पूर्व भारतीय नेवी ऑफिसर कुलभूषण जाधव को पाक नहीं देगा काउंसलर एक्सेस
कुलभूषण को पाकिस्तान की मिलिट्री कोर्ट ने विध्वंसकारी साजिशें रचने और जासूसी के आरोप में फांसी की सज़ा सुनाई है। भारत ने कहा है कि वह कुलभूषण को बचाने के लिए हर संभव कोशिश करेगा।
नई दिल्ली (एएनआई)। कथित जासूसी के आरोप में पाकिस्तान की मिलिट्री कोर्ट से फांसी की सज़ा पा चुके भारतीय नौसेना के पूर्व ऑफिसर कुलभूषण जाधव को राजनयिक पहुंच की इजाजत नहीं दी जाएगी। पाकिस्तान की सेना की तरफ से साफ कर दिया गया है कि कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस की इजाजत नहीं होगी।
गौरतलब है कि कुलभूषण जाधव के बारे में भारत सरकार यह बात कह चुकी है कि जाधव को बचाने के लिए हरसंभव कोशिश की जाएगी। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सदन को आश्वासन देते हुए कहा था कि कुलभूषण जाधव भारत का बेटा है और आउट ऑफ द वे जाकर भी बचाने की पूरी कोशिश की जाएगी। लेकिन, भारत की तरफ से बार-बार अनुरोध किए जाने के बावजूद पाकिस्तान पूर्व भारतीय नेवी ऑफिसर को राजनयिक पहुंच देने से इनकार कर रहा है।
कुलभूषण को पाकिस्तान की मिलिट्री कोर्ट ने विध्वंसकारी साजिशें रचने और जासूसी के आरोप में फांसी की सज़ा सुनाई है। भारत ने कहा कि अगर कुलभूषण जाधव को फांसी दी जाएगी तो भारत इसे पूर्व नियोजित हत्या मानेगा। भारत की तरफ से पहले भी कई बार जाधव को काउंसलर एक्सेस देने की मांग की गई, लेकिन पाकिस्तान ने उस मांग को खारिज कर दिया।
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अमेरिका की पाकिस्तान को हिदायत
पाकिस्तान के नेतृत्व की तरफ से सिर्फ कुछ ही सीमित आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई पर अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल एच.आर. मैकमास्टर ने उसकी कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को अफगानिस्तान और अन्य जगहों पर अपने हितों को लेकर वहां कूटनीति का इस्तेमाल करना चाहिए ना कि छद्म रवैये (प्रॉक्सीज) का।
अफगानिस्तान के टेलीविज़न चैनल टोलो न्यूज़ को दिए इंटरव्यू में पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए उस पर परोक्ष तौर पर तालिबान का इस्तेमाल करने और उसके नेताओं को शरण देने का आरोप लगाया। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, युद्धग्रस्त देश अफगानिस्तान के दौरे के समय मैकमास्टर ने कहा, “जैसे कि हम सभी पिछले कई वर्षों से यह उम्मीद कर रहे थे- हमें इस बात की आशा है कि पाकिस्तान का नेतृत्व इस बात को समझेगा कि यह उनके हित में है।”
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि अफगानिस्तान के अधिकारियों ने मैकमास्टर से चर्चा के दौरान कहा कि यह सामान्य धारणा है कि पाकिस्तान में मौजूद आतंकी संगठनों से लगातार यहां ख़तरा बना हुआ है।
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