ़ी जा सकती है। वहीं राज्यों में संगठन को कसने की कवायद भी जारी है।

सूत्रों के मुताबिक पार्टी के मौजूदा स्वरूप में नेतृत्व करने से राहुल के इंकार के बाद से ही कांग्रेस आलाकमान उन्हें उनकी टीम बनाने देने का मौका देने के पक्ष में था। लेकिन राहुल के प्रयोगों की विफलता व उनके निर्णय पर सवाल उठने के अंदेशे के बीच राहुल को अवकाश पर भेजने का राजनीतिक फैसला लिया गया। इस फैसले को पार्टी में भी बहुत गोपनीय रखा गया। यहां तक राहुल को लेकर निर्णय की जानकारी पार्टी के वरिष्ठ और शीर्ष नेताओं से भी छुपाई गई। यहां तक राहुल के अवकाश पर जाने की जानकारी देने वाले प्रवक्ता को भी सिर्फ यह बताया गया कि वे दो सप्ताह के बाद वापस आ जाएंगे।

बाद में पार्टी ने समय सीमा देने के बजाय 'जल्द आएंगे' की लाइन ले ली। राहुल के करीबी माने जाने वाले एक नेता के मुताबिक राहुल के न रहने पर होने वाले बदलाव को लेकर असंतोष नहीं होगा। जबकि, राहुल के रहते हुए उनके हस्तक्षेप न करने के बाद भी इस तरह के सवाल उठाए जाते। ऐसे में पार्टी उपाध्यक्ष का अवकाश पर जाने का फैसला सही निर्णय साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि पार्टी को उनसे हर मामले पर नियमित सलाह मिल रही है। उनके मुताबिक राहुल संसद सत्र के दौरान पार्टी को सरकार के खिलाफ पार्टी को मिली कामयाबी से उत्साहित है। जबकि, युवा कांग्रेस के प्रदर्शन में शामिल कार्यकर्ताओं को बधाई देने के साथ घायल कार्यकर्ताओं से राहुल ने बात भी की थी।

'राहुल निकट भविष्य में आपके सामने होंगे, थोड़ा और धैर्य रखिए।' -अभिषेक मनु सिंघवी, कांग्रेस नेता

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