युवाओं में बढ़ती कट्टरता नई चुनौती
नई दिल्ली [जाब्यू]। युवाओं में बढ़ती कंट्टरता देश के लिए नया खतरा बन गई है। पिछले दिनों बेंगलूर में पकड़े गए पढ़े-लिखे युवा आतंकियों का उल्लेख करते हुए खुफिया ब्यूरो [आइबी] के प्रमुख नेहचल संधू ने इससे निपटने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत पर बल दिया। उनके अनुसार इंटरनेट और मोबाइल पर आतंकी एवं अलगाववादी गतिविधियां सुरक्षा एजेंसियों के लिए नई चुनौती बनकर उभरी हैं।
नई दिल्ली [जाब्यू]। युवाओं में बढ़ती कंट्टरता देश के लिए नया खतरा बन गई है। पिछले दिनों बेंगलूर में पकड़े गए पढ़े-लिखे युवा आतंकियों का उल्लेख करते हुए खुफिया ब्यूरो [आइबी] के प्रमुख नेहचल संधू ने इससे निपटने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत पर बल दिया। उनके अनुसार इंटरनेट और मोबाइल पर आतंकी एवं अलगाववादी गतिविधियां सुरक्षा एजेंसियों के लिए नई चुनौती बनकर उभरी हैं।
पुलिस महानिदेशकों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए नेहचल संधू ने कहा कि युवाओं में बढ़ती कंट्टरता का फायदा आतंकी संगठन उठाने की कोशिश कर रहे हैं। बैंग्लूर में पकड़े गए लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी मॉड्यूल का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि युवाओं में बढ़ती कंट्टरता को खत्म करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए। उनके अनुसार युवाओं की कंट्टरता कम करने में संबंधित समुदाय से जुड़े बड़े लोग अहम भूमिका निभा सकते हैं।
संधू ने कहा कि सीमा पार से एक बार फिर पंजाब और उससे सटे राज्यों में खालिस्तानी आतंकवाद को पुनर्जीवित करने की कोशिश हो रही है। इसके लिए बब्बर खालसा इंटरनेशनल समेत खालिस्तान आतंकवाद से जुड़े तीन आतंकी संगठनों की ओर से धन मुहैया कराया जा रहा है। पंजाब एवं उससे सटे राज्यों में इन संगठनों से जुड़े लोगों को बड़ी मात्रा में विदेश से धन मिल रहा है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी [एनआइए] ने इसकी जांच शुरू कर दी है।
नक्सलियों से निपटने में सुरक्षा बलों को मिली सफलता का उल्लेख करते हुए आइबी प्रमुख ने दावा किया कि इससे बड़े नक्सली शहरी ठिकानों को छोड़कर जंगलों में भागने के लिए मजबूर हुए हैं। कई इलाकों से नक्सलियों को खदेड़ने में भी सुरक्षा बलों को सफलता मिली है। लेकिन नक्सली अब भी सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बने हुए हैं।
इंटरनेट और साइबर स्पेस में चल रही आतंकी एवं अलगाववादी गतिविधियों की निगरानी में सुरक्षा एजेंसियों की कमजोरी का जिक्र करते हुए आइबी प्रमुख ने कहा कि इसके लिए नए सिरे से तैयारी करनी होगी। इंटरनेट पर मौजूद आतंकी सामग्री की पहचान ही काफी नहीं है। बल्कि इसे अपलोड करने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी होगी।
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