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    बेनामी संपत्ति खरीदी तो होगी सात साल की जेल, 1 नवंबर से लागू होगा कानून

    By Atul GuptaEdited By:
    Updated: Sat, 29 Oct 2016 09:15 AM (IST)

    काले धन की समस्या से निपटने के लिए संसद ने अगस्त में बेनामी ट्रांजेक्शन (प्रोहिबिशन) एक्ट पास किया था।

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    नई दिल्ली, प्रेट्र। एक नवंबर के बाद कोई बेनामी लेनदेन नहीं किया जा सकेगा। अगर कोई व्यक्ति बेनामी लेनदेन करने या बेनामी संपत्ति खरीदने का दोषी पाया जाएगा तो उसे सात साल तक की सजा हो सकती है और जुर्माना लगाया जा सकता है। ये प्रावधान एक नवंबर से लागू हो रहे बेनामी प्रॉपर्टी एक्ट में किये गये हैं।

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    काले धन की समस्या से निपटने के लिए संसद ने अगस्त में बेनामी ट्रांजेक्शन (प्रोहिबिशन) एक्ट पास किया था। हालांकि इस एक्ट को मंजूरी मिलने से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आश्वासन दिया था कि वास्तविक धार्मिक ट्रस्ट को इस कानून के दायरे से बाहर रखा जाएगा।

    केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक बयान में कहा कि बेनामी ट्रांजेक्शन (प्रोहिबिशन) एक्ट के सभी नियम और प्रावधान एक नवंबर से प्रभावी हो जाएंगे। नए कानून के लागू होने के बाद मौजूदा बेनामी ट्रांजेक्शन (प्रोहिबिशन) एक्ट 1988 का नाम बदलकर प्रोहिबिशन ऑफ बेनामी प्रॉपर्टी ट्रांजेक्शन एक्ट 1988 हो जाएगा।

    मौजूदा कानून में बेनामी लेनदेन का दोषी पाये जाने पर तीन साल तक की सजा या जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान है जबकि नए कानून में सात साल की सजा और जुर्माने की व्यवस्था है। नए कानून में बेनामी लेनदेन को परिभाषित किया गया है और उन पर रोक लगाने और इसके उल्लंघन पर सजा व जुर्माने का उल्लेख है।

    इस कानून में बेनामीदार के नाम पर दर्ज संपत्ति वास्तविक मालिक द्वारा प्राप्त किये जाने पर भी प्रतिबंध है। सीबीडीटी का कहना है कि बेनामी संपत्तियां सरकार कोई मुआवजा दिये बगैर जब्त कर सकती है। इस कानून में अपीलीय तंत्र की भी व्यवस्था की गई है।

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