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    पठानकोट हमले के जरिए भारत पाकिस्तान को कर रहा है बदनाम : पाक JIT

    By Lalit RaiEdited By:
    Updated: Tue, 05 Apr 2016 09:09 PM (IST)

    भारत में पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमले की तीन दिन तक जांच करने के बाद पाकिस्तान पहुंचते ही पाकिस्तानी संयुक्त जांच दल (जेआइटी) ने पलटी मार दी है। पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों ने अपना दोहरा चरित्र दिखाते हुए कहा है कि पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमला भारत ने खुद कराया है।

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    नई दिल्ली: भारत में पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमले की तीन दिन तक जांच करने के बाद पाकिस्तान पहुंचते ही पाकिस्तानी संयुक्त जांच दल (जेआइटी) ने पलटी मार दी है। पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों ने अपना दोहरा चरित्र दिखाते हुए कहा है कि पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमला भारत ने खुद कराया है। पाकिस्तानी मीडिया ने पाक सुरक्षा एजेंसियों के हवाले से कहा कि यह सारा ड्रामा पाकिस्तान को बदनाम करने के लिए रचा गया है।

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    वहीं, भारत ने इन आरोपों को हास्यास्पद बताते हुए कहा कि इन आरोपों का यकीन तो पाकिस्तान के लोग भी नहीं करेंगे। पाकिस्तान टुडे अखबार ने अपनी रिपोर्ट में जेआइटी के एक अनाम सदस्य के हवाले से कहा है कि पठानकोट एयरबेस हमला दरअसल पाकिस्तान के खिलाफ एक दुष्प्रचार है। चूंकि भारतीय प्रशासन के पास अपने दावे के समर्थन में कोई सुबूत है ही नहीं। रिपोर्ट में कहा गया है कि हमले के कुछ ही घंटों बाद सभी हमलावरों को भारतीय सुरक्षा बलों ने मार गिराया था। लेकिन भारतीय प्रशासन इस ड्रामे को तीन दिनों तक खींचता रहा ताकि पाकिस्तान की छवि खराब करने के लिए वैश्विक समुदाय का ध्यान अपनी ओर खींचा जा सके।

    रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के एनआइए अधिकारी तंजील अहमद की हत्या भी इसी साजिश की ओर इशारा करती है। केंद्रीय मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने मंगलवार को पाकिस्तानी रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया करते हुए कहा कि पाक मीडिया की रिपोर्ट पाकिस्तान का आधिकारिक बयान नहीं है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आतंकी संगठनों के दबाव में है। देश के एक सरकारीसूत्र ने कहा कि पाकिस्तानी सरकार की समर्थक मीडिया रिपोर्ट में से साफ पता चलता है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ और पाकिस्तानी सेना दोहरी बात कर रही है।

    पाक पहुंचते ही पाक जेआईटी ने सबूतों को नकारा

    भारत सरकार का कहना है कि पाकिस्तानी आतंकवादियों के संबंध में पाकिस्तान से आए संयुक्त जांच दल (जेआइटी) को एकदम पुख्ता सुबूत दिए गए थे। एक अन्य सरकारी सूत्र ने बताया कि जेआइटी को दिए गए सुबूतों की जांच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कराई जा सकती है। उन्होंने पाकिस्तानी मीडिया की उस रिपोर्ट पर आश्चर्य जताया जिसमें कहा गया है कि एनआइए ने पाक टीम को पर्याप्त सुबूत नहीं दिए।

    जेआइटी को वह सब कुछ दिया गया जो उन्होंने मांगा था। इसमें गवाहों के बयानों की प्रमाणित प्रति, चार आतंकियों की डीएनए रिपोर्ट, आतंकियों से मिली सामग्री के नमूने शामिल हैं। पाकिस्तान ने एनआइए से सुबूत एकत्र करने के लिए पाकिस्तानी आपराधिक प्रक्रिया धारा 188 के तहत अपील की थी। इतना ही नहीं, उन्हें एसपी सलविंदर सिंह और उनके जौहरी दोस्त राजेश वर्मा से छीने गए दो फोन के कॉल रिकार्ड भी दिए गए।

    इन्हीं फोन से आतंकियों ने पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं से बातचीत की थी। भारत ने उन्हें चार आतंकियों में से एक नासिर हुसैन के कॉल डिटेल भी दिए। इसमें नासिर ने एयरबेस पर हमले से पहले अपनी मां खैय्यम बब्बर से बात की थी। एनआइए ने पाकिस्तान से नासिर के परिवार का डीएनए नमूना मांगा है। वायुसेना एयरबेस में छिपे हुए आतंकी काशिफ जान की काल रिकार्डिग भी दी गई है।