सर्जिकल स्ट्राइक में सबसे ज्यादा 20 आतंकी लश्कर-ए-तैयबा के मारे गए : रिपोर्ट
रेडियो इंटरसेप्ट्स के जरिए पता चला है कि लश्कर-ए-तैयबा के करीब 20 आतंकी मारे गए।
बारामुला/नई दिल्ली, प्रेट्र। भारतीय सेना के नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार आतंकी ठिकानों पर किए लक्षित हमलों (सर्जिकल स्ट्राइक) में पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को अधिकतम नुकसान पहुंचा। खुफिया एजेंसियों की पाकिस्तानी आतंकियों की रेडियो पर पकड़ी बातचीत के मुताबिक लश्कर के करीब 20 आतंकी मारे गए हैं।
हालिया सर्जिकल स्ट्राइक की जानकारी रखने वाले सूत्रों के अनुसार भारतीय सेना की फील्ड यूनिटों से उपलब्ध आकलन रिपोर्ट में विभिन्न पाकिस्तानी प्रतिष्ठानों के बीच वायरलेस रेडियो की इंटरसेप्ट हुई बातचीत शामिल है। इससे पता चलता है कि उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा सेक्टर के सामने पाकिस्तान के कब्जे वाले गुलाम कश्मीर स्थित दुदनियाल आतंकी शिविर में लश्कर-ए-तैयबा को अधिकतम नुकसान पहुंचा। सूत्रों ने कहा कि क्षेत्र में सेना की डिवीजन से ली गईं पांच टीमों को कैल जिले (केल नाम से भी जाना जाता है) तथा दुदनियाल स्थित आतंकी समूहों के ठिकानों को नष्ट करने का काम सौंपा गया था।
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28 और 29 सितंबर की दरम्यानी रात को शुरू हुए बेहतरीन समन्वित अभियान में भारतीय सैनिक नियंत्रण रेखा के पार पहुंचे और एलओसी से 700 मीटर की दूरी पर स्थित एक पाकिस्तानी चौकी की सुरक्षा में स्थित चार आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया। आतंकियों को भारतीय सेना की ओर से कार्रवाई किए जाने की उम्मीद नहीं थी और इसलिए वे चकित थे।रिपोर्ट के मुताबिक जब भारतीय सैनिकों ने इन आतंकियों को मारना शुरू किया, तो वे पाकिस्तानी चौकी की तरफ भागते देखे गए।
सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान के कब्जे वाले गुलाम कश्मीर में सफल हमले के बाद एक प्रभावी रेडियो निगरानी तथा कड़ी सतर्कता कायम की गई। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना के रेडियो नेटवर्क से पकड़े गए संदेशों से संकेत मिला कि चार आतंकी ठिकानों पर एक ही समय की गई सर्जिकल स्ट्राइक में लश्कर के कम से कम 10 आतंकी मारे गए। इसके अलावा, भारतीय कश्मीर के पुंछ जिले से लगे गुलाम कश्मीर के बालनोई क्षेत्र पर भारतीय सेना के हमले में उसी रात कम से कम नौ लश्कर आतंकी मारे गए।
भारतीय सेना की कार्रवाई में पाकिस्तानी सैन्य बल 8वीं नार्दन लाइट इंफैंट्री के भी दो जवान मारे गए थे। उन्होंने कहा कि पौ फटने तक वहां पाकिस्तानी सेना के वाहनों की भारी हलचल दिखी और सभी शवों को वहां से हटाकर अन्यत्र ले जाया गया। सूत्रों ने कहा कि रेडियो बातचीत से संकेत मिलता है कि मारे गए आतंकियों को नीलम घाटी में सामूहिक रूप से दफनाया गया।
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