..तो इन वजहों से पाकिस्तान सेना के नए प्रमुख चुने गए जरनल बाजवा
पाकिस्तान सरकार ने लेफ्टिनेंट जनरल कमर बाजवा को नए सेना प्रमुख के तौर पर नियुक्त किया है। इसके पीछे कुछ खास कारण हैं।
नई दिल्ली(जेएनएन)। लेफ्टिनेंट जनरल कमर जावेद बाजवा को पाकिस्तान सेना का नया प्रमुुख चुना गया है। भारत के लिहाज से उनकी यह नियुक्ति काफी मायने रखती है। बाजवा को एक प्रोफेशनल सोल्जर माना जाता है। वह नि सिर्फ पाकिस्तान में बल्कि कांगो में अपना बेहतरीन प्रदर्शन दे चुके हैं। कई मौकों पर उन्होंने अपने बेहतरीन प्रदर्शन से सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा है। हालांकि जानकार यह भी मानते हैं कि वह सुर्खियों में रहने के आदी नहीं हैं।
गौरतलब है कि मौजूदा आर्मी चीफ रहील शरीफ और पीएम नवाज शरीफ के रिश्तों में आई खटास किसी से भी नहीं छिपी है। इसका जिक्र पाकिस्तान मीडिया भी कर चुका है। माना जा रहा है कि कमर जावेद बाजवा और नवाज शरीफ के बीच रिश्ते बेहतर रहेंगे, जिससे भारत का पाकिस्तान के राजनीतिक नेतृत्व से संपर्क रखने का काम आसान हो सकता है। पाक के नए सेना प्रमुख बाजवा की चुनौतियों में इसे प्रमुख मुद्दा बताया जा रहा है।
इन खासियतों की वजह से बाजवा चुने गए आर्मी चीफ
- लेफ्टिनेंट जनरल बाजवा कश्मीर मामलों के एक्सपर्ट माने जाते हैं।
- बाजवा 10वीं कोर के कमांडर रह चुके हैं, जो वहां की सबसे बड़ी कोर है और जिसकी तैनाती सियाचिन से रावलपिंडी तक है।
- भारत से लगी पाकिस्तान की सीमा (एलओसी) पर बाजवा की की जबरदस्त पकड़ है।
- बाजवा नॉर्दर्न एरिया फोर्स कमांड के चीफ रह चुके हैं। इसकी तैनाती गिलगिट-बल्तिस्तान में रही है।
- बाजवा भारतीय सेना के पूर्व सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह के साथ कांगो में संयुक्त राष्ट्र मिशन के तहत काम कर चुके हैं।
- यूएन कांगो मिशन में वह ब्रिगेडियर कमांडर के तौर पर अपना बेहतरीन प्रदर्शन कर चुके हैं।
- बाजवा को बेहद प्रफेशनल सैन्य अधिकारी के तौर पर देखा जाता रहा है।
- बाजवा क्वेटा के इन्फैंट्री स्कूल में भी काम कर चुके हैं।
- लेफ्टिनेंट जनरल बाजवा का प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से करीबी संबंध है।
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