दैनिक जागरण का संदेह निकला सही, ISI ने दिया था कानपुर रेल हादसे को अंजाम
इंदौर पटना ट्रेन हादसे में आईएसआई का हाथ होने से यह साफ हो गया है कि यह एक आतंकी साजिश थी। दैनिक जागरण ने अपनी पूर्व प्रकाशित खबर में इस बात का अंंदेशा जताया था।
नई दिल्ली (जेएनएन)। इन्दौर पटना एक्सप्रेस ट्रेन हादसे के पीछे आईएसआई का हाथ होने की जानकारी मिलने के बाद से अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। यह सभी बिहार के मोतिहारी से गिरफ्तार किए गए हैं, जबकि दो अन्य आरोपियों की तलाश में छापेमारी की जा रही है। इस बाबत सवाल करने पर रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि आईबी और रॉ के अधिकारी मामले की जांच में जुटे हैं, एक बार यह जांच खत्म हो जाएगी तो इस पर टिप्पणी करना सही होगा। वहीं गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने भी मीडिया के सवलों का यही जवाब दिया है। दरअसल मीडिया ने दोनों मंत्रियों ने इस हादसे के पीछे पाकिस्तान का हाथ होने के बाबत सवाल किया था।
सही निकला दैनिक जागरण का संदेह
इंदौर-पटना ट्रेन हादसे को लेकर 'दैनिक जागरण' द्वारा पूर्व में जताया गया संदेह सही साबित हुआ है। 21 नवंबर की खबर में दैनिक जागरण डॉटकॉम की खबर में इस बात का अंदेशा जताया गया था कि इस हादसे के पीछे आतंकी कार्रवाई हो सकती है। इस बात की पुष्टि अब पूरी हो चुकी है।
कानपुर सेक्शन पर हुआ था हादसा
इस हादसे की जांच जीआरपी के अलावा सीबीआई और एटीएस की टीमें कर रही हैं। कानपुर सेक्शन के बीच हुए इस हादसे में 150 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे के पीछे आईएसआई का हाथ होने की खबर के दैनिक जागरण द्वारा पूर्व में प्रकाशित खबर सही साबित हुई है।
Anti-Terrorism Squad(ATS) team reaches Bihar to probe into the Kanpur train accident, after 3 ppl were arrested in connection with the case.
— ANI (@ANI_news) 18 January 2017
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कानपुर घटना में भी हो सकते हैं शामिल
ऐसा माना जा रहा है कि कानपुर की घटना में भी उक्त आरोपियों का हाथ हो सकता है। जानकारी के मुताबिक इस हादसे को कराने के लिए नेपाल और सउदी अरब में बैठे एजेंटों की मदद ली गई थी। मोतिहारी से तीन युवकों की गिरफ्तारी के बाद यह सनसनीखेज खुलासा हुआ है। बिहार एटीएस समेत कई एजेंसियां जांच में जुटी हैं। पूर्वी चंपारण जिला के एसपी जितेंद्र राणा ने बताया कि घोड़ासहन रेलवे ट्रैक पर मिले बम के अनुसंधान के दौरान पुलिस ने मोती पासवान, मुकेश और उमाशंकर को गिरफ्तार किया गया है। मोती ने पुलिस को बताया कि घोड़ासहन में ट्रैक उड़ाने के लिए नेपाल के बृजकिशोर गिरी को 20 लाख रुपये दिए गए थे।
दुबई से जुड़े तार
दुबई में बैठे आईएसआई एजेंट शमशुल होदा ने इस हादसे को प्लान किया था। ट्रैक उड़ाने का काम उमाशंकर के अलावा दीपक और अरुण को दिया गया था। घोड़ासहन में असफल रहने पर मोती को कानपुर में बम प्लांट करने के लिए बुलाया गया। इसके लिए उसे दो लाख रुपये मिले। कानपुर में ट्रेक उडाने का काम होने के बाद मोती इंदौर और बाद में दिल्ली गया। वहां से वह नेपाल चला गया।
पटरी से बरामद हुआ था बम
पुलिस अधीक्षक ने आगे बताया कि पटरी पर लगाए गए बम को ग्रामीणों की मदद से विस्फोट होने के पूर्व बरामद कर लिया गया था तथा उसे निष्क्रिय कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि इन तीनों की गिरफ्तारी हालांकि पूर्वी चंपारण जिला में हुई है, पर कई अन्य नेपाल के तिलैया में गिरफ्तार किए गए थे। राणा ने बताया कि दो अन्य अपराधी गजेंद्र शर्मा और राकेश यादव की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है, जो पूर्व चंपारण जिला में छुपे हुए हैं। मोती पासवान और उसके दो अन्य सहयोगियों पेशेवर अपराधी हैं और इनकी एक दर्जन से अधिक अपराधिक मामलों में संलिप्तता रही है।
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