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    नक्सलियों से मोर्चा नहीं लेगी सेना

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    Updated: Mon, 27 May 2013 10:33 PM (IST)

    रक्षा मंत्री एके एंटनी ने आज कहा कि छत्तीसगड़ या देश के किसी अन्य हिस्से में नक्सल विरोधी अभियान में सेना को लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। एंटनी ने कहा कि छत्तीसगढ में नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई में राज्य की पुलिस और अधर सैनिक बलों को सैन्य बलों का पूरा सहयोग उपलब्ध कराया जाएगा, लेकिन सेना को सीधे इस कार्रवाई म

    नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। हाल में बर्बर नक्सली हिंसा का शिकार हुए छत्तीसगढ़ सहित देश के किसी भी हिस्से में चलाए जाने वाले नक्सल विरोधी अभियान में सेना का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। रक्षा मंत्री एके एंटनी ने कहा कि नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई में सेना को सीधे उतारने का कोई प्रस्ताव नहीं है। इस बीच, केंद्र सरकार ने अ‌र्द्धसैनिक बल के 2,000 अतिरिक्त जवान छत्ताीसगढ़ भेज दिए हैं। वहीं, सोमवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने छत्ताीसगढ़ में कांग्रेसी नेताओं पर हुए हमले की जांच शुरू कर दी है। गौरतलब है कि नक्सली हिंसा से जुड़ा यह पहला मामला है, जिसकी जांच एनआइए कर रही है।

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    एंटनी ने कहा कि सेना नक्सल प्रभावित इलाकों में लगे अ‌र्द्धसैनिक बल के जवानों को प्रशिक्षण देती है, जबकि वायुसेना अपने हेलीकॉप्टरों से नक्सल विरोधी अभियानों में सहयोग कर रही है। शनिवार के नक्सली हमले के बाद वायुसेना के हेलीकॉप्टरों ने रात में भी उड़ान भरी थीं। उन्होंने स्पष्ट किया कि सहयोग के इतर नक्सल विरोधी अभियानों में सेना को सीधे नहीं उतारा जाएगा। एंटनी का यह बयान ऐसे समय आया है, जब नक्सलियों ने छत्ताीसगढ़ में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हमला कर पार्टी नेतृत्व का सफाया ही कर दिया। हमले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंद कुमार पटेल, उनके बेटे दिनेश पटेल और सलवा जुडूम के संस्थापक नेता महेंद्र कर्मा सहित 27 की हत्या कर दी, जबकि 32 घायल हुए थे। घटना के बाद राजनेताओं को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए छत्ताीसगढ़ सरकार द्वारा की गई अतिरिक्त बलों की मांग पर केंद्र सरकार ने सोमवार को अ‌र्द्धसैनिक बल के 2000 अतिरिक्त जवान राज्य भेज दिए हैं। वहीं, छत्ताीसगढ़ के डीजीपी रामनिवास ने बताया कि राज्य में पहले से मौजूद अ‌र्द्धसैनिक बल में से एक हजार जवानों को तलाशी अभियान के लिए जंगल में उतार दिया गया है।

    इस बीच, एनआइए ने कांग्रेस के नेताओं पर नक्सली हमले की जांच शुरू कर दी है। जांच की जिम्मेदारी एनआइए की लखनऊ ब्रांच को सौंपी गई है। इसके अधिकारी सोमवार को छत्ताीसगढ़ पहुंच गए। एनआइए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उनकी जांच के दायरे में हमले की साजिश और शामिल नक्सलियों के साथ-साथ सुरक्षा चूक भी शामिल है। टीम ने सुकमा में घटनास्थल का दौरा कर स्थिति का जायजा ले लिया है और अब चश्मदीदों से पूछताछ शुरू होगी। एनआइए यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि आखिर नक्सलियों की हिटलिस्ट में रहने वाले वरिष्ठ नेताओं को पुख्ता सुरक्षा बंदोबस्त के बगैर कैसे जाने दिया गया। इसके तहत राज्य और जिले के आला अफसरों की भूमिका की जांच भी की जाएगी। इतने बड़े हमले की खुफिया जानकारी नहीं मिलना खुफिया विभाग की बड़ी नाकामी के रूप में देखा जा रहा है। जांच और सुरक्षा की तैयारियों का लेखा-जोखा लेने के लिए केंद्रीय गृह सचिव आरके सिंह और खुफिया ब्यूरो के प्रमुख आसिफ इब्राहिम मंगलवार को छत्ताीसगढ़ पहुंच रहे हैं। गृह सचिव के साथ नक्सल विरोधी अभियान की कमान संभाल रहे सीआरपीएफ के आला अधिकारी भी होंगे।

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