Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बहनों की शादी के लिए मनमोहन से मांगी थी मदद, मोदी ने भेजी

    By Sumit KumarEdited By:
    Updated: Sat, 23 May 2015 02:42 PM (IST)

    बहनों की शादी के लिए उसके पास पैसे नहीं थे, उसने मदद मांगने के लिए मार्च 2014 में प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था। उस वक्‍त मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री हुआ ...और पढ़ें

    Hero Image

    मेरठ। बहनों की शादी के लिए उसके पास पैसे नहीं थे, उसने मदद मांगने के लिए मार्च 2014 में प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था। उस वक्त मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री हुआ करते थे। लालफीता शाही के चक्कर में जब लंबे समय तक इंतजार करने के बाद भी जब बुलंदशहर के जाटपुरा इलाके में एक प्राइमरी स्कूल में टीचर मंजीत सिंह को जवाब नहीं मिला, तो उसने मदद की आस भी छोड़ दी थी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मंजीत ने प्रधानमंत्री को लिखे खत में अपनी खराब माली हालत का हवाला देते हुए बहनों की शादी के लिए मदद की गुहार लगाई थी। उसने पत्र में तीन विकल्प सुझाए थे, जिसके तहत कहा था कि या तो उसकी अच्छी सरकारी या निजी नौकरी लगावा दी जाए। या उसे बहनों की शादी के लिए करीब 3.50 लाख रुपए दे दिए जाएं।

    इस चिठ्ठी को संज्ञान में लेते हुए पीएमओ से 50 हजार रुपए का चेक मंजीत को भेज दिया गया है। इसके साथ ही मोदी ने एक बधाई संदेश भेजा है। इसमें पीएम ने लिखा है कि मैं समझ सकता हूं कि आर्थिक दिक्कतों की वजह से आप अपनी बहनों की शादी नहीं कर पा रहे हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि इस राशि से आपकी कुछ हद तक मदद होगी। मैं दोनों के सुखी वैवाहिक जीवन की कामना करता हूं।

    पत्र मिलने के दो महीने के अंदर ही प्रधानमंत्री कार्यालय ने प्रतिक्रिया देते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव से मंजीत की आर्थिक स्थिति की पुष्िट करने को कहा था। मगर, मुख्य सचिव के कार्यालय ने इस आवेदन को आगे बुलंदरशहर के डीएम ऑफिस तक पहुंचाने में छह महीने से अधिक समय लगा दिया। 17 दिसंबर 2014 को पत्र मिलने के बाद एसडीएम अनूपशाहनगर ने मंजीत की वित्तीय स्थिति के बारे में पता किया और इसकी रिपोर्ट उत्तर प्रदेश सरकार को भेज दी।

    इस साल फरवरी में, मंदीप को पीएमओ की तरफ से एक लिफाफा मिला, जिसमें 50 हजार का चेक था। गौरतलब है कि पिछले दिनों दिल की जटिल बीमारी से जूझ रही आगरा की तैयबा (8) ने भी पीएम को 15 से 20 लाख रुपए की आर्थिक मदद के लिए खत लिखा था। तैयबा का खत मिलते ही पीएम ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि बच्ची का पूरा इलाज किया जाए और परिवार से एक भी पैसा न लिया जाए।

    यह भी पढ़ें -
    मुसलमानों की दान दी गई जमीन पर बन रहा विशाल मंदिर

    मंगोलिया से रक्षा करार, भारत देगा 63 अरब रुपये का कर्ज

    साभार - नई दुनिया