ममता के सियासी पुल को भी झटका
कोलकाता में निर्माणाधीन पुल के गिरने की घटना ने पश्चिम बंगाल सरकार को प्रशासन और भ्रष्टाचार के मोर्चे पर असहज स्थिति में डाल दिया है।

नई दिल्ली। कोलकाता में निर्माणाधीन पुल के गिरने की घटना ने पश्चिम बंगाल सरकार को प्रशासन और भ्रष्टाचार के मोर्चे पर असहज स्थिति में डाल दिया है।
ठीक चुनाव के वक्त हुई इस दुर्घटना से विपक्ष खासतौर से भाजपा को ममता सरकार में भ्रष्टाचार और इससे पहले वाममोर्चा सरकार की प्रशासनिक अराजकता पर हमलावर होने का मौका मिल गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह तक अपने चुनावी भाषणों में पश्चिम बंगाल में विकास और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर ही ममता बनर्जी और इससे पहले वाम सरकार पर प्रहार करते रहे हैं।
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जिस तरह से वाम मोर्चा सरकार में यह पुल बनना शुरू हुआ। आठ साल से भी ज्यादा इस पुल को बनाने में लगे और ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस के पांच साल में भी यह नहीं बन सका। अब चुनाव के समय जिस तरह यह भीषण दुर्घटना हुई है, उससे पश्चिम बंगाल में संस्थागत भ्रष्टाचार और अराजकता के आरोप और ज्यादा पुष्ट हुए हैं।
कोलकाता शहर के लोगों का गुस्सा तो जाहिर तौर पर मौजूदा राज्य सरकार पर भारी पड़ सकता है, ऐसे संकेत हैं। भाजपा के बंगाल नेतृत्व ने तुरंत जहां स्थानीय प्रशासन और सरकार पर हमला बोला, वहीं केंद्र सरकार भी सक्रिय हो गई।
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जहां तत्काल राहत के लिए मदद भिजवाई, वहीं एनडीआरएफ के महानिदेशक से पूरी जानकारी भी ली। कोलकाता में पुल गिरने की दुर्घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी शोक व्यक्त किया है। पीएम ने अमेरिका से ट्वीट कर लिखा कि "कोलकाता में निर्माणाधीन फ्लाईओवर के गिरने से हैरान और दुखी हूं। मैंने स्थिति और बचाव कार्य का जायजा भी लिया है। मेरी भावनाएं उन लोगों के परिवार के साथ है, जिन्होंने इस दुर्घटना में अपनी जान गंवाई है।"
इसी तरह भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने ट्वीट किया कि "कोलकाता में निर्माणाधीन पुल ढहने के बारे में जानने के लिए व्यथित हूं। बचाव अभियान में सहायता करने के लिए पश्चिम बंगाल इकाई के निर्देश दे दिए गए हैं।" जाहिर है कि अब चुनाव भर इस मुद्दे पर राज्य सरकार को घेरा जाएगा। इसीलिए, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी मेदिनीपुर की रैली रद कर घटनास्थल पर पहुंची।
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ममता ने पुल हादसे पर गहरा दुख जताते हुए पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं। राज्य सरकार ने इस हादसे में मृतकों के परिजनों के लिए 5-5 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों के लिए दो-दो लाख के मुआवजे का एलान किया है।

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