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    मोदी विरोधियों ने धोई महापुरुषों की प्रतिमाएं

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    Updated: Fri, 25 Apr 2014 01:53 AM (IST)

    भाजपा प्रत्याशी नरेंद्र मोदी के महामना की प्रतिमा पर पुष्पांजिल के बाद भाजपा विरोधियों ने मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा की गंगाजल और दूध से धुलाई की। इसमें कांग्रेस कार्यकताओं के अलावा पार्टी की यूथ विंग एनएसयूआइ और समाजवादी युवजन सभा के कार्यकर्ता शामिल थे। विरोधियों के अनुसार मोदी गुजरात दंगों के अपराधी हैं और उनके हाथ अपवित्र हैं। सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा की भी धुलाई की गई।

    वाराणसी [जासं]। भाजपा प्रत्याशी नरेंद्र मोदी के महामना की प्रतिमा पर पुष्पांजलि के बाद भाजपा विरोधियों ने मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा की गंगाजल और दूध से धुलाई की। इसमें कांग्रेस कार्यकताओं के अलावा पार्टी की यूथ विंग एनएसयूआइ और समाजवादी युवजन सभा के कार्यकर्ता शामिल थे। विरोधियों के अनुसार मोदी गुजरात दंगों के अपराधी हैं और उनके हाथ अपवित्र हैं। सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा की भी धुलाई की गई।

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    अपने इस कार्यक्रम से विरोधी संदेश क्या देना चाहते थे, यह तो मालूम नहीं। अलबत्ता घटना को लेकर भ‌र्त्सना के स्वर बिलकुल वैसे ही थे, जैसे लगभग चालीस साल पहले हुआ करते थे। उस समय भी कतिपय अतिवादियों ने संस्कृत विश्वविद्यालय में बाबू संपूर्णानंद की प्रतिमा को सिर्फ इसलिए गंगाजल से धोया था, क्योंकि प्रतिमा पर माल्यार्पण करने वाले बाबू जगजीवन राम दलित थे। दोपहर 12 बजे युवा कांग्रेस के एक दर्जन से अधिक कार्यकर्ता लंका पहुंचे। भाजपा के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और महामना की प्रतिमा धोई। शुद्धिकरण के मंत्र भी पढ़े गए। मलदहिया चौराहे पर भी मोदी का रोड-शो शुरू होने के बाद दर्जनभर से अधिक कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सरदार पटेल की प्रतिमा का गंगाजल से शुद्धिकरण किया और मोदी विरोधी नारे भी लगाए। हालांकि, कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रजानाथ शर्मा ने प्रतिमा धोने की सूचना को गलत बताया। कहा कि कांग्रेस काम में विश्वास करती है। लोगों का दिल जीतने के लिए प्रतिमा धोने की नहीं, उनकी समस्याओं से जूझने की जरूरत है। एनएसयूआइ की बीएचयू इकाई के कार्यकर्ताओं ने भी शाम को गंगाजल से महामना की प्रतिमा का शुद्धिकरण किया। समाजवादी युवजन सभा के कार्यकर्ताओं ने भी मालवीय की प्रतिमा को गंगाजल और दूध से धोया। मोदी के विरोध में नारेबाजी की और उन्हें दंगाई बताया। सपा पार्षद रविकांत विश्वकर्मा का कहना था कि मोदी ने 2002 दंगों के आरोपी हैं। यह शहर उन्हें स्वीकार नहीं करेगा। वह अपने करीबी अमित शाह के साथ मिलकर इस पवित्र शहर के माहौल को खराब करना चाहते हैं।