पीएम ने उठाया गोर्शकोव विमानवाहक पोत मुद्दा
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शनिवार को रूस के साथ भारतीय नौसेना को दिए जाने वाले एडमिरल गोर्शकोव विमानवाहक पोत में हो रहे विलंब का मुद्दा उठाया। उन्हों ...और पढ़ें

मास्को। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शनिवार को रूस के साथ भारतीय नौसेना को दिए जाने वाले एडमिरल गोर्शकोव विमानवाहक पोत में हो रहे विलंब का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि पोत का भारत समय पर पहुंचना महत्वपूर्ण है।
गोर्शकोव मुद्दा प्रधानमंत्री ने कल क्रेमलिन में 12वें भारत-रूस शिखर वार्ता के दौरान राष्ट्रपति दमित्री मेदवेदेव के साथ उठाया। विदेश सचिव रंजन मथाई ने कहा कि भारत और रूस दोनों इस बात पर सहमत हैं कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि विमानवाहक पोत को सौंपने में कोई चूक नहीं हो। भारत में इस पोत का नाम आईएनएस विक्रमादित्य होगा।
मथाई ने कहा कि सिंह ने मेदवेदेव से कहा कि यह हमारे लिए [भारत] काफी महत्वपूर्ण है कि पोत समय पर पहुंचे। रूसी पक्ष के मुताबिक 2012 तक सुपुर्दगी में विलंब होगा। उन्होंने दावा किया कि जहाज पर 1.7 अरब डॉलर का अतिरिक्त काम होने के बावजूद नई दिल्ली ने पिछले वर्ष से कोई भुगतान नहीं किया है।
44.5 हजार टन का कीव श्रेणी का विमानवाहक पोत इस वर्ष अगस्त में आईएनएस विक्रमादित्य के नाम से सेवा में लिया जाना था जिसके लिए जनवरी 2004 में 1.5 अरब डॉलर का समझौता हुआ था। इसमें पोत की मरम्मत और 16 मिग-29 के लड़ाकू विमानों की आपूर्ति शामिल था।
भारत को 42 और सुखोई लड़ाकू विमान देगा रूस:
रूस भारत को अतिरिक्त 42 सुखोई लड़ाकू विमान मुहैया कराएगा। इस समझौते के साथ ही भारत द्वारा निर्माण के विभिन्न चरणों में हासिल या अनुबंध पर लिए गए एसयू सुखोई एमकेआई लड़ाकू विमानों की संख्या 272 हो गई है।
क्रेमलिन में कल 12वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और रूस के राष्ट्रपति दमित्री मेदवेदेव की उपस्थिति में समझौते पर भारत के रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा और रूस के रूसी संघ सेवा के सैन्य-तकनीक सहयोग के निदेशक एम. ए. दमित्रि ने हस्ताक्षर किए। दोनों देशों के बीच हुए पांच समझौते में यह समझौता भी शामिल है।
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