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    असम: अब तक 78 की मौत, राजनाथ ने कहा आतंकी हमला

    By vivek pandeyEdited By:
    Updated: Thu, 25 Dec 2014 01:02 PM (IST)

    आदिवासी हिंसक हो गए और बोडो कार्यकर्ताओं के घरों में आग लगा दी।इस बीच केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह असम पहुंच चुके हैें। वे उन दोनों ही स्‍थानों पर जाएंगे जहां उग्रवादियों ने इन हत्‍याओं को अंजाम दिया था।

    गुवाहाटी/ नई दिल्ली। असम में मंगलवार रात बोडो उग्रवादियों के हमले में मरने वालों की संख्या बढ़कर 78 तक पहुंच गई है। इसके साथ्ा ही दो सौ से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं। बुधवार को इस घटना का विरोध कर रहे आदिवासियों पर पुलिस की फायरिंग में भी 5 लोग मारे गए हैं। इसके बाद से पूरे इलाके में तनाव की स्थिति है।

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    घटनास्थल का दौरा करने पहुंचे केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इन दो गावों में जो किया गया है वह किसी तरह से महज विद्रोही गतिविधि नहीं है। बल्कि यह पूरी तरह से आतंकवादी हमला है। उन्होंने कहा कि इन आतंकियों को खत्म करने का हर प्रयास किया जाएगा।

    इससे पहले अपने परिजनों की हत्या से उग्र आदिवासी हिंसक हो गए और बोडो कार्यकर्ताओं के घरों में आग लगा दी।इस बीच सूचना है कि कोकराझार के गोसाइगांव में फिर हिंसा भड़क उठी है। इधर, पुलिस के साथ हुए संघर्ष में जहां 3 आदिवासियों को पुलिस की गोलियां लगीं, वहीं 2 आदिवासियों को उन्हीं के लोगों ने मार दिया। पुलिस स्थिति संभालने में जुटी है।

    पुलिस ने हमले के लिए प्रतिबंधित संगठन एनडीएफबी (एस) को जिम्मेदार ठहराया है। वहां मारे गए लोगों में बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं। इस स्थिति के मद्देनजर पूरे असम में रेड अलर्ट घोषित कर दिया गया है। दूसरी तरफ पीएम नरेन्द्र मोदी ने मरने वालों के परिवारों को 2-2 लाख रुपए की राहत राशि देने की घोषणा की है।

    आदिवासियों का विरोध मार्च

    हमले से गुस्साए आदिवासियों ने बुधवार को विरोध मार्च निकाला और कथित तौर पर बोडो समुदाय के लोगों के पांच मकानों को सोनितपुर जिले के बिश्वनाथ चिरैली पुलिस चौकी के तहत आने वाले क्षेत्र फूलोगुरी में आग लगा दी. चाय बागान के हजारों कर्मचारियों ने हाथों में तीर-कमान लेकर प्रदर्शन रैलियां निकालीं. प्रदर्शनकारियों ने सोनितपुर के धेकियाजुली के पास एनएच-15 को सात किलोमीटर तक जाम कर दिया.

    पीएम और सीएम का विरोध

    सामूहिक हत्याओं के विरोध में सोनितपुर समेत तीनों जिलों में लोग सड़कों पर उतर आए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री तरुण गोगोई और नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. इसी प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने लोगों पर गोलियां चला दी, जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई. तीनों मौतों की जानकारी खुद सीएम तरुण गोगोई ने दी.

    5 लाख की राहत राशि

    उग्रवादी हमले में मारे गए लोगों के परिजनों को केन्द्र सरकार की ओर से 5 लाख रुपए और प्रधानमंत्री राहत कोष की तरफ 2 लाख रुपए की राहत राशि देने की घोषणा हुई है। वहीं घटना में घायल हुए लोगों को 50-50 हजार की राहत राशि देने की घोषणा की गई है।

    5000 जवानों की तैनाती

    गृह राज्य मंत्री किरेन रिजीजू ने बताया कि केंद्र असम की अपील पर केंद्रीय बलों की 50 कंपनियां (5000) भेज रहा है। उन्होंने कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस प्रकार की हिंसा हुई जबकि हम पहले ही यह संदेश दे चुके हैं कि हिंसा और विकास साथ-साथ नहीं चल सकते'। एनडीएफबी-एस धड़े के बोडो उग्रवादियों द्वारा किए गए श्रृंखलाबद्ध हमलों के मद्देनजर केंद्र सीआरपीएफ के 5000 जवानों को असम भेजा जा रहा है।

    तस्वीरों में देखिए बोडो के खिलाफ लोगों में गुस्सा

    तस्वीरों में देखिए असम में हमले के दर्दनाक दृश्य