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कुरैशी ने राज्यपाल पद की मर्यादा तोड़ी: कल्याण सिंह

राजस्थान के नवनियुक्त राज्यपाल व पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को उत्तराखंड के गर्वनर अजीज कुरैशी का सुप्रीम कोर्ट जाना कतई पसंद नहीं। उनका कहना है कि गवर्नर का पद जिस सरकार द्वारा दिया जाता है उसके हटने के बाद राज्यपालों को खुद ब खुद अपने पदों से त्यागपत्र दे देना चाहिए। कुरैशी ने राज्यपाल पद की मर्यादा तोड़ी

By Edited By: Published: Wed, 27 Aug 2014 09:05 AM (IST)Updated: Wed, 27 Aug 2014 10:00 AM (IST)
कुरैशी ने राज्यपाल पद की मर्यादा तोड़ी: कल्याण सिंह

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। राजस्थान के नवनियुक्त राज्यपाल व पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को उत्तराखंड के गर्वनर अजीज कुरैशी का सुप्रीम कोर्ट जाना कतई पसंद नहीं। उनका कहना है कि गवर्नर का पद जिस सरकार द्वारा दिया जाता है उसके हटने के बाद राज्यपालों को खुद ब खुद अपने पदों से त्यागपत्र दे देना चाहिए। कुरैशी ने राज्यपाल पद की मर्यादा तोड़ी है, उन्हें राजभवन में बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं रह गया है।

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राज्यपाल पद को लेकर जारी बहस को बेबुनियादी करार देते हुए कल्याण सिंह ने कहा इस गरिमापूर्ण पद की अपनी मर्यादा होती है। केंद्र सरकार से मिला पद तब तक रखना चाहिए जब तक सरकार वजूद में है। केवल पद बने रहने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना नैतिकता से परे है। कुरैशी को तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए। कल्याण का कहना था कि वह गर्वनर नहीं बल्कि राजस्थान का सेवक बनकर जा रहे हैं। सरकार का सहयोग करना व जनहित को संरक्षण देना ही उनकी प्राथमिकता रहेगी। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सराहना करना भी कल्याण नहीं भूले। उन्होंने बताया कि दोपहर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का बधाई फोन आया था और जयपुर आने के बारे में जानकारी हासिल की। उन्होंने कहा कि वसुंधरा मजबूत इच्छा शक्ति से बेहतर सरकार चलाने वाली मुख्यमंत्री है।

माल एवेन्यू स्थित आवास पर पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने अपनी साठ वर्ष की राजनीतिक पारी के बारे में काफी कुछ बताया। उनका कहना था कि वह अपनी सियासी पारी से काफी संतुष्ट है। उन्होंने साठ के दशक में जनसंघ के जिला सहमंत्री के रूप में राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। इसके बाद काफी उतार चढ़ाव आए, लेकिन मर्यादा पालन करने से कभी नहीं भटके। उन्होंने कहा कि राज्यपाल पद की जिम्मेदारी उनके लिए चुनौती जैसी नहीं है, क्योंकि राजस्थान में सरकार बेहतर चल रही है। जिसमें उनकी सहयोगात्मक भूमिका रहेगी। शैक्षिक स्तर में सुधार को उनसे जो भी बन पड़ेगा उसे करने में पीछे नहीं हटेंगे। उनकी कार्यशैली जनसेवक जैसी ही बनी रहेगी।

27 अगस्त के बाद वह राजस्थान जाने का प्रोग्राम तय करेंगे। कल्याण सिंह के राज्यपाल बनने की जानकारी मिलने के बाद बधाई देने का सिलसिला जारी था, मिठाइयां भी बांटी जा रही थी लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री का पहले जैसा जलवा नहीं दिख रहा था।

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