स्मार्ट शहर के मानक तय करें अधिकारीः पीएम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21वीं सदी के मानदंडों के अनुरूप स्मार्ट शहर बनाने की पहल को गति देने के लिए सोमवार को उच्चस्तरीय बैठक करके इसके मानक तय करने के लिए कहा। मोदी ने शहरी विकास मंत्रालय से कहा कि स्मार्ट शहरों की परिकल्पना को मूर्त रूप देने के लिए
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21वीं सदी के मानदंडों के अनुरूप स्मार्ट शहर बनाने की पहल को गति देने के लिए सोमवार को उच्चस्तरीय बैठक करके इसके मानक तय करने के लिए कहा। मोदी ने शहरी विकास मंत्रालय से कहा कि स्मार्ट शहरों की परिकल्पना को मूर्त रूप देने के लिए जितना जल्दी हो सके सभी केंद्रीय और राज्यों के शहरी विकास प्राधिकारों की कार्यशाला आयोजित की जाए।
प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से कहा, "उन मानकों की पहचान की जाए जो स्मार्ट शहरों के निर्माण के लिए तय होने चाहिए। 21वीं सदी के ऐसे शहरों के लिए जरूरी बुनियादी ढांचे की मूल बातें, जीवन की गुणवत्ता और नागरिक केंद्रित सेवाओं की पहचान की जानी चाहिए।"
कचरा प्रबंधन जरूरी हिस्सा
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रधानमंत्री कार्यालय, शहरी विकास मंत्रालय और सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधिकारी शामिल हुए। प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि "कचरे को दौलत मे बदलने" के लिए ठोस कचरा प्रबंधन और अपशिष्ट जल उपचार इन स्मार्ट शहरों का महत्वपूर्ण हिस्सा होगा। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे स्मार्ट शहरों की योजनाएं बनाते समय "शहरी आबादी" के अलावा "शहर निर्भर आबादी" को भी ध्यान में रखें।
उद्देश्यः शहरी प्रशासन सुधारना
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्मार्ट शहरों का उद्देश्य शहरी शासन की गुणवत्ता सुधारना होना चाहिए, ताकि राष्ट्रीय स्तर पर शासन प्रक्रिया को मजबूत और बेहतर करने में मदद मिले। उन्होंने कहा कि केंद्रीय और राज्यों के शहरी विकास प्राधिकारों की कार्यशाला शहरी विकास से संबंधित कानूनों में सुधार लाने पर केंद्रित होना चाहिए।
21वीं सदी के आर्थिक केन्द्र बनें 100 स्मार्ट शहर
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि देशभर में विकसित होने वाले 100 स्मार्ट शहर 21वीं सदी के अनुरूप आर्थिक गतिविधियों के केन्द्र बनकर उभरना चाहिए। इनकी विकास योजना में शहर जनसंख्या के साथ शहरों पर निर्भर आबादी का विशेष तौर पर ख्याल रखने पर भी जोर दिया गया है।
स्मार्ट शहरों के विकास पर आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि स्मार्ट सिटी की पहल का एक उद्देश्य शहरी शासन की गुणवत्ता सुधारना होना चाहिए। इसके लिए देश की समावेशी शासन प्रक्रियाओं को अधिक से अधिक शक्ति प्रदान की जाए। इन शहरों के मानक तय करते समय इन्हें आर्थिक केन्द्र बनाने पर विशेष ध्यान देना चाहिए। उन्होंने शहरी विकास मंत्रालय को केन्द्र व राज्यों के विकास प्राधिकरणों की बैठक जल्द बुलाने का भी सुझाव दिया।
मोदी ने स्मार्ट शहरों के विकास के कुछ मानकों-बुनियादी ढांचा, जीवन का स्तर, नागरिक केन्द्रित सेवाओं पर सर्वाधिक जोर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि कार्यशाला में शहरी विकास से संबंधित कानूनों में सुधार लाने के बारे में ध्यान दिया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने उन मानदंडों की पहचान करने का आह्वान किया, जिन्हें स्मार्ट शहरों के लिए लागू किया जा सके।
उन्होंने अधिकारियों से मूल ढांचे के मूल तत्वों, जीवन की गुणवत्ता और नागरिक केंद्रित सेवाओं की पहचान करने के लिए कहा क्योंकि यह 21वीं सदी के शहरों के लिए आवश्यक होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि शहरों की आर्थिक गतिविधियों के केंद्र के रूप में पहचान होनी चाहिए।
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