एक लाख कंपनियों पर लगा ताला, तीन लाख शक के घेरे में: पीएम मोदी
ICAI के स्थापना दिवस की बधाई देने के बाद उन्होंने कहा कि जीएसटी भारत के अर्थव्यवस्था में एक नई राह की शुरुआत है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। नोटबंदी के बाद कालेधन पर एक और कठोर प्रहार करते हुए मोदी सरकार ने एक लाख से अधिक कंपनियां बंद कर दी हैं। रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज ने इन कंपनियों का पंजीकरण निरस्त कर दिया है। सरकार ने 3 लाख से अधिक संदिग्ध कंपनियों की पहचान भी की है जिन्होंने नोटबंदी के दौरान वित्तीय धांधली की। साथ ही सरकार कालेधन को सफेद करने का काम करने वाली 37 हजार से अधिक कंपनियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की तैयारी कर रही है। स्विस बैंकों में भारतीयों की जमाराशि अब तक के न्यूनतम स्तर पर आ गयी है और बीते तीन वर्षो में इसमें 45 प्रतिशत की कमी आई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को संबोधित करते हुए यह बात कही। मोदी ने इस मौके पर चार्टेड अकाउंटेंट्स का भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ लड़ाई में योगदान करने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में स्वच्छता अभियान के साथ अर्थव्यवस्था की सफाई का अभियान भी चल रहा है। सरकार का नोटबंदी का फैसला इसी दिशा में कदम था। मोदी ने कहा कि नोटबंदी के दौरान बैंकों में जो धनराशि जमा हुई, सरकार ने उसकी डाटा माइनिंग की है। यह पता लगाया जा रहा है कि पैसा किसने जमा किया, कितना जमा किया। इस पर लगातार काम चल रहा है हालांकि अभी तक डाटा माइनिंग से पकड़ में आए किसी भी व्यक्ति से पूछताछ नहीं की गयी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नोटबंदी के दौरान जमा हुई राशि के आंकड़ों से पता चला कि तीन लाख से ज्यादा पंजीकृत कंपनियां ऐसी हैं जिनके लेन-देन शक के घेरे में है। उन पर सवालिया निशान लगा है। अभी यह आंकड़ा बढ़ सकता है। प्रधानमंत्री ने कालेधन के नियंत्रण के लिए उठाए गए एक और महत्वपूर्ण कदम की जानकारी देते हुए कहा कि सरकार ने जीएसटी लागू होने 48 घंटे पहले एक लाख कंपनियों पर ताला लगा दिया गया। रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज ने इन कंपनियों को बंद कर दिया है। पीएम ने कहा कि राजनीति का हिसाब किताब करने वाले ऐसे फैसले नहीं ले सकते। राष्ट्रहित का फैसला करने वाले लोग ही ऐसे फैसले ले सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक लाख से ज्यादा कंपनियों को एक झटके से खत्म करने की ताकत देशभक्ति की प्रेरणा से आती है। जिन्होंने गरीब से लूटा है उन्हें गरीब को लौटाना ही पड़ेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने 37 हजार से ज्यादा मुखौटा कंपनियों की पहचान कर ली है जो कालेधन को छुपाने, हवाला करने और पैसा इधर से उधर ट्रांसफर करने का काम करती थीं। इनके खिलाफ कठोर कार्रवाई के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कानून तोड़ने वाली कंपनियों के खिलाफ आने वाले दिनों में और कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि कालेधन के खिलाफ कार्रवाई और फर्जी कंपनियों को खत्म करने का कितना नुकसान हो सकता है उन्हें पता है लेकिन किसी न किसी को तो देश के लिए जीना पड़ेगा। मोदी ने अपने भाषण में कई बार चार्टर्ड अकाउंटेंट्स पर कटाक्ष करते हुए उन्हें 'बही को सही' करने वाले साथी कहकर संबोधित किया।
Those who have looted the poor will have to give back what they have looted: PM Narendra Modi pic.twitter.com/wXYS7SrFeO
— ANI (@ANI_news) July 1, 2017
A country where a select few loot, such a nation cannot scale new heights. These select few never want the nation to grow: PM Modi pic.twitter.com/q2x748Kbqe
— ANI (@ANI_news) July 1, 2017
पीएम ने कहा कि 8 नवंबर को नोटबंदी के फैसले के बाद कई सीए अपनी छुट्टी रद्द करके वापस लौट आए और उन्होंने दिन रात काम किया। पीएम ने सवाल किया कि सीए ने यह काम देश के लिए किया या क्लाइंट के लिए किया। प्रधानमंत्री ने प्रश्न किया कि कोई तो होगा जिसने इन कंपनियों की मदद की होगी? ये चोर लुटेरे, ये कंपनियां, किसी न किसी आर्थिक डाक्टर के पास तो गयीं होंगी, कोई तो होगा जिसने इनकी मदद की होगी। उनको पहचानने और किनारे करने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश से विदेश घूमने जाने वाले लोगों की संख्या दो करोड़ 18 लाख है जबकि सिर्फ 32 लाख लोग ही यह बताते हैं कि उनकी आय 10 लाख रुपये से अधिक है। देश की कड़वी सच्चाई यही है। मोदी ने उम्मीद जतायी कि चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की संस्था 'द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया' से कठोर कदम उठाकर गुनाहगारों को सजा देगी।
उन्होंने कहा कि पिछले 11 साल में सिर्फ 25 सीए के खिलाफ कार्रवाई हुई है, क्या सिर्फ 25 सीए ने ही गड़बड़ी की होगी। 1400 से ज्यादा मामले वर्षो से लंबित पड़े हैं। यह चिंता का विषय है। जीएसटी का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि आज देश आर्थिक एकीकरण की एक नयी यात्रा आरंभ कर रहा है। 2017 में एक राष्ट्र, एक कर और एक बाजार की अवधारणा मूर्तरूप ली है। इसमें सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका सीए की है। आर्थिक विकास की यात्रा का नेतृत्व सीए फौज को करना होगा। कालेधन और भ्रष्टाचार को खत्म करने और अपने क्लाइंट्स को ईमानदारी के रास्ते पर ले चलने पर आपको आगे बढ़कर कमान संभालनी होगी। उन्होंने कहा कि देश के पीएम के सिग्नेचर की वो ताकत नहीं है, जो सीए के सिग्नेचर की है। उन्हांेने कहा कि ऐसा होने पर टैक्स चोरी करने की हिम्मत कोई नहीं कर पाएगा। इंसान अपराध तभी करता है जब उसे पता रहता है कि कोई उसे बचा लेगा।
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