Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    किसी में नहीं नरेंद्र मोदी से मुकाबले की क्षमता: नीतीश कुमार

    By Bhupendra SinghEdited By:
    Updated: Tue, 01 Aug 2017 06:10 AM (IST)

    बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुकाबले कोई नहीं है।

    किसी में नहीं नरेंद्र मोदी से मुकाबले की क्षमता: नीतीश कुमार

    राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुकाबले कोई नहीं है। उनसे मुकाबले की क्षमता किसी में नहीं है। वह फिर जीतेंगे। भाजपा के साथ मिलकर बिहार में सरकार बनाने के बाद पहली बार मीडिया से बात करते हुए नीतीश ने साफ कहा कि अगली बार भी केंद्र की सत्ता पर राजग के सिवाय कोई दूसरा काबिज नहीं हो सकता।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

     नीतीश ने कहा कि बहुत जल्द जदयू राष्ट्रीय स्तर पर राजग का हिस्सा हो जाएगा। बिहार के मुख्यमंत्री ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर भी व्यंग्य किया। उनसे पूछा गया कि राहुल गांधी ने कहा कि उनके भाजपा में जाने के फैसले का एहसास उन्हें तीन माह पहले से था? जवाब में नीतीश बोले कि यह खुशी की बात है कि उन्हें भी एहसास होने लगा है। जब हम हाल ही में उनसे मिले थे, तब तो उन्हें एहसास नहीं हो रहा था। जब उन्हें मालूम ही था तो हमें पहले ही कह देते। कांग्रेस के साथ संकट यह था कि हम उन्हें मदद करना चाहते थे, पर मेरी भूमिका उन्हें पसंद ही नहीं थी। हम सहयोगी हो सकते हैं, पर फॉलोअर नहीं। नीतीश ने लालू प्रसाद और राजद के अन्य नेताओं पर भी हमले किए।

     नीतीश ने कहा कि किसी को अहंकार नहीं पालना चाहिए। अहंकार बुरी चीज है। लोग कह रहे हैं कि उनके बूते हमें इतनी सीटें मिलीं। बताएंगे क्या कि 2010 के चुनाव में राजद को कितनी सीटें आई थीं?

    मेरा नाम तक बुरा लगता था लालूजी को : नीतीश

     प्रधानमंत्री की तारीफ करते हुए नीतीश ने कहा, फिर जीतेंगे मोदी - कहा, अहंकार न पालें लालू, 2010 का चुनाव परिणाम याद नहीं है क्या?

     जदयू की हैसियत नहीं कि राष्ट्रीय महात्वाकांक्षा पाले

     मुख्यमंत्री ने कहा कि सिर्फ बिहार की बदौलत जदयू को मान्यता है। बिहार की इकाई ने यहां भाजपा के साथ सरकार बनाने का निर्णय लिया। राष्ट्रीय स्तर पर जदयू को क्या करना है, इसका निर्णय 19 अगस्त को पटना में हो रही जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लिया जाएगा। जदयू की हैसियत उस तरह की नहीं कि हम राष्ट्रीय स्तर पर कोई महात्वाकांक्षा पालें। भाजपा के साथ सरकार बनाने के फैसले पर शरद यादव की नाराजगी के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में अलग-अलग विचार होते हैं। राष्ट्रपति चुनाव में रामनाथ कोविंद के समर्थन के निर्णय पर भी शरद जी को तकलीफ थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो कुछ भी हुआ है वह कोई नियोजित विषय नहीं है। मेरे सामने कोई दूसरा विकल्प नहीं था। हमने अपनी क्षमता भर महागठबंधन चलाने की पूरी कोशिश की, लेकिन भ्रष्टाचार से मैं समझौता कैसे करता?

     मुझे मालूम है मेरी आलोचना होगी, लेकिन हम अपने काम से यह सिद्ध कर देंगे कि आलोचना का कोई मतलब नहीं।मेरा नाम तक बुरा लगता था लालूजी को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी बात कह रहे थे, तभी सवाल आया आप तो यह कहा करते थे कि मिट्टी में मिल जाएंगे, भाजपा में नहीं जाएंगे? ऐसा क्या हुआ कि आप बदल गए। नीतीश ने जवाब दिया, यह पूर्व का संदर्भ है। मेरे पास दो विकल्प थे। क्या भ्रष्टाचार से समझौता कर हम अपनी पहचान को विलुप्त कर देते? हमारे पास दूसरा विकल्प यह था कि बिहार के हित में फैसला लें। हमने बिहार के हित में फैसला लिया।

     सरकार बनने और मंत्रिमंडल गठन वगैरह का काम पूरा होने के बाद सोमवार को मुख्यमंत्री ने प्रेस कांफ्रेंस की। उन्होंने महागठबंधन तोड़ने पर अपनी स्थिति साफ की। नीतीश ने कहा कि महागठबंधन मैंने कैसे चलाया, क्या-क्या बताएं? दो-तीन महीने के बाद तो लालू जी को 'लालू-नीतीश जिंदाबाद' के नारे तक अच्छे नहीं लगते थे। उन्हें अच्छा नहीं लगता था कि उनके साथ मेरा नाम जुड़े।