जल्लीकट्टू को लेकर चल रहा प्रदर्शन हुआ हिंसक, रजनीकांत की संयम की अपील
हिंसा तब शुरू हुई जब भारी पुलिस बल ने धावा बोल कर प्रदर्शनकारियों को मरीना तट से हटाना शुरू कर दिया। कई प्रदर्शनकारी समुद्र के किनारे मानव श्रृंखला बना कर खड़े हो गए।
चेन्नई, आइएएनएस/प्रेट्र : तमिलनाडु में जल्लीकट्टू के समर्थन में करीब एक सप्ताह से चल रहा प्रदर्शन सोमवार को हिंसक हो गया। विरोध प्रदर्शन के केंद्र मरीना तट से पुलिस के जबरन हटाने से नाराज प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़पें हुईं और कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। इस बीच तमिलनाडु विधानसभा ने सर्वसम्मति से जल्लीकट्टू विधेयक को पारित कर दिया।
हिंसा तब शुरू हुई जब भारी पुलिस बल ने धावा बोल कर प्रदर्शनकारियों को मरीना तट से हटाना शुरू कर दिया। कई प्रदर्शनकारी समुद्र के किनारे मानव श्रृंखला बना कर खड़े हो गए। तब पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों पर पथराव किया। साथ ही आइस हाउस थाने के बाहर खड़े वाहनों में आग लगा दी। तट के नजदीक ट्रिप्लिकेन क्षेत्र में हिंसक भीड़ पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। साथ ही मरीना तट की तरफ जाने वाले सभी रास्तों को बंद कर दिया।
यह भी पढ़ें- तस्वीरें : जल्लीकट्टू पर आगजनी और हिंसा से उग्र हुआ प्रदर्शन
कोयंबटूर में भी पुलिस ने वीओसी पार्क मैदान से प्रदर्शनकारियों को जबरन हटाया। पुलिस ने उन पर हल्का लाठीचार्ज किया। मदुरै में भी विरोध प्रदर्शन जारी रहा। अलंगानल्लूर में पुलिस पर पथराव किया गया।
इस बीच तमिलनाडु विधानसभा ने बिना बाधा के सांडों को काबू करने के खेल जल्लीकट्टू आयोजित कराने के लिए विधेयक सोमवार को पारित कर दिया। पशुओं के प्रति क्रूरता रोकथाम कानून, 1960 में संशोधन वाला यह विधेयक दो दिनों पहले जारी जल्लीकट्टू अध्यादेश का स्थान लेगा।
केंद्र की आंदोलन वापस लेने की अपील
केंद्रीय मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने प्रदर्शनकारियों से आंदोलन को वापस लेने को कहा। चेन्नई और अन्य जगहों पर हिंसा के बाद उन्होंने यह अपील की।
यह भी पढ़ें: तमिलनाडु: जलीकट्टू समर्थकों का उग्र प्रदर्शन, पांच घायल; एक की हालत गंभीर
रजनीकांत, कमल हासन की संयम की अपील
मशहूर अभिनेता रजनीकांत और कमल हासन ने जल्लीकट्टू आंदोलन के हिंसक होने पर चिंता प्रकट की। उन्होंने छात्रों और प्रदर्शनकारियों से संयम बरतने और तत्काल प्रदर्शन बंद करने की अपील की। उन्होंने छात्रों के खिलाफ पुलिस की आक्रामक कार्रवाई की भी निंदा की।
हाई कोर्ट का सुनवाई से इन्कार
मद्रास हाई कोर्ट ने मरीना तट पर प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई पर सुनवाई करने से सोमवार को मना कर दिया। मुख्य न्यायाधीश एसके कौल और न्यायमूर्ति एम. सुंदर की पीठ के समक्ष वकीलों ने मामले में दखल देने के लिए विशेष अनुरोध किया था। कोर्ट ने यह कहकर उनकी मांग ठुकरा दी कि प्रशासनिक मामलों को कोर्ट कैसे हस्तक्षेप कर सकता है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।