घर बैठे होगी अमेरिकी विवि से पढ़ाई
मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी की शैक्षणिक उपाधि (डिग्री) को लेकर जितने भी विवाद रहे हों, लेकिन उनकी कोशिश रंग लाई तो जल्द ही लोगों के लिए घर बैठे ना सिर्फ दुनिया के शीर्ष संस्थानों की क्लास करना मुमकिन होगा, बल्कि उन्हें इसके लिए सरकारी सर्टिफिकेट भी मिलेगा।
नई दिल्ली [मुकेश केजरीवाल]। मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी की शैक्षणिक उपाधि (डिग्री) को लेकर जितने भी विवाद रहे हों, लेकिन उनकी कोशिश रंग लाई तो जल्द ही लोगों के लिए घर बैठे ना सिर्फ दुनिया के शीर्ष संस्थानों की क्लास करना मुमकिन होगा, बल्कि उन्हें इसके लिए सरकारी सर्टिफिकेट भी मिलेगा।
व्यापक ऑनलाइन पाठ्यक्रम की 'स्वयं' योजना के तहत मंत्रालय कुछ चुनिंदा आनलाइन पाठ्यक्रमों के साथ इसकी शुरुआत करने को तैयार है। स्नातकोत्तर स्तर तक के इन पाठ्यक्रम को तैयार करने में अमेरिकी विश्वविद्यालयों के साथ ही आइआइटी और आइआइएम जैसे भारत के शीर्ष संस्थान भी शरीक हैं।
मंत्रालय के एक शीर्ष सूत्र बताते हैं कि 'स्वयं' (स्टडी वेब आफ एक्टिव लर्निग फार यंग एस्पायरिंग माइंड्स) कार्यक्रम के लिए ढांचागत व्यवस्था पूरी कर ली गई है। शुरुआती पाठ्यक्रमों की पहचान कर उन्हें अंतिम रूप दिया जा रहा है। जल्दी ही कार्यक्रम औपचारिक तौर पर शुरू कर दिया जाएगा। इसके तहत इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान के दर्जनों पाठ्यक्रम उपलब्ध करवाए जाएंगे। कोई भी व्यक्ति मुफ्त रजिस्ट्रेशन करवा कर इन ऑनलाइन पाठ्यक्रमों का फायदा उठा सकेगा। साथ ही वह चाहेगा तो बहुत मामूली शुल्क दे कर इसके लिए सर्टिफिकेट (प्रमाण पत्र) भी हासिल कर सकेगा।
शीर्ष सूत्र के मुताबिक, विदेशी विवि की ओर से अभी उपलब्ध पाठ्यक्त्रमों से यह कई मायने में अलग होगा। ये पाठ्यक्रम खास तौर पर भारतीय छात्रों को ध्यान में रख कर तैयार किए जा रहे हैं। इनमें विदेशी शीर्ष विवि के साथ ही भारतीय शीर्ष संस्थान भी शरीक होंगे। यह पूरा काम सरकारी एजेंसी के संयोजन में होगा। इसका सर्वर भारत में होगा और साथ ही इसे सरकारी मान्यता भी होगी।
मंत्रालय को उम्मीद है कि अगले दो साल के अंदर यह कार्यक्रम बहुत लोकप्रिय हो सकता है। सरकार का दावा है कि अगले दो-तीन साल में कम से कम एक करोड़ लोगों को इसका फायदा मिलेगा। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपलब्ध ऐसे मैसिव ओपन आनलाइन कोर्स (एमओओसी) के प्रयोग पिछले दो साल के दौरान काफी लोकप्रिय हो चुके हैं।
मगर अब तक इन पर रजिस्टर करने वाले छात्रों की संख्या कुछ लाख ही है। ऐसे ही मुक्त आनलाइन कोर्स ईडीएक्स से हार्वर्ड, बर्कले, एमआइटी के साथ ही भारत के आइआइटी मुंबई, आइआइएम, बेंगलुरू और बिट्स पिलानी भी जुड़े हैं। इस कार्यक्रम के तहत छात्रों को पाठ्य सामग्री, वीडियो व प्रश्नों के माडल सेट के अलावा आपस में संवाद का मौका भी उपलब्ध होगा। हालांकि, मंत्रालय के ही एक अन्य अधिकारी बताते हैं कि संप्रग सरकार के दौरान भी ऐसी ही योजना तैयार की गई थी। विभिन्न आइआइटी और आइआइएम ने एक साथ मिल कर 'नेशनल प्रोग्राम ऑन टेक्नोलॉजी एनहैंस्ड लर्निग' के तहत ऐसी ही व्यवस्था इस साल मार्च में शुरू की थी जिसमें नैसकॉम और गूगल भी साझेदार थे।
अब अमेरिकी विवि को इसमें शामिल कर बिल्कुल नया नाम दे दिया गया है, जबकि पुरानी पहल को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। साथ ही वे सावधान करते हुए कहते हैं कि अभी देखना होगा कि यह सिर्फ ईडीएक्स की नकल रह जाती है या वास्तव में कुछ मौलिक होता है।
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