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    BRICS सम्मेलन से पहले बोले PM, 'संभावनाओं को जमीन पर उतारने को आगेे आएं'

    By Lalit RaiEdited By:
    Updated: Fri, 14 Oct 2016 03:25 PM (IST)

    ब्रिक्स सम्मेलन से ठीक पहले पीएम मोदी ने कहा कि अपार संभावनाओं को जमीन पर उतारने के लिए ये सम्मेलन महत्वपूर्ण है।

    नई दिल्ली(जेएनएन)। गोवा की राजधानी पणजी में कल से ब्रिक्स सम्मेलन की शुरुआत हो रही है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति पुतिन आज भारत आ रहे हैं। सम्मेलन से इतर दुनिया की निगाह चीन और रूस के साथ द्विपक्षीय बातचीत पर टिकी हुई है। रूस के साथ महत्वपूर्ण रक्षा सौदों पर हस्ताक्षर के साथ करीब 18 समझौतों पर हस्ताक्षर होने हैं। इसके अलावा चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ भारत आतंकी मसूद अजहर पर प्रतिबंध के मुद्दे पर भी बातचीत कर सकता है।

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    ब्रिक्स सम्मेलन से ठीक पहले पीएम मोदी मे ट्वीट कर कहा कि 15 और 16 अक्टूबर का दिन ब्रिक्स और बिम्सटेक देशों के लिए खास है। उन्होंने कहा कि आज समय का तकाजा है कि विकास के रास्ते पर आगे बढ़ने के लिए हम सभी एक साथ मिलकर विघटनकारी ताकतों पर लगाम लगाएं।

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    पीएम के कुछ खास ट्वीट

    - आने वाले दिन में ब्रिक्स देशों का आठवां सम्मेलन होने के साथ-साथ पहला ब्रिक्स और बिम्सटेक के देश एक साथ मंच पर होंगे।

    - उम्मीद है कि इस सम्मेलन में चीन, रुस, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के साथ वैश्विक मुद्दों पर सार्थक बातचीत होगी।

    - भारत की कोशिश हमेशा से ये रही है कि सदस्य देशों के बीच खुले वातावरण में बातचीत हो। इसके अलावा हम सब मिलकर किस तरह से उन आर्थिक नीतियों को आगे बढ़ा सकते हैं जिसका फायदा आम लोगों को मिल सके।

    - रूस के राष्ट्रपति पुतिन का भारत स्वागत करता है। भारत-रूस वार्षिक समिट से दोनों देशों को काफी उम्मीदें हैं।

    - ब्राजील का भी भारत तहेदिल से स्वागत करता है। उम्मीद है कि भारत और ब्राजील के संबंधों को एक नई दिशा मिलेगी।

    -चीन और दक्षिण अफ्रीका के साथ भारत आगे बढ़ना चाहता है। चीन और दक्षिण अफ्रीका के साथ भारत के ऐतिहासिक रिश्ते रहे हैं। भारत की ये कोशिश है कि चीन से मतभेदों के बाद भी हम मिलकर बहुत कुछ कर सकते हैं।

    -बिम्सटेक देशों में अपार संभावनाएं हैं। हम एक साथ मिलकर उन संभावनाओं को हकीकत में बदल सकते हैं।

    गौरतलब है कि 15 और 16 अक्टूबर को ब्रिक्स देशों के सम्मेलन के दौरान अलग-अलग देशों के साथ भारत की द्विपक्षीय वार्ता प्रस्तावित है।

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