इबोला पर संसद में शोर मचा तो जागी सरकार
देश के कुछ भागों में इबोला के लक्षणों वाले मरीजों के सामने आने के जब संसद में शोर मचा तब सरकार ने विमानन कंपनियों [एयरलाइनों] को इबोला के खिलाफ निगरानी, एहतियात, इलाज व रिपोर्टिग के निर्देश दिए। संसद में इबोला का मसला राज्यसभा में कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने शून्यकाल के दौरान उठाया।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश के कुछ भागों में इबोला के लक्षणों वाले मरीजों के सामने आने के जब संसद में शोर मचा तब सरकार ने विमानन कंपनियों [एयरलाइनों] को इबोला के खिलाफ निगरानी, एहतियात, इलाज व रिपोर्टिग के निर्देश दिए।
संसद में इबोला का मसला राज्यसभा में कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने शून्यकाल के दौरान उठाया। उन्होंने सरकार से इस बीमारी का प्रसार रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने को कहा। उनका कहना था कि एक तरफ स्वास्थ्यमंत्री हर्षवर्द्धन कह रहे हैं कि देश में इबोला का कोई मामला सामने नहीं आया है। दूसरी ओर मीडिया ने दिल्ली व मुंबई में कई संदिग्ध मामले गिनाए हैं। उन्होंने कहा, यह एक गंभीर बीमारी है, जिसमें 90 फीसद तक मौत होती है। इसकी न कोई वैक्सीन है और न इलाज। विश्व स्वास्थ्य संगठन [डब्लूएचओ] ने इसे श्रेणी-4 की बीमारी घोषित किया है। यह मनुष्य व पशु दोनों से फैल सकती है। इसके लक्षण दो से 22 दिनों में प्रकट होते हैं। दुनिया भर में इस बीमारी से अब तक एक हजार से ज्यादा लोग मर चुके हैं। अमेरिका तथा अन्य देशों ने इससे निपटने को पर्याप्त कदम उठाए हैं, लेकिन हम खामोश बैठे हैं।
संसद में मामला उठने के बाद सरकार हरकत में आई। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय [डीजीसीए] ने इंटरनेशनल रूटों पर उड़ाने संचालित करने वाली सभी एयरलाइनों को इबोला पर अंकुश लगाने के निर्देश जारी कर दिए। सभी एयरलाइनों को विमानों में उद्घोषणा कर यात्रियों को इबोला के लक्षणों की सूचना देने को कहा गया है। इसके लिए यात्रियों को एक हेल्थ फार्म भरना होगा। इसमें बताना होगा कि पिछले 21 दिनों के दौरान किसी पश्चिमी अफ्रीकी देश [खासकर इबोला प्रभावित चार देशों] का दौरा तो नहीं किया है। एयरलाइनों को इन देशों से लौटने वाले यात्रियों या परिवारों का रिकार्ड रखना होगा और डीडीजी [आइएच] को इसकी जानकारी देनी होगी। एयरलाइनें इबोला प्रभावित देशों से सवार होने वाले यात्रियों की अग्रिम सूचना उन भारतीय हवाई अड्डों को प्रदान करेंगी जहां इन यात्रियों को उतरना होगा।
एयरलाइनों को विमानों में इबोला के लिए आवश्यक यूनिवर्सल किट, फर्स्ट एड बॉक्स का प्रबंध भी करना होगा। इसमें मास्क, सेनेटाइजर, दस्ताने आदि होने चाहिए। इबोला से प्रभावित यात्रियों को बाकी यात्रियों से तुरंत अलग कर तत्काल तात्कालिक चिकित्सा प्रदान करनी होगी।
ज्ञात हो, विश्व स्वास्थ्य संगठन की चेतावनी के बावजूद भारतीय एजेंसियां इबोला पर अब तक लापरवाह थीं। केवल हवाई अड्डा प्राधिकरण [एयरपोर्ट अथारिटी] की ओर से हवाई अड्डों पर ही कुछ सतर्कता बरती जा रही थी।
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