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बजट पूर्वाकलन: बिजली नेटवर्क का नया खाका होगा पेश

पिछले चार वर्षो की तमाम कोशिशों के बावजूद बिजली नेटवर्क को सुधार पाने में बहुत सफल नहीं रही केंद्र सरकार अब लीक से हटकर कदम उठाने की सोच रही है। देश के बिजली वितरण नेटवर्क को बनाने के लिए राजग सरकार एक नई स्कीम तैयार कर रही है। इसकी घोषणा

By Sanjay BhardwajEdited By: Published: Wed, 18 Feb 2015 08:50 PM (IST)Updated: Wed, 18 Feb 2015 09:05 PM (IST)

नई दिल्ली [जयप्रकाश रंजन]। पिछले चार वर्षो की तमाम कोशिशों के बावजूद बिजली नेटवर्क को सुधार पाने में बहुत सफल नहीं रही केंद्र सरकार अब लीक से हटकर कदम उठाने की सोच रही है। देश के बिजली वितरण नेटवर्क को बनाने के लिए राजग सरकार एक नई स्कीम तैयार कर रही है। इसकी घोषणा आम बजट 2015-16 में वित्त मंत्री अरुण जेटली करेंगे। यह स्कीम न सिर्फ कर्ज में दबे राज्यों की वितरण कंपनियों को राहत देगी, बल्कि बिजली डिस्ट्रीब्यूशन में पांच लाख करोड़ रुपये के नए निवेश का रास्ता भी साफ करेगा।

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बिजली मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक उत्पादन क्षमता को बढ़ाने को लेकर काफी हद तक काम रास्ते पर है, मगर बिजली वितरण नेटवर्क की स्थिति अभी तक खस्ताहाल है। राज्यों की विद्युत वितरण कंपनियां भारी घाटे में चल रही हैं। इनकी वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए संप्रग सरकार की तरफ से जो नीति लाई गई थी, वह अमूमन फ्लॉप हो चुकी है। ऐसे में डिस्ट्रीब्यूशन व ट्रांसमिशन को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर अभियान चलाने की जरूरत है। इसकी घोषणा वित्त मंत्री करेंगे। इसे चरणबद्ध तरीके से बिजली मंत्रालय के तत्वाधान में लागू किया जाएगा। सरकार की कोशिश होगी कि बिजली वितरण पर देश के समक्ष एक प्रायोगिक खाका पेश किया जाए।

बजटीय प्रावधानों के बारे में वित्त मंत्री अरुण जेटली और बिजली व कोयला मंत्री पीयूष गोयल के बीच कई स्तरों की बातचीत हुई है। जानकारों का कहा है कि वित्त मंत्री के बजटीय भाषण में बिजली क्षेत्र पर खासा जोर रहेगा। उनकी तरफ से हर राज्य के लिए 20 वर्षीय बिजली योजना बनाने और समयबद्ध तरीके से चौबीसों घंटे बिजली देने की भी रणनीति का भी एलान किया जा सकता है। इसका लाभ उन्हीं राज्यों को मिलेगा, जो बिजली सुधार में केंद्र के साथ सहयोग करेंगे। वित्त मंत्री अगले पांच वर्षो के भीतर सभी घरों को मीटर से जोड़ने की घोषणा कर सकते हैं। सभी बड़े उपभोक्ताओं और फैक्ट्रियों को स्मार्ट मीटर से जोड़ने की भी पहल भी की जा सकती है। जाहिर है कि इन सभी घोषणाओं को अमली जामा पहनाने का काम बिजली मंत्रालय की तरफ से होगा। इनमें से कुछ पर तो पहले से ही काम चल रहा है।

ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क को सुदृढ़ बनाने की सरकार की योजना का एक अहम हिस्सा होगा, राष्ट्रीय स्तर पर किसानों के लिए अलग बिजली लाइन का बनाना। यह योजना पहली बार गुजरात में आजमाया गया था। सरकार अब इसे राष्ट्रीय स्तर पर फैलाने जा रही है। इसी तरह से जिस तरह से देश में गैर पारंपरिक ऊर्जा स्त्रोतों से बनने वाली बिजली की हिस्सेदारी बढ़ती जा रही है। उनके लिए भी डिस्ट्रीब्यूशन व ट्रांसमिशन की व्यवस्था करने का इंतजाम भी इस घोषणा में होगा।

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