सीसैट विवाद पर वर्मा समिति की रिपोर्ट से मोदी असंतुष्ट
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। संघ लोकसेवा आयोग [यूपीएससी] द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा में सीसैट पर खड़े हुए विवाद का समाधान निकालने के लिए गठित की गई तीन सदस्यीय वर्मा समिति की रिपोर्ट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संतुष्ट नहीं हैं। वह खुद इस मामले पर वरिष्ठ नौकरशाहों की सलाह ले रहे हैं। छात्रों के विरोध
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। संघ लोकसेवा आयोग [यूपीएससी] द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा में सीसैट पर खड़े हुए विवाद का समाधान निकालने के लिए गठित की गई तीन सदस्यीय वर्मा समिति की रिपोर्ट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संतुष्ट नहीं हैं। वह खुद इस मामले पर वरिष्ठ नौकरशाहों की सलाह ले रहे हैं। छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बीच शनिवार को सरकार ने विवाद का हल ढूंढने का संकेत दे दिया है।
गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ बैठक के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि सही समय पर इसकी घोषणा कर दी जाएगी। इस बीच आंदोलनकारी छात्रों ने प्रारंभिक परीक्षा कुछ समय के लिए स्थगित करने और आपात स्थिति में इस बार सीसैट को क्वालीफाइंग पेपर बनाने के लिए दबाव बढ़ा दिया है। वहीं, विपक्षी दलों ने विवाद सुलझाने में देरी को लेकर सरकार पर फिर निशाना साधा है।
शनिवार को यूपीएससी विवाद का समाधान निकालने के लिए राजनाथ सिंह ने अपने आवास पर जितेंद्र सिंह के साथ बैठक की। बैठक के बाद जितेंद्र सिंह ने समस्या के समाधान के लिए कोई समयसीमा बताने से इन्कार कर दिया। उन्होंने संकेत दिया कि सरकार समाधान के करीब है। उचित समय पर इसकी घोषणा की जाएगी। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, वर्मा समिति की रिपोर्ट ने समस्या को सुलझाने के बजाय उलझा दिया है। उसने परीक्षा प्रणाली में किसी बदलाव से इन्कार कर दिया है।
सरकार का मानना है कि इससे छात्रों का गुस्सा भड़क सकता है। लिहाजा, मोदी खुद कुछ वरिष्ठ नौकरशाहों से सलाह-मशविरा कर रहे हैं। सूत्रों की मानें तो प्रधानमंत्री चाहते हैं कि समाधान में छात्रों को राहत मिलने का अहसास भी हो और यूपीएससी का उच्च मापदंड भी बरकरार रहे।
छात्रों का आंदोलन शनिवार को भी जारी रहा। कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआइ ने राजनाथ सिंह के घर के बाहर प्रदर्शन किया। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने आरोप लगाया है कि सरकार छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने रविवार को जंतर-मंतर पर रैली के पहले ही इस मुद्दे पर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया खुद जंतर-मंतर पर आंदोलनकारी छात्रों के साथ धरने पर भी बैठे, जबकि प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर विवाद को जल्द सुलझाने की मांग करने वाले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुलकर आंदोलन के पक्ष में खड़े हो गए हैं। उन्होंने कहा कि यूपीएससी परीक्षा का मूल उद्देश्य किसी विदेशी भाषा के ज्ञान के बजाय योग्यता की पहचान करना था।
पर्दे के पीछे से सरकार के साथ बातचीत कर रहे छात्र नेताओं ने 24 अगस्त को होने वाली प्रारंभिक परीक्षा कुछ समय के लिए स्थगित करने और इस बार सीसैट के पेपर के अंकों को योग्यता में नहीं जोड़ने की शर्त रखी है। एक छात्र ने कहा कि छात्रों के गुस्से को शांत करने के लिए प्रारंभिक परीक्षा को स्थगित करना जरूरी है। वहीं, सीसैट का स्थायी विकल्प ढूंढे जाने तक इस साल के लिए उसे क्वालीफाइंग बना देना चाहिए। यूपीएससी इन दोनों मांगों को मानने के लिए तैयार नहीं है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।