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    तेलंगाना की मांग को हकीकत में बदले सरकार

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    Updated: Wed, 19 Oct 2011 04:17 PM (IST)

    जनचेतना यात्रा के दौरान तेलंगाना मुद्दे को उठाते हुए भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने बुधवार को कहा कि यूपीए सरकार को अनिर्णय की स्थिति समाप्त करते हुए स ...और पढ़ें

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    निजामाबाद। जनचेतना यात्रा के दौरान तेलंगाना मुद्दे को उठाते हुए भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने बुधवार को कहा कि यूपीए सरकार को अनिर्णय की स्थिति समाप्त करते हुए संसद के शीतकालीन सत्र में पृथक तेलंगाना राज्य के निर्माण के लिए जरूरी विधेयक पेश करना चाहिए।

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    उन्होंने यूपीए सरकार पर आरोप लगाया कि वह अपने वादों से पीछे हट रही है और क्षेत्र को समस्याओं में ढकेल रही है। उन्होंने सरकार से अपनी अनिर्णय की स्थिति से बाहर निकलकर नए साल पर पृथक तेलंगाना राज्य के सपने को सच करने की माग की।

    आडवाणी ने कहा कि मैं आशा करता हूं कि तेलंगाना के लोगों की यहच्इच्छा वर्ष 2012 में पूरी हो जाएगी। एक जनवरी 2012 को पृथक तेलंगाना राज्य का सपना सचाई में बदल सकता है, अगर डॉक्टर मनमोहन सिंह और काग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाधी सख्ती से निर्णय लें और संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत में आवश्यक विधेयक को पेश किया जाए।

    आडवाणी ने कहा कि तेलंगाना के निर्माण के लिए राज्य विधानसभा में किसी प्रस्ताव की जरूरत नहीं है और संसद शीतकालीन सत्र में ही पृथक राज्य का निर्माण कर सकती है। उन्होंने कहा कि आजकल मैं सुन रहा हूं कि इसके लिए सबसे पहले विधानसभा में प्रस्ताव रखने की जरूरत है। मैं इस बात को साफ करना चाहता हूं कि भारतीय संविधान में ऐसी कोई बात नहीं है।

    अपनी यात्रा के दौरान पूर्व उपप्रधानमंत्री आडवाणी ने कहा कि दूसरी बार सत्ता में आई यूपीए सरकार पिछले दो साल से इस मुद्दे पर अनिर्णय की स्थिति में है। उनकी इस अनिर्णय की स्थिति से आध्र प्रदेश का यह क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।

    उन्होंने कहा कि केंद्र की यूपीए सरकार के तत्कालीन गृहमंत्री ने इसकी घोषणा की थी लेकिन उसके 15 दिनों के भीतर ही वह अपने वादे से पीछे हट गए। इसी वजह से राज्य के उस हिस्से की स्थिति ऐसी है, जैसी पिछले 60 साल में देश के किसी भी भाग में नहीं देखी गई।

    उन्होंने कहा कि यह बेहद दुख की बात है कि सिर्फ सरकार की ओर से निर्णय नहीं लिए जाने के कारण युवक आत्महत्या कर रहे हैं। आडवाणी ने झारखड, उत्तराखड और छत्तीसगढ़ के निर्माण का हवाला देते हुए कहा कि दो अविभाजित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने सार्वजनिक तौर पर इनके निर्माण का विरोध किया था।

    उन्होंने कहा कि इसलिए हमने यह निर्णय किया की केंद्र की राजग सरकार इन राज्यों का निर्माण करेगी क्योंकि च्नुच्छेद तीन के तहत पृथक राज्यों का निर्माण केंद्र सरकार और संसद की जिम्मेदारी है। भाजपा नेता ने कहा कि अगर राज्य विधानसभा में पृथक तेलंगाना राज्य के निर्माण के लिए कोई प्रस्ताव पारित करना जरूरी नहीं है तो सरकार अपनच् इच्छाशक्ति से संसद में मुख्य विपक्षी दलों, खासतौर पर भाजपा की मदद से शीतकालीन सत्र में पृथक तेलंगाना राज्य के निर्माण के लिए विधेयक पारित कर सकती है।

    जब भाजपा नेता से पूछा गया कि उनकी पार्टी ने गैर तेलंगाना क्षेत्रों की जनता की भावनाओं की अनदेखी क्यों की तो उन्होंने कहा कि वह संयुक्त आध्र प्रदेश के पक्षधर लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हैं लेकिन भाजपा प्रशासनिक सुविधा की दृष्टि से छोटे राज्यों की समर्थक है।

    आडवाणी ने अखबारों में सरकार द्वारा पृथक तेलंगाना राज्य के निर्माण के लिए निर्णय लेने की संभावनाओं के बारे में प्रकाशित खबरों का हवाला देते हुए कहा कि इससे आशा की किरण जगी। उन्होंने कहा कि अगर यह सच है तो मुझे बहुत खुशी होगी लेकिन अक्सर ऐसा लगता है कि सरकार भ्रम की स्थिति में है और निर्णय लेने की क्षमता खो चुकी है।

    आडवाणी ने कहा कि सरकार की ओर से कोई अंतिम फैसला नहीं लिए जाने के चलते ये खबरें सिर्फ लोगों के गुस्से को शात करने के लिए आ रहीं हैं। आडवाणी ने कहा कि जहा तक मेरे दल का सवाल है हम मानते हैं कि पृथक तेलंगाना राज्य की माग उचित है।

    उन्होंने जोर देते हुए कहा कि क्षेत्रों के बीच में कोई वैर नहीं होना चाहिए। बतौर गृह मंत्री मुझे तीनों राज्यों के निर्माण की प्रक्रिया आरंभ करनी पड़ी थी। तीनों राज्यों का निर्माण बगैर किसी शोर-शराबे के हो गया था।

    आडवाणी ने कहा कि कभी बाबे प्रेसिडेंसी का हिस्सा रहे सिंध का निवासी होने के नाते वह बड़े प्रदेशों की भावनाओ को समझते हैं लेकिन राज्यों को प्रशासनिक तौर पर सक्षम होना चाहिए। अन्ना हजारे के सहयोगी अरविंद केजरीवाल पर चप्पल फेंके जाने की घटना की निंदा करते हुए भाजपा नेता ने कहा कि लोकतंत्र में हिंसा की कोई जगह नहीं है।

    आध्र प्रदेश में अपनी यात्रा के दूसरे दिन संवाददाताओं से बातचीत में आडवाणी ने कहा कि लोकतंत्र में किसी भी प्रकार की हिंसा के लिए स्थान नहीं है। अगर किसी के विचार अलग हैं तो वह उसके लिए स्वतंत्र है। भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के बारे में सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह यात्रा आडवाणी या भाजपा से जुड़ी नहीं है यह देश की स्थिति को लेकर है।

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