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    प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, लोकतंत्र केवल वोट डालने तक सीमित नहीं

    By Kishor JoshiEdited By:
    Updated: Sun, 02 Apr 2017 04:24 AM (IST)

    पीएम ने कहा कि देश की परेशानी बढ़ाने वाली सभी समस्याओं का हल मिलजुल कर निकाला जा सकता है। यह केवल जनभागीदारी से संभव है।

    प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, लोकतंत्र केवल वोट डालने तक सीमित नहीं

    नई दिल्ली, आइएएनएस : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकतंत्र की व्याख्या करते हुए कहा कि इसका मूल मंत्र सिर्फ वोट डालना ही नहीं बल्कि जनभागीदारी है। उन्होंने कहा, 'सरकार सभी समस्याओं को हल नहीं कर सकती। इसके लिए लोगों की भागीदारी जरूरी है।' प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को लाइव वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए दुनिया के सबसे बड़े 'स्मार्ट इंडिया हैकाथन' को संबोधित किया।

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    पीएम ने कहा कि देश की परेशानी बढ़ाने वाली सभी समस्याओं का हल मिलजुल कर निकाला जा सकता है। यह केवल जनभागीदारी से संभव है। यह भ्रांति है कि लोकतंत्र केवल वोट डालने तक सीमित है। पर यह हकीकत नहीं है। लोकतंत्र सिर्फ पांच साल के लिए किसी सरकार को दिया कांट्रैक्ट नहीं है। मोदी ने इस दौरान दस हजार छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे युवाओं के सामने काम करने के लिए मुद्दों की झड़ी लगा दी गई है। लेकिन यह एक मौका भी है। अब जरूरत है कि तकनीक का अधिक से अधिक उपयोग किया जाए और अधिकाधिक इजाद किए जाएं। हम तकनीक के युग में हैं।

    उन्होंने कहा कि भारतीय नौजवान अभूतपूर्व ऊर्जा से ओतप्रोत हैं। यह ऊर्जा देश के लिए भविष्य के लिए बहुत अच्छे नतीजे लेकर आएगी। भारत एक युवा देश है। इस कार्यक्रम के लिए देश का नौजवान बहुत ही कौतूहल के साथ एकजुट हो गया है। मुझे पूरा विश्वास है कि मेरे युवा मित्र बहुत ही सकारात्मक नतीजे लाने में कामयाब होंगे। भारत ने प्राचीन काल से ज्ञान के क्षेत्र में अहम कार्य किए। हमारे देश ने शून्य का आविष्कार किया जो उपनिषद से होते हुए उपग्रह तक कारगर है।

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    उन्होंने आइटी क्षेत्र के छात्रों से अपील की कि सूचना तकनीक का इस्तेमाल समाज में आए दिन की परेशानियां दूर करने में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज जो शहर स्मार्ट सिटी में बदल रहे हैं, वहां इसका जमकर उपयोग हो रहा है। तकनीक आज जिंदगी में बहुत बड़ा बदलाव कर रही है। फ्लॉपी, वॉकमैन आए और चले गए। नई टेक्नोलॉजी ने जगह ले ली। एक जमाना था जब रेडियो आज के ऑवन के बराबर होते थे। आज ये रेडियो माचिस की डिब्बी में फिट हो जाता है। पिछले कुछ महीनों में हमारे देश में कैशलेस ट्रांजैक्शन का प्रचार तेजी से बढ़ा है। इस क्षेत्र में भी नित नए समाधान सामने आ रहे हैं।

    उल्लेखनीय है कि कम्प्यूटर प्रोग्रामरों की सभा को हैकाथन के नाम से जाना जाता है। शनिवार को आयोजित हुए दुनिया के सबसे बड़े हैकाथन कार्यक्रम में केंद्र के 29 मंत्रालय हिस्सा ले रहे हैं। उन्हें जिम्मेदारी दी जा रही है कि इससे जो भी समाधान निकले, उसे अंतिम चरण तक ले जाया जाए और सुधारा जाए। 'स्मार्ट इंडिया हैकाथन' में छात्रों ने मोदी को अपने उत्पादों और विचारों के बारे में भी बताया।

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