पीएम के खिलाफ कोई सुबूत नहीं
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। 2जी घोटाले की जांच के तौर-तरीकों को लेकर सवालों से घिरे जेपीसी अध्यक्ष पीसी चाको बचाव में उतर आए हैं। उन्होंने इस मामले में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को क्लीनचिट देने पर भी सफाई दी है। चाको की नजर में मामले से जुड़ी फाइलों और रिकॉर्ड में मनमोहन व चिदंबरम को दोषी ठहराने वाला कोई सुबूत नहीं है। इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री व वित्त मंत्री को संयुक्त संसदीय समिति [जेपीसी] के सामने नहीं बुलाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि समिति के ज्यादातर सदस्य दोनों को बुलाने पर सहमत नहीं थे।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। 2जी घोटाले की जांच के तौर-तरीकों को लेकर सवालों से घिरे जेपीसी अध्यक्ष पीसी चाको बचाव में उतर आए हैं। उन्होंने इस मामले में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को क्लीनचिट देने पर भी सफाई दी है। चाको की नजर में मामले से जुड़ी फाइलों और रिकॉर्ड में मनमोहन व चिदंबरम को दोषी ठहराने वाला कोई सुबूत नहीं है। इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री व वित्त मंत्री को संयुक्त संसदीय समिति [जेपीसी] के सामने नहीं बुलाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि समिति के ज्यादातर सदस्य दोनों को बुलाने पर सहमत नहीं थे।
सूत्रों का कहना है कि समिति की बैठकों में मनमोहन व चिदंबरम को बुलाने के सवाल पर कभी चर्चा ही नहीं हुई, जबकि अध्यक्ष का कहना है कि समिति के 30 सदस्यों में महज आधा दर्जन ही इस पक्ष में थे, जबकि बहुमत इसके खिलाफ था। गौरतलब है कि समिति में शामिल भाजपा व वामदलों के सदस्य मनमोहन सिंह व चिदंबरम को समिति के सामने बुलाने की बार-बार मांग करते रहे हैं, लेकिन चाको ने उनकी बात को तवज्जो ही नहीं दी।
ऐसे में चाको के रुख से दोनों दलों की नाराजगी और भी बढ़ गई है। इन स्थितियों के बीच, अंदाजा लगाया जा सकता है कि जेपीसी की मसौदा रिपोर्ट का क्या हाल होगा। अध्यक्ष ने स्पष्ट कर दिया है कि मामले की जांच के दौरान समिति के सामने आई फाइलों और रिकॉर्ड में कोई भी ऐसा तथ्य नहीं मिला, जो प्रधानमंत्री व वित्त मंत्री को दोषी ठहराता हो। मामले में मुख्य आरोपी पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा को भी बार-बार गुहार के बावजूद समिति के सामने नहीं आने देने पर उन्होंने कहा कि उन्हें खुद आने के बजाय अपना प्रतिवेदन देने का मौका दिया गया था।
गौरतलब है कि राजा के मुताबिक उन्होंने 2जी मामले में जो किया, प्रधानमंत्री व वित्त मंत्री को उसकी पूरी जानकारी थी। फिर भी चाको का कहना है कि जांच के दौरान गवाहों से मिली जानकारियों को फाइलों में उपलब्ध तथ्यों से मिलाने के बाद ही उन्होंने निष्कर्ष निकाला है। चाको ने स्पष्ट कर दिया है कि वह जेपीसी अध्यक्ष पद से इस्तीफा नहीं देने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनसे समिति सदस्यों ने इस्तीफा नहीं मांगा है। अलबत्ता, कुछ सदस्यों ने लोकसभा अध्यक्ष से संपर्क कर यह मांग जरूर की है, लेकिन उसका कोई मतलब इसलिए नहीं है क्योंकि चेयरमैन को हटाने का ऐसा कोई नियम ही नहीं है।
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