70 बीघे में फैला स्वामी ओम जी का आश्रम
उन्नाव जिले के डौंड़िया खेड़ा में खजाने की खोज से चर्चा में आए संत शोभन सरकार के शिष्य स्वामी ओम जी का भगवान राम की तपोभूमि चित्रकूट में 70 बीघे में फैला विशाल आश्रम है। यहां उनके शिष्यों का मानना है कि समय चाहे जितना लगे खजाना अवश्य मिलेगा। करीब डेढ़ दशक पहले शोभन सरकार ने धर्मनगरी ऐंचवारा ग
चित्रकूट, जागरण संवाददाता। उन्नाव जिले के डौंड़िया खेड़ा में खजाने की खोज से चर्चा में आए संत शोभन सरकार के शिष्य स्वामी ओम जी का भगवान राम की तपोभूमि चित्रकूट में 70 बीघे में फैला विशाल आश्रम है। यहां उनके शिष्यों का मानना है कि समय चाहे जितना लगे खजाना अवश्य मिलेगा।
पढ़ें: चित्रकूट में भी ओम बाबा ने ऐसे ही कराई खुदाई
करीब डेढ़ दशक पहले शोभन सरकार ने धर्मनगरी ऐंचवारा गांव में बने आश्रम में व्यवस्थापक के रूप में स्वामी ओम जी उर्फ उघारी बाबा को नियुक्त किया था। आश्रम के विस्तार के लिए जो जमीन खरीदी गई थी, उसमें एक जमींदार का छोटा किला (गढ़ी) भी था। करीब दस साल से आश्रम में रह रहे बाबा समरानंद जी कहते हैं कि लोगों में चर्चा हुआ करती थी कि जहां आश्रम बना है, वहां कभी एक गढ़ी हुआ करता था। जिस पर स्वामी ओम जी ने आश्रम विस्तार के लिए जेसीबी से खुदाई कराई थी। खजाना मिला या नहीं यह उनके संज्ञान में नहीं है। इतना जरूर है कि आश्रम में 111 फीट की हनुमान प्रतिमा स्थापित करने की योजना थी। इतनी बढ़ी मूर्ति को लेकर संत शोभन सरकार व स्वामी ओम बाबा के अलग-अलग मत थे। संत सरकार का कहना था कि इतनी बड़ी मूर्ति की पूजा-अर्चना और मंदिर का निर्माण कैसे होगा? बाद मंत 11 फीट की सुवर्णदेहम प्रतिमा स्थापित कराने को शोभन सरकार ने कहा, लेकिन जंगल में स्थित आश्रम में सोने की मूर्ति की सुरक्षा नहीं हो पाने के कारण पत्थर की मूर्ति की स्थापना जयपुर से लाकर की गई।
गांव का अब नहीं मिलता सहयोग
यहां पर आसपास के गांव वाले आश्रम का ज्यादा सहयोग नहीं करते। बाबा समरानंद का कहना है कि जब तक लोगों को आश्रम से लाभ था तो सभी आते थे।
करोड़ों की लागत से बने हैं दो मंदिर
आश्रम में करोड़ों रुपये की लागत से दो भव्य मंदिर बने हैं। एक मंदिर में हनुमानजी की प्रतिमा स्थापित है तो दूसरे में भगवान राम-सीता के साथ विभिन्न संत महंतों के चित्र लगे हैं।
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