महंगाई व सूखे पर मोदी की मोर्चाबंदी, मंत्रालयों की ली बैठक
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। महंगाई व आसन्न सूखे को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोर्चा संभाल लिया है। मोदी ने खाद्य सुरक्षा से जुड़े मंत्रालयों की तैयारियों का बुधवार को जायजा लिया। कमजोर मानसून में खेती की जरूरतों के साथ उन्होंने आवश्यक वस्तुओं की मांग व आपूर्ति का ब्योरा लिया। पशु व डेयरी उत्पादों की आपूर्ति बढ़ाने की मंत्रालय की योजना के बारे में जानकारी ली।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। महंगाई व आसन्न सूखे को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोर्चा संभाल लिया है। मोदी ने खाद्य सुरक्षा से जुड़े मंत्रालयों की तैयारियों का बुधवार को जायजा लिया। कमजोर मानसून में खेती की जरूरतों के साथ उन्होंने आवश्यक वस्तुओं की मांग व आपूर्ति का ब्योरा लिया। पशु व डेयरी उत्पादों की आपूर्ति बढ़ाने की मंत्रालय की योजना के बारे में जानकारी ली। खरीफ की खेती पर मंडरा रहे सूखे के खतरे को कम करने के लिए खादों की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने का प्रधानमंत्री मोदी को भरोसा दिया गया।
आवश्यक वस्तुओं में महंगाई पर काबू पाने के लिए सरकार ने पहले से कमर कस ली है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बीते मंगलवार को कृषि, उपभोक्ता मामले और खाद्य मंत्रियों के साथ बैठक कर खाद्यान्न और अन्य वस्तुओं के स्टॉक के बारे में विस्तार से जानकारी ली थी। जमाखोरी व कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ केंद्र ने राज्यों से तत्काल प्रभाव से सख्त कार्रवाई करने का आग्रह किया है, ताकि महंगाई बढ़ाने वालों की नकेल कसी जा सके। खुले बाजार में खाद्यान्न की पर्याप्त आपूर्ति का भी एलान किया गया।
सोमवार को जारी महंगाई के आंकड़ों में पशुधन व डेयरी आधारित प्रोटीन के मूल्य में भारी वृद्धि दर्ज की गई है। दूध और दुग्ध उत्पादों समेत अंडा और मछली के मूल्य बहुत तेजी से बढ़े हैं। इससे महंगाई का आंकड़ा ऊपर पहुंच गया है। मोदी ने बुधवार को इसी बारे में इसी बारे में विस्तार से जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने इन वस्तुओं की मांग व आपूर्ति में बढ़ते अंतर को कम करने के उपायों का ब्योरा लिया। सूत्रों ने बताया कि दुग्ध उत्पादों व पशुधन की उत्पादकता बढ़ाने के लिए आधुनिक तरीकों को अपनाने पर जोर दिया गया। सूखे की सबसे अधिक मार पशु चारे पर पड़ती है। विभाग की ओर से बताया गया कि इसका बंदोबस्त पहले से ही कर लिया गया है। किसानों को पशु चारे के बीज उपलब्ध करा दिए गए हैं।
मानसून की कम बारिश की आशंका से खेती पर आए संकट के मद्देनजर प्रधानमंत्री मोदी ने उर्वरकों की उपलब्धता का जायजा लिया। उर्वरक मंत्रालय ने अपने प्रजेंटेशन में बताया कि उनके यहां सूखे से निपटने और फसलों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए खादों का पर्याप्त स्टॉक है।
प्रधानमंत्री के साथ बैठक में उपभोक्ता मामले एवं खाद्य मंत्री राम विलास पासवान, कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह, जल संसाधन मंत्री उमा भारती और रसायन व उर्वरक मंत्री अनंत कुमार शामिल थे। लेकिन इस बैठक में केवल डेयरी-पशुधन और उर्वरक (फर्टिलाइजर) के ही प्रजेंटेशन पेश किए जा सके। इसकी पुष्टि करते हुए पासवान ने कहा कि उनके मंत्रालय का प्रजेंटेशन नहीं हो सका है।
महंगाई के सिर उठाने के साथ ही सरकार ने मंगलवार को कई एहतियाती कदम उठाने की घोषणा की थी। पिछले महीने के मुकाबले अंडा, मांस और मछली के मूल्य में 12.47 और दूध की कीमतों में 9.57 फीसद की वृद्धि दर्ज की गई। जमाखोरों व कालाबाजारियों के खिलाफ सख्त अभियान चलाने के लिए राज्यों को पत्र भी लिख दिया गया। इतना ही नहीं राज्य सरकारों से यह आग्रह किया गया कि वे फलों और सब्जियों को मंडी कानून के दायरे से बाहर कर दें, ताकि इन चीजों के कारोबार में बिचौलियों की भूमिका खत्म हो सके। प्याज के निर्यात को हतोत्साहित करने और खुले बाजार में पर्याप्त अनाज की आपूर्ति करने का भी एलान किया गया है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।