पीएम सफाई दें वरना गुनहगार माने जाएंगे
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। कोयला ब्लाक आवंटन घोटाला और 2जी स्पेक्ट्रम पर विवादित जेपीसी रिपोर्ट को ही मुद्दा बनाकर भाजपा अब चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी में है। यही कारण है कि भाजपा के शब्द अब चुनावी अंदाज में और तीखे होने लगे हैं। पार्टी नेता यशवंत सिन्हा ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर आगाह किया है कि वह जेपीसी के समक्ष पेश होकर सफाई नहीं देते हैं तो आरोपी मंत्री ए राजा की तरह ही वह भी गुनहगार माने जाएंगे। पार्टी उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने तो प्रधानमंत्री और सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए उन्हें 'लुटेरों का लाटसाहब' बता दिया।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। कोयला ब्लाक आवंटन घोटाला और 2जी स्पेक्ट्रम पर विवादित जेपीसी रिपोर्ट को ही मुद्दा बनाकर भाजपा अब चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी में है। यही कारण है कि भाजपा के शब्द अब चुनावी अंदाज में और तीखे होने लगे हैं। पार्टी नेता यशवंत सिन्हा ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर आगाह किया है कि वह जेपीसी के समक्ष पेश होकर सफाई नहीं देते हैं तो आरोपी मंत्री ए राजा की तरह ही वह भी गुनहगार माने जाएंगे। पार्टी उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने तो प्रधानमंत्री और सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए उन्हें 'लुटेरों का लाटसाहब' बता दिया।
पिछले सत्र में कोयला घोटाले को भूल चुकी भाजपा अब आर-पार की लड़ाई के मूड में है। संयुक्त संसदीय समिति [जेपीसी] की गुरुवार को होने वाली बैठक में जहां पूरी ड्राफ्ट रिपोर्ट को खारिज कराने के लिए 'जंग' होगी वहीं पार्टी को इसकी भी खुशी है कि कोयला घोटाले के सहारे ही चुनावी माहौल में भ्रष्टाचार फिर मुद्दा बन गया है। भाजपा चुनाव प्रबंधन टीम को संबोधित कर रहे नकवी ने कहा, 'सरकार बेशर्मी से अपने भ्रष्टाचार को दबाने में जुटी है। जिस तरह से लूट के लाटसाहबों को बचाने के लिए संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग हो रहा है उससे यह साबित हो गया है कि संप्रग सरकार राष्ट्रीय बोझ है। सरकार बचाने के लिए सभी अनैतिक हथकंडों का इस्तेमाल हो रहा है।'
भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने भी उनकी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, दोनों घोटालों में सीधे प्रधानमंत्री की भूमिका है। कोर्ट में भी सरकार की खामियां स्पष्ट हो गई हैं। फिर भी पूर्ववर्ती राजग सरकार को लपेटने की कोशिश हो रही है। लेकिन, सरकार इस मंशा में सफल नहीं हो पाएगी।
यशवंत सिन्हा ने भी मनमोहन को चिट्ठी लिखकर याद दिलाया कि वह पहले भी दो बार उनसे जेपीसी में आकर सफाई देने का आग्रह कर चुके हैं। जबकि, पूर्व संचार मंत्री ए राजा के नोट से स्पष्ट है कि वह खुद और उनका विभाग आपसे और आपके कार्यालय से लगातार संपर्क में थे। ऐसे में अगर आप चुप्पी नहीं तोड़ते हैं तो यह मान लिया जाएगा कि आप भी उतने ही गुनहगार हैं जितने राजा। भाजपा के इन तेवरों से जाहिर है कि संसद सत्र के बचे हिस्से में जहां टकराव चरम पर होगा वहीं पार्टी इन्हीं मुद्दों के साथ सड़क पर भी उतरेगी।
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