सावधान! आपका दस्तखत किया हुआ चेक अगर हुआ बाउंस तो..
सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी है कि संयुक्त खाता धारक द्वारा जारी चेक के बाउंस होने पर सिर्फ उस चेक पर हस्ताक्षर करने वाले के खिलाफ ही मुकदमा चलेगा। महाराष्ट्र की एक महिला को राहत देते हुए जस्टिस पी सतशिवम और जस्टिस जेएस केहर की पीठ ने यह फैसला सुनाया।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी है कि संयुक्त खाता धारक द्वारा जारी चेक के बाउंस होने पर सिर्फ उस चेक पर हस्ताक्षर करने वाले के खिलाफ ही मुकदमा चलेगा। महाराष्ट्र की एक महिला को राहत देते हुए जस्टिस पी सतशिवम और जस्टिस जेएस केहर की पीठ ने यह फैसला सुनाया। पीठ ने एनआइ एक्ट (नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स) की धारा 138 का हवाला देते हुए कहा कि संयुक्त खाते से जारी चेक के बाउंस होने पर खाता धारक को आरोपी नहीं बनाया जा सकता है, लेकिन यदि चेक पर प्रत्येक धारक द्वारा हस्ताक्षर किया जाता है तो उस स्थिति में उनके खिलाफ भी केस चलाया जा सकता है।
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एक महिला को उनके पति द्वारा जारी चेक के बाउंस होने पर निचली अदालत ने समन जारी किया था। महिला ने इसे रद कराने को लेकर बांबे हाई कोर्ट में अपील की जिसे खारिज कर दिया गया। इसके बाद महिला ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
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