नफरत की आग में जल रहा था दरिंदा, सरबजीत की मौत था मकसद
जेल में दो कैदियों द्वारा पिटाई से सरबजीत सिंह की मौत हो गई। पाकिस्तान की जेल में सरबजीत सिंह की बेरहमी से पिटाई करने वाले मुख्य आरोपी ने बदला लेने के लिए उन्हें मारने की योजना बनाई थी। भारतीय नागरिक पर हमले के मामले में दो सजायाफ्ता कैदियों पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया था। पुलिस उप महानिरीक्षक (ज
नई दिल्ली। जेल में दो कैदियों द्वारा पिटाई से सरबजीत सिंह की मौत हो गई। पाकिस्तान की जेल में सरबजीत सिंह की बेरहमी से पिटाई करने वाले मुख्य आरोपी ने बदला लेने के लिए उन्हें मारने की योजना बनाई थी। भारतीय नागरिक पर हमले के मामले में दो सजायाफ्ता कैदियों पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया था।
पुलिस उप महानिरीक्षक (जेल) मलिक मुबाशिर द्वारा तैयार की गई प्रारंभिक रिपोर्ट के मुताबिक आरोपी अमेर आफताब और मुदस्सर ने कहा था कि वे सरबजीत से नफरत करते थे क्योंकि वह लाहौर में 1990 में हुए बम विस्फोट का दोषी था, जिसमें 14 पाकिस्तानी मारे गए थे। वे इस हमले में मारे गए लोगों की मौत का बदला लेना चाहते थे। यह दोनों कैदी फांसी पाने की कतार में हैं। 49 वर्षीय सरबजीत पर हमले के बारे में दोनों कैदियों ने कहा कि उन्होंने चम्मचों को धारदार बनाया था ताकि उसका चाकू की तरह इस्तेमाल किया जा सके। उन्होंने घी के कनस्तर के टुकड़ों से ब्लेड बनाया और ईटों को इकट्ठा किया।
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रिपोर्ट में आरोपियों के हवाले से कहा गया था कि जैसे ही उन्हें मौका मिला उन्होंने अपनी योजना को अंजाम दिया। हालांकि वे इस सवाल का संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए थे कि हाल में ही क्यों उन्होंने सरबजीत से नफरत करनी शुरू की और उन्हें मारने की योजना बनाई जबकि दोनों कोट लखपत जेल में कई वर्षो से हैं। मुदस्सर 2005 से जबकि आफताब 2009 से जेल में बंद है। जब जांचकर्ताओं ने उनसे पूछा कि क्या किसी ने उन्हें सरबजीत को मारने के लिए उकसाया या उनकी मदद की तो दोनों ने किसी धार्मिक या कट्टरपंथी संगठन से जुड़ाव से इन्कार कर दिया। सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तानियों की मौत का बदला लेने की बात कहकर वे आसानी से अपने जघन्य अपराध के लिए सहानुभूति बटोर सकते हैं।
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