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    मनमोहन को मंजूर राहुल का नेतृत्व

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    Updated: Sun, 08 Sep 2013 04:56 AM (IST)

    कोयला घोटाले पर विपक्ष को अपने खिलाफ किसी भी तरह की जांच की चुनौती देते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने साफ कर दिया है कि कांग्रेस की सरकार आने पर अब देश की कमान पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी के हाथों में होगी। राहुल के नेतृत्व में कांग्रेस के लिए काम करने की इच्छा जताकर प्रधानमंत्री ने तीसरी बार अपने प्रधानमंत्री बनने के कयासों पर विराम भी लगा दिया है। आम तौर पर नेतृत्व के सवाल पर सीधा जवाब देने से बचते रहे प्रधानमंत्री ने पार्टी की तैयारी की तरफ स्पष्ट इशारा कर दिया।

    प्रधानमंत्री के विशेष विमान से [राजकिशोर]। कोयला घोटाले पर विपक्ष को अपने खिलाफ किसी भी तरह की जांच की चुनौती देते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने साफ कर दिया है कि कांग्रेस की सरकार आने पर अब देश की कमान पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी के हाथों में होगी। राहुल के नेतृत्व में कांग्रेस के लिए काम करने की इच्छा जताकर प्रधानमंत्री ने तीसरी बार अपने प्रधानमंत्री बनने के कयासों पर विराम भी लगा दिया है। आम तौर पर नेतृत्व के सवाल पर सीधा जवाब देने से बचते रहे प्रधानमंत्री ने पार्टी की तैयारी की तरफ स्पष्ट इशारा कर दिया।

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    सेंट पीटर्सबर्ग में हुए जी-20 सम्मेलन से लौटते समय मीडिया से बातचीत में प्रधानमंत्री ने विपक्ष के आरोपों पर खुलकर जवाब दिए। साथ ही कांग्रेस की चुनावी कार्ययोजना की तरफ भी स्पष्ट इशारा किया कि पार्टी अगले चुनावों में राहुल गांधी के नेतृत्व में उतरेगी। अपने तीसरे कार्यकाल के संदर्भ में पूछने पर प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं हमेशा कहता हूं कि 2014 के आम चुनाव के बाद राहुल गांधी जी प्रधानमंत्री पद के लिए आदर्श उम्मीदवार होंगे।

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    मुझे कांग्रेस पार्टी के लिए राहुल गांधी के नेतृत्व में काम करने में बेहद खुशी होगी। उनसे सवाल पूछा गया था कि क्या वह तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे, क्योंकि कांग्रेस राहुल गांधी को पार्टी का नेतृत्व करते हुए देखना चाहती है?

    मैं खुली किताब हूंकोयला घोटाले से जुड़ी फाइलों के गायब होने पर विपक्ष के आरोपों पर भी प्रधानमंत्री के आक्रामक तेवर बरकरार हैं। 2जी की तरह इस मामले में भी खुद को जांच के लिए आगे न करने के सवाल पर मनमोहन ने कहा कि मैंने किसी को भी अपने आचरण की जांच से नहीं रोका है।

    विपक्ष की तरफ से लगाए गए व्यक्तिगत आरोपों का उचित जवाब देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जो भी सवाल उठाए गए, मैंने उनका भरसक जवाब देने की कोशिश की। चाहे कोयला हो या कोई अन्य मामला, मेरी संसद से छिपाने की कोई मंशा नहीं है। पिछले संसद सत्र में कोयला मामले पर मैंने लंबा बयान जारी किया था। उन्होंने विपक्ष से शिकायती लहजे में कहा कि 'मुझे वह बयान नहीं देने दिया गया, लेकिन उसे सार्वजनिक कर दिया गया। लिहाजा मैं तो एक खुली किताब हूं।'

    ममता से गठजोड़ पर गुरेज नहीं अगले लोकसभा चुनावों में अपनी पुरानी सहयोगी ममता बनर्जी के साथ कांग्रेस के गठबंधन की संभावनाओं को भी प्रधानमंत्री ने नहीं नकारा। धर्मनिरपेक्षता के नाम पर प्रधानमंत्री ने अपने कूटनीतिक जवाब से ममता पर दबाव भी बना दिया। ममता के साथ चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि राजनीति में कोई स्थायी मित्र या शत्रु नहीं होता। लिहाजा मैं किसी गठजोड़ को नहीं नकारता।

    ममता बनर्जी किसी समय कांग्रेस की बहुत सम्मानित नेता रही हैं। तृणमूल की नेता के तौर पर भी उनके सरकार में रहने से हम बहुत खुश थे। हम लोग एक विचारधारा और धर्मनिरपेक्ष सोच के हैं, हमें साथ काम करना चाहिए और इससे देश में धर्मनिरपेक्ष ताकतें मजबूत होंगी।

    '2014 के आम चुनाव के बाद राहुल गांधी जी प्रधानमंत्री पद के लिए आदर्श उम्मीदवार होंगे। मुझे उनके नेतृत्व में काम करने में बेहद खुशी होगी।'

    - मनमोहन सिंह

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