बच्चों की मौत पर पीएम दुखी, अनुप्रिया पटेल को गोरखपुर भेजा
पीएम ने ट्वीट करते हुए बताया कि स्वास्थय व परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल और हेल्थ सेक्रेटरी इस मामले पर निगाह बनाए हुए हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। गोरखपुर के अस्पताल में 30 बच्चों की मौत से लखनऊ से लेकर दिल्ली तक हड़कंप मच गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इस पर नजर रखे हुए हैं। बच्चों की मौत के कारण के अलग-अलग दावों के बीच सच्चाई का पता लगाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी स्वास्थ्य राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल को गोरखपुर रवाना कर दिया है। वहीं स्वास्थ्यमंत्री जेपी नड्डा ने राज्य सरकार से इस पर विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।
केंद्र ने साफ कर दिया है कि इसके लिए दोषी अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए और उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।शुक्रवार को देर शाम 30 बच्चों की मौत की खबर आते ही केंद्र स्वास्थ्य मंत्रालय हरकत में आ गया। स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने रात में ही उप्र के स्वास्थ्यमंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह से फोन पर बात की और घटना की विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा। वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव सीके मिश्र भी राज्य के स्वास्थ्य सचिव के साथ संपर्क में थे। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बच्चों की मौत के कारण पर अलग-अलग दावों के की वजह से भ्रम की स्थिति बनी हुई है।
उप्र सरकार ने इसकी मजिस्ट्रेट से जांच के आदेश दिये है। इसके बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जा सकेगी। वहीं जांच में मामले को रफा-दफा करने की अटकलों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद पूरी मामले की निगरानी का काम संभाल लिया है। सच्चाई का पता लगाने के लिए उन्होंने अनुप्रिया पटेल को गोरखपुर रवाना कर दिया है। दरअसल राज्य सरकार दावा कर रही है कि सभी बच्चों की मौत आक्सीजन की कमी के कारण नहीं हुई है। इसके लिए बच्चों की मौत के पुराने आंकड़ों का सहारा लिया जा रहा है। लेकिन मीडिया में आ रही रिपोर्टो से साफ है कि बच्चों की मौत के लिए आक्सीजन कमी ही जिम्मेदार है।
अनुप्रिया पटेल गोरखपुर में अधिकारियों व अन्य लोगों से मुलाकत कर सच्चाई का पता लगाने की कोशिश करेंगी और प्रधानमंत्री को इससे अवगत कराएंगी। अनुप्रिया पटेल की रिपोर्ट उत्तरप्रदेश सरकार की ओर आने वाली रिपोर्ट से अलग होगी। बच्चों की मौत पर पूरे देश में जिस तरह से हाहाकार मचा है, उसे देखते हुए केंद्र सरकार इस मामले में दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई सुनिश्चित कराना चाहती है। केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को साफ कर दिया है कि हादसे की जिम्मेदारी सुनिश्चित करने में किसी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए।