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गाजियाबाद: पूर्व ड्राइवर ही निकला गोयल परिवार का हत्यारा, गिरफ्तार

गाजियाबाद। जिले के कोतवाली क्षेत्र के नई बस्ती में बिल्डर समेत परिवार के सात लोगों की नृशंस हत्या मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया। इस मामले में पुलिस ने पूर्व चालक को गिरफ्तार किया है।

By Edited By: Published: Thu, 23 May 2013 08:13 AM (IST)Updated: Thu, 23 May 2013 04:29 PM (IST)
गाजियाबाद: पूर्व ड्राइवर ही निकला गोयल परिवार का हत्यारा, गिरफ्तार

गाजियाबाद। जिले के कोतवाली क्षेत्र के नई बस्ती में बिल्डर समेत परिवार के सात लोगों की नृशंस हत्या मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया। इस मामले में पुलिस ने पूर्व चालक को गिरफ्तार किया है।

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चालक ने वारदात को अंजाम लूट के इरादे से किया था। पुलिस ने उससे लूटे गए जेवर व नकदी बरामद कर ली है। आरोपी ने छत के रास्ते घर में प्रवेश किया था। छत से कूदते हुए उसके पैर में चोट भी लग गई। आरोपी ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है।

गुरुवार को पुलिस महानिरीक्षक मेरठ जोन भावेश कुमार व एसएसपी नितिन तिवारी ने प्रेसवार्ता में बताया कि पकड़ा गया आरोपी बजरिया निवासी राहुल है। वह दो माह पूर्व बिल्डर के यहां चालक की नौकरी करने आया था। दस दिन पूर्व बिल्डर के घर से साढ़े चार लाख रुपये चोरी हो गए थे। उन्होंने राहुल पर शक जताया था तब से उसने आना छोड़ दिया था।

वारदात वाले दिन वह चाकू, रस्सी लेकर छत के रास्ते लूट की नीयत से घर में घुसा। लेकिन छत पर उसे रेखा ने देख लिया। इसपर उसने रेखा के सिर पर पास में पड़े तवे से सिर पर वार किया और चाकू से गला रेत दिया। वहीं, पास में छोटी बेटी नेहा का भी उसने गला रेत दिया। शोर सुनकर सचिन सीढि़यों के रास्ते उपर भागा। इसके बाद उसने नीचे आकर गोयल, दो बच्चों व पत्‍‌नी का कत्ल कर दिया। और सीढि़यों के रास्ते निकल गया।

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मृतकों की सीडीआर (कॉल डिटेल रिकॉर्ड) से जो संकेत मिल रहे थे वह इसी बात का इशारा कर रहे थे कि हत्यारा नजदीकी आदमी हो सकता है जो परिवार की प्रत्येक गतिविधियों को जानता था। इस बात की भी पूरी आशंका थी कि करीबी ने पेशेवर हत्यारों को इस हत्याकांड के लिए सुपारी दी हो।

लखनऊ में पुलिस महानिरीक्षक (कानून व्यवस्था) राजकुमार विश्वकर्मा ने भी यही संकेत दिए थे कि हत्यारा परिवार से जुड़ा व्यक्ति हो सकता है और सामूहिक हत्याकांड का शीघ्र खुलासा किया जाएगा। गाजियाबाद में एसएसपी ने भी यहीं संकेत दिए थे। जिस तरह से नृशंस हत्याकांड को अंजाम दिया गया वह कोई आम आदमी नहीं दे सकता। यह बात भी साफ है कि इतनी हत्याओं को पेशेवर अपराधी ही अंजाम दे सकते हैं।

घटना स्थल की हालत साफ कह रही है कि वारदात के समय बिल्डर के पोते अमन ने बदमाशों से संघर्ष किया था और जान बचाने के लिए ऊपर-नीचे भागा भी होगा। हत्यारों ने परिवार के बाकी छह सदस्यों की गला रेतकर हत्या की और मासूम अमन का गला काटा और छाती से पेट तक के हिस्से को पूरा फाड़ दिया। उसकी अंतड़ियां भी बाहर निकल आईं। घटनास्थल पर बिखरे खून में भी छोटे बच्चे के नीचे से ऊपर व ऊपर से नीचे आने के निशान है।

संभवत यह निशान अमन के पैरों के ही हैं। जिस मकान में हत्याकांड को अंजाम दिया गया। उसका एक ही इंट्री पाइंट है। जिससे बाहर व अंदर आया जा सकता है। घटनास्थल की परिस्थितियां बता रही हैं कि वारदात को अंजाम देने के लिए कोई करीबी आया था। उसके साथ पेशेवर हत्यारे आएं होंगे। पहले करीबी व्यक्तियों ने घर में इंट्री की। इसके बाद किसी विषय पर उनका विवाद हुआ। इसी दौरान दुकान से सचिन को बुलाया गया। एक व्यक्ति नीचे उतर आया और गेट खोल दिया।

पहले से नीचे खड़े बदमाश ऊपर चले गए और हत्याकांड को अंजाम दे दिया। हत्यारों ने पहले नीचे कमरे में मौजूद सतीश, मंजू, सचिन, मेघा और अमन की हत्या की। सुराग मिटाने के लिए हत्यारे ऊपर के कमरे में गए और रेखा व नेहा को भी मौत के घाट उतार दिया। इसके पीछे एक ही मकसद हो सकता है कि हत्यारे अपनी पहचान छिपाना चाहते थे। यह भी साफ है कि हत्यारे लूट के इरादे से नहीं बल्कि हत्या को अंजाम देने के लिए आए थे इसलिए वह चाकू व धारदार हथियार साथ लेकर आए थे।

एसएसपी नितिन तिवारी भी इस बात को स्वीकार किया कि पहले परिवार के सदस्यों की हत्या की गई थी। संभव है कि उसके बाद लूट की गई। नई बस्ती में हुई सात लोगों ही निर्मम हत्या के मामले में परिजनों को सांत्वना देने पहुंचे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व स्थानीय सांसद राजनाथ ने पुलिस द्वारा हत्यारोपियों पर 24 घंटे के भीतर कार्रवाई की मांग की थी। उन्होंने कहा कि पुलिस हत्यारों और पूरी घटना का सही खुलासा करे।

उन्होंने मृतकों के अन्य परिजनों को सुरक्षा मुहैया कराने की भी मांग की थी। बुधवार की शाम राजनाथ सिंह भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ मृतक व्यापारी के घर पहुंचे।

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