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    साझी विरासत बचाने की लड़ाई के बहाने विपक्ष ने दिखाई ताकत

    By Bhupendra SinghEdited By:
    Updated: Fri, 18 Aug 2017 06:18 AM (IST)

    विपक्षी दलों ने भाजपा-राजग की राजनीतिक धारा को सीधी चुनौती देने के लिए ताल ठोकी है।

    साझी विरासत बचाने की लड़ाई के बहाने विपक्ष ने दिखाई ताकत

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जदयू के नाराज नेता शरद यादव के सियासी प्लेटफार्म पर अपनी एकजुट ताकत दिखाते हुए विपक्षी दलों ने भाजपा-राजग की राजनीतिक धारा को सीधी चुनौती देने के लिए ताल ठोकी है। विपक्ष के दर्जन भर से अधिक दलों के दिग्गज चेहरों ने शरद की 'साझी विरासत बचाओ सम्मेलन' में शामिल होकर नीतीश कुमार को भी यह साफ संदेश दे दिया कि विपक्षी एकता को दरकाने का उनका मंसूबा कामयाब नहीं होगा।

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    कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भाजपा से मुकाबले की विपक्षी दलों की दृढ़ता का इजहार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधे हमला बोला। अर्थव्यवस्था से लेकर रोजगार के गायब होने का दावा करते हुए राहुल ने कहा कि सरकार वादाखिलाफी कर रही है। बिहार में जदयू के महागठबंधन छोड़ भाजपा से हाथ मिलाने का मुखर विरोध कर रहे शरद यादव ने नीतीश कुमार को खुली चुनौती देने के मकसद से इस सम्मेलन के बहाने विपक्षी पार्टियों के दिग्गजों को जुटाया।

     कांस्टीट्यूशन क्लब में हुए इस सम्मेलन में राहुल के साथ पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, गुलाम नबी आजाद, अहमद पटेल, सीताराम येचुरी, फारूक अब्दुल्ला, तारिक अनवर समेत तमाम विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए। राहुल ने इसी दौरान प्रधानमंत्री और भाजपा की कथित बांटो और राज करो की राजनीति का एकजुट होकर मुकाबला करने की बात कही।

     मोदी पर तंज कसते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री स्वच्छ भारत की बात करते हैं मगर हम सच भारत चाहते हैं। भाजपा और संघ परिवार पर वार करते हुए उन्होंने कहा कि ये तिरंगे का सम्मान भी सत्ता की वजह से कर रहे हैं। चुनाव जीत नहीं सकते इसलिए अपने लोगों को प्रशासन, मीडिया, न्यायपालिका और पुलिस सभी जगह बैठा रहे हैं। राहुल ने विपक्षी नेताओं से मुखातिब होकर कहा कि हम एकजुट हो जाए तो संघ-भाजपा उनका मुकाबला नहीं कर पाएगी।

     मोदी सरकार के चुनावी वादों पर खरा नहीं उतरने की बात कहते हुए राहुल ने दावा किया कि युवाओं को नौकरियां नहीं मिल रहीं, किसान और गरीब बदहाल हैं। मेक इन इंडिया फेल हो गया है। जबकि, सरकार 10-15 करोड़पति कारपोरेट लोगों का एक लाख 30 हजार करोड़ रुपये माफ कर चुकी है और ये कारोबारी ही देश चला रहे हैं।

     शरद यादव ने सम्मेलन का आगाज करते हुए कहा कि देशभर में किसानों और दलितों के साथ अत्याचार हो रहा है। गंगा-जमुनी संस्कृति और भाईचारे के ताने-बाने को खत्म करने की कोशिश हो रही है। शरद ने कहा कि अगर जनता एकजुट हो जाती है तो फिर हिटलर को भी उखाड़ फेंकती है।

     राज्यसभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि शरद यादव ने मंत्री पद की पेशकश ठुकराकर साबित कर दिया है कि नीतीश नहीं उनका खेमा ही असली जदयू है। उन्होंने केंद्र पर देश में भय और डर का माहौल पैदा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह दौर इमरजेंसी का भी बाप है।

     माकपा नेता सीताराम येचुरी ने सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए कहा कि असल में भाजपा देश की साझी विरासत को ङ्क्षहदू राष्ट्र के रूप में तब्दील करने की दिशा में बढ़ रही है। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री का स्वतंत्रता दिवस भाषण दूरदर्शन और आकाशवाणी पर प्रसारित नहीं करने को उन्होंने इसका ताजा नमूना बताया।

     नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि मौजूदा केंद्र सरकार के लोग बात तो जोड़ने की करते हैं मगर काम तोड़ने का कर रहे हैं। गुजरात राज्यसभा चुनाव में जबर्दस्त जीत हासिल करने वाले कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने शरद यादव से इस लड़ाई का खाका तैयार करने को कहा ताकि एकजुट विपक्ष 2019 में साझी विरासत को नुकसान पहुंचाने वाली ताकतों को रोक सके। इस सम्मेलन में सपा, बसपा, राजद, भाकपा, जेवीएम, तृणमूल कांग्रेस, राकांपा, जदयू सेक्यूलर आदि पार्टियों के नेता भी शामिल हुए।

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