भारत में शरणार्थी का दर्जा चाहते हैं पाक हिंदू
पाकिस्तान से आर्थिक, सामाजिक और धार्मिक तौर पर ज्यादतियों से परेशान होकर पनाह की तलाश में भारत आए पाकिस्तानी हिंदू यहा शरणार्थी का दर्जा पाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि अब भारत ही हमारा मुल्क है, लेकिन यहा की सरकार ने हमें टका सा जवाब देकर मायूस कर दिया है।
जालंधर। पाकिस्तान से आर्थिक, सामाजिक और धार्मिक तौर पर ज्यादतियों से परेशान होकर पनाह की तलाश में भारत आए पाकिस्तानी हिंदू यहा शरणार्थी का दर्जा पाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि अब भारत ही हमारा मुल्क है, लेकिन यहा की सरकार ने हमें टका सा जवाब देकर मायूस कर दिया है।
पाकिस्तान के सिंध प्रात से परेशान होकर भारत आए पाकिस्तानी हिंदू पंजाब के विभिन्न इलकों के अलावा, नई दिल्ली, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ तथा राजस्थान के अपने रिश्तेदारों के यहा रह रहे हैं और उनकी एक ही माग है कि अगर नागरिकता नहीं दी जा सकती है तो उन्हें शरणार्थी का दर्जा दे दिया जाय।
पाक से आए हिंदुओं का कहना है कि वहा लोगो की जिंदगी [दोजख] बन चुकी है और वह भारत के जेलों में जीवन व्यतीत करना पसंद करेंगे, लेकिन पाकिस्तान नहीं लौटेंगे।
जालंधर में पिछले डेढ़ दशक से भी अधिक समय से रह रहे मुल्कराज से मुलाकात करने दिल्ली से आए शोभाराम का कहना है कि वह जुल्म ज्यादतियों के शिकार होकर यहा आए हैं और अब यहा से नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि भारत सरकार हमें नागरिकता नहीं दे सकती है तो हमें शरणार्थी का दर्जा दे। अब चाहे जिंदगी जेल में काटनी पडे़, हम पाकिस्तान नहीं जाएंगे।
शोभाराम ने कहा कि उनके दो बेटे हैं जो हेपेटाइटिस बी से पीड़ित हैं। उनका इलाज नहीं हो पा रहा है। शोभाराम ने कहा कि वह और उनका परिवार अन्य लोगों के साथ किसी तरह सिंध प्रात से पर्यटक वीजा पर यहा आए हैं। इनमें से कुछ लोगो का वीजा समाप्त होने वाला है और सरकार जबरन उन्हें वापस पाकिस्तान भेजना चाहती है।
परेशानियों के बारे में पूछे जाने परे उन्होंने बताया कि अधिक समस्या वहा के चरमपंथियों से है जिन पर सरकार और प्रशासन का कोई अधिकार नहीं है। हमारे साथ ऐसा सलूक किया जाता है जिसके बारे में हम सोच भी नहीं सकते हैं।
दूसरी ओर पाकिस्तान से आए हिंदुओं के लिए काम करने वाले ऑल इंडिया शिवसेना के प्रमुख सुरिंदर कुमार बिल्ला ने बताया कि जनवरी से अब तक करीब चार सौ परिवार पाकिस्तान से यहा आ चुके हैं और पंजाब के आलावा, मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विभिन्न हिस्सों में अपने रिश्तेदारों यहा पनाह लिए हुए हैं। इन पाक हिंदुओं को स्थाई ठौर नहीं देकर भारत सरकार अन्याय कर रही है। बिल्ला ने दावा किया कि सरकार अगर उन्हें नागरिकता नहीं दे सकती है तो कम से कम शरणार्थी का दर्जा तो दे ही देना चाहिए ताकि वे यहा चैन से रह सकें।
बाग्लादेश से आने वाले मुसलमानों को तत्काल नागरिकता मिल सकती है तो फिर पाक से आए हिंदुओ को क्यों नहीं।
इस बारे में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता तथा सासद अविनाश राय खन्ना ने कहा कि वह पंजाब में रहने वाले ऐसे हिंदुओं की एक सूची बना रहे हैं और जल्दी ही इसे पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद राज्य और केंद्र सरकार के समक्ष उनके कल्याण के लिए विभिन्न मुद्दों को उठाया जाएगा। पाकिस्तान से आकर पंजाब में रह रहे हिंदू और सिख परिवारों को सभी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए पंजाब सरकार की वरिष्ठ मंत्री तथा भाजपा नेता लक्ष्मीकाता चावला पत्र भी लिख चुकी हैं। हालाकि उन्होंने पत्र में यह भी कहा था कि पाक सरकार उनकी सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित कराने में असफल रही है इसलिए अब यह हमारी जिम्मेदारी है। इस बारे में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री एम पी रामचंद्रन ने लोकसभा में कहा था कि पाकिस्तान से यात्री वीजा पर यहा आए सभी पाक नागरिकों को वीजा की अवधि समाप्त होने से पहले ही वापस लौटना होगा। हा, कुछ खास मामलों में इनमें कुछ समय का विस्तार दिया जा सकता है।
गृह राज्य मंत्री के इस बयान से खफा भाजपा नेता रजत मोहिंदू्र ओर शिवसेना नेता बिल्ला ने कहा है कि सरकार को उन्हें मानवीय आधार पर शरणार्थी का दर्जा जरूर दे देना चाहिए क्योंकि लुट पिट कर यहा आए ये लोग अगर फिर वापस वहा गए तो उनके साथ क्या क्या होगा, इसकी कल्पना नहीं की जा सकती है।
दोनों नेताओं का कहना है कि पास्तिान के सिंध प्रात में रहने वाले हिंदुओं का जुल्म और प्रताड़ना के बाद पलायन लगातार जारी है।
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